पराली जलाने की घटनाओं पर अधिकारी रखें नजर : डीसी
उपायुक्त डॉ. जेके आभीर ने कहा कि खेतों में पराली जलाने की
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: उपायुक्त डॉ. जेके आभीर ने कहा कि खेतों में पराली जलाने की घटनाओं पर अधिकारी कड़ी नजर रखें। यदि कोई अधिकारी इस कार्य में कोताही बरतता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों के अनुपालना के सदंर्भ में अधिकारियों द्वारा धान की पराली न जलाने बारे की जा रही गतिविधियों के बारे में अपडेट रहने को कहा। उपायुक्त ने कहा कि प्रधानंमत्री कार्यालय द्वारा स्वयं फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षा की जा रही है, इसलिए इस विषय की गंभीरता को समझते हुए संबंधित अधिकारी किसी प्रकार की कोई कोताही ना बरतें। सरकार द्वारा इस कार्य के लिए ग्रामीण, खंड व उपमंडल स्तर पर कमेटी गठित की गई हैं, जो अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखेंगी। उन्होंने कहा कि जिला के विभिन्न गांव पराली जलाने के मामले में संवेदनशील घोषित किए गए हैं। इन गांवों में संबंधित एसडीएम स्वयं भ्रमण कर मुआयना करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा लोगों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान बारे जागरूक किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर होर्डिंग्स, बैनर्स, नुक्कड़ नाटक आदि द्वारा जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धान की पैदावार करने वाले जिन गांवों में पराली नहीं जलाई जाएगी उनकी पंचायतों को सरकार द्वारा विशेष अनुदान भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, राजस्व विभाग व जिला विकास एवं पंचायत विभाग आपस में तालमेल बनाते हुए लोगों को पराली न जलाने बारे जागरूक करें। यदि कोई व्यक्ति अपने खेत में पराली जलाने का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ तुरन्त एफआईआर दर्ज करवाकर उस पर जुर्माना लगाएं। पराली जलाने वाले दोषी पर ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। उपायुक्त ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा जिला के अनेक लोगों व समूहों को पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरण अनुदान पर उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त कॉमन हाय¨रग सेंटर से भी पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरण किराए पर ले सकते हैं।