अब कस्बावासी सीखेंगे खाद बनानी, सक्षम युवा करेंगे जागरूक
संवाद सूत्र भूना अब कस्बावासी अपने रसोई घर के कचरे से खाद बनाए जाने की विधि सीखेंगे। नगर
संवाद सूत्र, भूना :
अब कस्बावासी अपने रसोई घर के कचरे से खाद बनाए जाने की विधि सीखेंगे। नगरपालिका भूना ने आमजन को उपरोक्त विधि से रूबरू करवाने के लिए 20 सक्षम युवा नियुक्त किए हैं, जो घर-घर जाकर आमजन को अपने घरों में ही एकत्रित होने वाले कचरे से खाद तैयार किए जाने बारे अवगत करवाएंगे। नगर पालिका के उपरोक्त प्रयासों से न केवल कचरा लिफ्टिग की समस्या से छुटकारा मिलेगा, वहीं जीरो-वेस्टेज की परियोजना भी सिरे चढ़ेगी।
बता दें कि सर्वेक्षण-2022 अभियान के तहत नगर पालिका ने उपरोक्त कदम उठाया है।
बुधवार को नगर पालिका कार्यालय में स्वच्छ भारत मिशन फतेहाबाद के सीटी टीम लीडर कुमार सौरभ, इंचार्ज रोहताश कुमार, विनोद कुमार व मोहित कुमार की टीम ने सक्षम युवाओं की बैठक ली और उन्हें घर-घर जाकर जन जागरूकता फैलाने का आह्वान भी किया। उपरोक्त टीम ने सक्षम युवाओं को एक प्रशिक्षण देते हुए बताया कि किसी तरह से रसोईघर के कचरे को मटके में 45 दिनों तक बंद रखकर खाद तैयार कर सकते हैं। ये होगी खाद बनाने की विधि
मिट्टी के तीन मटके लेकर उसमे अलग-अलग जगह दो-तीन सेंटीमीटर परिधि के चार-पांच छेद किए जाते हैं। मटके के तले पर गिली मिट्टी व पेड़ के कुछ पत्ते डाल दिए जाते हैं। इसके बाद रसोई घर का कचरा सब्जी के छिलके, आटा छानस, फल के छिलके आदि उपरोक्त मटके मे डालते रहें। प्रतिदिन रात के समय पुन: पेड़ के पत्ते इसी मटके में डालें और अगले दिन फिर से रसोईघर का कचरा मटके में डालना शुरू कर दें। जब मटका भर जाए तो 45 दिन तक ढक कर रख दें। इस समय अवधि में मटके में जमा कचरा खाद का रूप धारण कर लेगा। यहां कर सकते हैं प्रयोग
स्वच्छ भारत मिशन की टीम ने सक्षम युवाओं को बताया कि वे लोगों को जागरूक करते हुए बताएं कि इस खाद का प्रयोग वे अपने घरों में लगे बाग-बगीचे या खेत खलियान में प्रयोग कर सकते हैं, जो कि जमीन की उर्वरक शक्ति को बढ़ाती है। यह खाद पूरी तरह से असरकारी साबित होगी। जिससे फलदार पौधों की पैदावार भी अच्छी होगी। प्लास्टिक यूज पर लगेगी लगाम
सक्षम युवा अब बाजारों में जाकर दुकानदार व आमजन को प्लास्टिक के बैग, पालिथिन व डिस्पोजल से होने वाले दुष्प्रभावों बारे भी अवगत करवाएंगे। टीम द्वारा बताया जाएगा कि प्लास्टिक पालिथीन जल्दी से नष्ट नहीं होतो और न ही गलता है। जलाने पर भी यह हानिकारक गैस उत्पन्न करता है और इसकी राख भी जल्दी से नष्ट नहीं होती। ऐसे में दुकानदार लोगों को डिस्पोजल व पालिथीन के प्रयोग को बंद करने का आह्वान समक्ष युवाओं द्वारा किया जाएगा। चेतावनी के बाद कटेंगे चालान
इंचार्ज कुमार सौरभ ने बताया कि फिर भी यदि दुकानदार डिस्पोजल या पालिथीन यूज करते हैं तो उनके चालान भी काटें जाएंगे और सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने बताया कि 100 ग्राम पालीथिन बरामद होने पर 500 रुपये जुर्माना होगा, 500 ग्राम पालीथिन बरामद होने पर 1500 रुपये, एक किलोग्राम पालीथिन पर 3000 रुपये, पांच किलोग्राम पालीथिन पर 10 हजार रुपये, 10 किलोग्राम पालीथिन पर 20 हजार रुपये तथा 10 किलोग्राम से अधिक पालीथिन मिलने पर 25 हजार रुपये जुर्माना किए जाएगा। इसके अलावा एनजीटी 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगा सकती है।