किसानों को आधार कार्ड पर मिलेंगे 15 बैग यूरिया, बाहर के किसानों को यूरिया बेची तो फर्म पर होगा मामला दर्ज
जिले में यूरिया का संकट बना हुआ है। अभी तक सरकारी एजेंसी इफको व कृभको के पास यूरिया का रैक नहीं पहुंचा। ऐसे में परेशानी बढ़ने वाली है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
जिले में यूरिया का संकट बना हुआ है। अभी तक सरकारी एजेंसी इफको व कृभको के पास यूरिया का रैक नहीं पहुंचा। ऐसे में परेशानी बढ़ने वाली है। इसकी वजह है कि जिले को जितना स्टॉक मिलता है उसका 70 फीसद तक आवंटित हो चुका है। सरकारी खरीद एजेंसी पर यूरिया नहीं रही। जो पहले यूरिया आई थी उसमें से बड़ी मात्रा में पंजाब के किसान यहां से यूरिया खरीद कर ले गए। मंडी के व्यापारियों ने अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में दूसरे राज्यों के किसानों को गलत तरीके से यूरिया बेच दी। अब विभाग के अधिकारी सचेत हुए तो व्यापारियों की मनमानी कुछ रुकी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन व्यापारियों ने बाहर के किसानों को यूरिया बेची है। उनकी जांच करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन चंद मंडी के व्यापारी राजनीतिक शह पर अब भी पंजाब के के किसानों को खूब यूरिया सप्लाई कर रहे है। वैसे कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. राजेश सिहाग को सूचना मिलने के बाद उन्होंने सख्ती की। अब मंडी के साथ पंजाब बार्डर पर भी निगरानी की जा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने पत्र जारी करके सभी को निर्देश दिया है कि किसी भी किसान को एक आधार कार्ड पर 15 से अधिक यूरिया का बैग न दिए जाए। यदि नियमों की अवहेलना की है तो कार्रवाई होगी। सोमवार को कृषि विभाग के अधिकारियों ने टोहाना, रतिया सहित पंजाब के लगते अनेक स्थानों पर नाके लगाकर वाहनों में यूरिया की जांच की।
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प्रत्येक जिले को आवंटित होते है अलॉट :
यूरिया का बैग किसान को 266 रुपये 50 पैसे में मिलता हैं। लेकिन सरकार को इस पर करीब 970 रुपये का खर्च आता हैं। यानी एक बैग पर सरकार किसान को 703 रुपये का अनुदान दे रही है। कृषि जानकारों का कहना हैं कि यूरिया व डीएपी सहित अन्य उर्वरकों पर केंद्र सरकार 65 हजार करोड़ रुपये का अनुदान देते है। जो मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना से 5 हजार करोड़ अधिक है। ऐसे में प्रत्येक जिले के लिए यूरिया का अलॉट निश्चित है। फतेहाबाद जिले को प्रत्येक वित्त वर्ष में यानी अप्रैल से लेकर मार्च तक 67 हजार टन यूरिया का स्टॉक निश्चित है। अब जिले में करीब 51 हजार टन यूरिया की खपत हो चुकी है। परेशानी यह है कि गेहूं के सीजन में प्रति एकड़ 3 बैग की खपत है।
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कमी हुई तो फर्टिलाइजर कंट्रोल आर्डर 1985 हुआ प्रभावी :
यूरिया व डीएपी सहित अन्य फर्टिलाइजर की कमी होने पर इसकी कालाबाजारी अधिक हो जाती है। इसके लिए फर्टिलाइजर कंट्रोल आर्डर 1985 बनाया हुआ है। गत दिनों पकड़ी गई यूरिया के बाद इसी कानून के अनुसार कार्रवाई की गई है। इसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान है। जो खरीदने व बेचने वालों दोनों पर लागू होता है।
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पंजाब में ट्रेन शुरू होने से परेशानी होगी खत्म :
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में ट्रेन शुरू हो गई है। इससे अब पंजाब में यूरिया का रैक पहुंचना शुरू हो जाएगा। पंजाब में यूरिया आने के बाद फतेहाबाद से होने वाली कालाबाजारी बंद हो जाएगी। दरअसल, पंजाब में किसानों की हड़ताल की वजह से ट्रेन बाधित थी। इसके चलते पंजाब में यूरिया की आपूर्ति भी रुक गई थी। अब किसान ट्रैक से हटे तो यूरिया की आपूर्ति शुरू हो गई।
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इफको व कृभको के अधिकारी नहीं गंभीर :
अनाज मंडी में व्यापारियों के गोदाम यूरिया से भरे हुए है। लेकिन सरकारी बिक्री केंद्र इफको व कृभको पर यूरिया का स्टॉक वीरवार से नहीं है। किसान लगातार इनके पास यूरिया लेने के लिए आ रहे है। लेकिन दोनों सरकारी एजेंसियों के अधिकारी किसानों के लिए चितित नहीं है। उनके प्रबंधकों का कहना है कि अभी तो जिले में यूरिया की जरूरत ही नहीं। जब होगी तब यूरिया आ जाएगी। वहीं इफको के क्षेत्रीय अधिकार बहादुर सिंह गोदारा इस बाबत बात करने के लिए भी तैयार नहीं है। ऐसे में किसानों को परेशानी आने वाली है।
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मैंने सभी सरकारी व प्राइवेट यूरिया बेचने वालों को निर्देश दे दिए है कि वे आधार कार्ड पर ही यूरिया बेचे। वो भी एक आधार कार्ड पर 10 से 15 बैग से अधिक यूरिया न दे। यदि किसी ने बिना आधार कार्ड से यूरिया दी। या निर्देश से अधिक यूरिया दे दी। तो उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा। वैसे जिले में यूरिया की कमी नहीं आने दी जाएगी। बुधवार से पहले जिले में यूरिया का रैक आ जाएगा।
- डा. राजेश सिहाग, उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।
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