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नहीं घटा तापमान,गर्मी और उमस बढ़ी, अब बारिश की भी आस हुई खत्म

जागरण संवाददाता फतेहाबाद इस बार बारिश न होने की वजह से सितंबर महीने में तापमान बहु

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 12:48 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 06:33 AM (IST)
नहीं घटा तापमान,गर्मी और उमस बढ़ी, अब बारिश की भी आस हुई खत्म
नहीं घटा तापमान,गर्मी और उमस बढ़ी, अब बारिश की भी आस हुई खत्म

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : इस बार बारिश न होने की वजह से सितंबर महीने में तापमान बहुत अधिक बना हुआ है। अधिक तापमान के साथ उमस भी भी बढ़ रही है। इससे आमजन परेशान है। वहीं किसानों की फसल खराब हो रही है। सूखा पड़ने के कारण बाजरा, ग्वार व मूंग की फसल खराब हो गई। अब अधिक गर्मी के चलते कपास की फसल भी खराब हो रही है। सबसे अधिक परेशानी धान उत्पादक क्षेत्र में आ रही है। किसानों ने महंगे रेट पर जमीन ठेके पर लेकर काश्त की थी परंतु बारिश न होने के चलते लागत भी पूरे होने की संभावना नहीं है।

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मंगलवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे लोगों को बहुत अधिक परेशानी आई। गत दिनों मौसम विभाग के अनुसार आगामी कुछ दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है। तापमान भी अधिकांश डिग्री पर बना रहेगा। कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे फसलों में नियमित सिचाई करते रहे। कपास की फसल में अवश्य सिचाई करे। इससे उत्पादन पर गर्मी का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। बुधवार को भी तापमान 37 डिग्री से अधिक रहने का अनुमान है।

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आगामी कुछ दिनों तक उमस भरा रहने का अनुमान है। कई क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे। बूंदाबांदी की भी संभावना है। ऐसे में किसान फसलों में सिचाई करे। कपास व धान की फसल में लगातार पानी दे। इससे गर्मी का प्रभाव फसलों पर कम पड़ेगा।

- एमएल खिचड़, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक।

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सूखे का असर कम करने के लिए बनाए व्यवस्था : एकता मंच किसान हित में कार्य कर रहे किसान एकता मंच के सदस्य धर्मवीर काजला, अजय सहारण व पवन हिदुस्तानी ने मांग कि है कि सरकार किसान हित में कार्य करे। इस बार बारिश कम हुई। इसका प्रभाव सीधा फसलों पर पड़ा है। रंगोई नाले की सफाई होती तो हजारों किसानों को घग्घर नहीं का पानी मिलता, लेकिन सरकार ने इसकी सफाई नहीं करवाई। इसी तरह खेतों के पक्के खाल का निर्माण नहीं किया जा रहा है। न ही जल संरक्षण करने वाले किसानों को प्रोहत्सान दिया गया। अब पूरी तरह सूखा है। किसानों को गुमराह करने के लिए ब्याज माफी की घोषण कर दी। उन्होंने मांग कि सरकार उचित व्यवस्था बनाए, ताकि मानसून की बारिश कम होने का असर किसानों पर न पड़े।


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