न्यूकेम प्लाई फैक्टरी की नहीं हुई नीलामी, कर्मचारी हुए निराश
हिसार रोड पर तीस वर्ष पूर्व बनी एशिया की सबसे बड़ी प्लाईवुड की फैक्
संवाद सूत्र, टोहाना :
हिसार रोड पर तीस वर्ष पूर्व बनी एशिया की सबसे बड़ी प्लाईवुड की फैक्टरी न्यूकेम लिमिटेड की जायदाद की नीलामी के जिला सत्र न्यायाधीश द्वारा आदेश देने के बाद नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार की अगुवाही में शुक्रवार को बोली की राशि ज्यादा होने के कारण यह सिरे नहीं चढ़ सकी। जिसके कारण अधिकारियों व बोलीदाताओं को वापस लौटना पड़ा। वहीं न्यूकेम कर्मचारी संघ को उनका बकाया पारिश्रमिक मिलने की उम्मीद भी धरी की धरी रह गई।
गौरतलब है कि वर्ष 1988 में टोहाना में स्थापित न्यूकेम प्लाईवुड फैक्टरी के बनने से क्षेत्र के लगभग 200 लोगों को रोजगार मिला था। लेकिन वर्ष 2011 में फैक्टरी को बंद कर देने से इसके कर्मचारी बेरोजगार हो गए। वहीं 100 कर्मचारियों का फैक्टरी की तरफ लाखों रुपये बकाया रहने से उन्हें रोजी -रोटी के लाले पड़ गए। फैक्टरी के कर्मचारियों की यूनियन ने फैक्टरी मालिकों पर कर्मचारियों का बकाया वेतन ना देने पर न्यायालय की शरण ली। वहीं इस फैक्टरी को कच्चा माल सप्लाई करने वाले व्यापारियों ने भी अलग-अलग न्यायालय में अपनी-अपनी याचिका दायर की।
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एक करोड़ 70 लाख रुपये है बकाया
न्यूकेम कर्मचारी यूनियन के 100 कर्मचारियों द्वारा कंपनी से एक करोड़ 70 लाख रुपये की लेनदारी बताई गई है। जबकि प्रेम ट्रे¨डग कंपनी द्वारा 65 लाख रुपये कंपनी से लेने थे।
शुक्रवार को नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार अपनी टीम के साथ सीजीएम फतेहाबाद के निर्देश पर न्यूकेम फैक्टरी की जायदाद नीलामी के लिए मौके पर पहुंचे। उन्होंने उपस्थित बोली दाताओं को मौके पर नीलामी की शर्तें पढ़कर सुनाई। वहीं यह भी कहा कि उनके पास न्यूकेम कर्मचारी यूनियन व प्रेम ट्रे¨डग कंपनी की लेनदारी के संबंध में न्यायालय के आर्डर मुताबिक उतनी ही राशि की एवज में जायदाद की नीलामी की जाएगी। जिसकी सरकारी बोली 40 लाख रुपये प्रति एकड़ होगी। इसके लिए उन्होंने उपस्थित बोलीदाता को दस-दस हजार
रुपये की जमानत राशि जमा करवाने को कहा। लेकिन 35 एकड़ में बोलीदाता को यह निर्धारित नहीं किया गया कि उसे कौन सी जगह मिलेगी। जिसके चलते उपस्थित बोली दाताओं ने ऐतराज भी किया। वहीं कर्मचारी यूनियन के अधिवक्ता विरेंद्र शर्मा ने नायब तहसीलदार को आग्रह किया कि वह कोर्ट के आदेशानुसार कुछ हिस्से की नहीं बल्कि पूरी फैक्टरी की भूमि 35 एकड़ की नीलामी करवाए।
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बोलीदाताओं ने ये रखी बात
बोली देने आए सुखबीर ¨सह व प्रेम ¨सह कन्हड़ी, राजेश कुमार, गुरदीप कंबोज, सुभाष गोयल आदि ने कहा कि प्रशासन द्वारा सरकारी बोली का रेट 40 लाख रुपये प्रति एकड़ ठीक नहीं रखा है। क्योंकि आगे का हिस्सा चालीस लाख प्रति एकड़ कलेक्टर रेट सही मानते है जबकि पीछे का हिस्सा 16 लाख रुपये प्रति एकड़ से ज्यादा नहीं है। वहीं प्रशासन द्वारा पहले ही यह भी निर्धारित करना चाहिए कि बोली दाता को कौन सा भाग मिलेगा। वहीं उन्होंने 25 प्रतिशत राशि बोली के बाद देने तथा 75 प्रतिशत राशि बोली के पंद्रह दिन के अंदर-अंदर देने पर भी गलत ठहराया।
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तहसीलदार से सहमत नहीं बोलीदाता
इस बारे में न्यूकेम मजदूर यूनियन के नेता वजीर ¨सह नांगला ने बताया कि हमें आज उम्मीद थी कि आज उन्हें उनका मिलेगा। लेकिन नायब तहसीलदार ने जो रवैया अपनाया। जिससे बोलीदाता सहमत नहीं हुए। उन्होंने बताया कि वह पिछले कई सालों से इस लड़ाई को लड़ रहे है। उन्हें आज उम्मीद थी कि उन्हें वर्षों बाद उनका हक मिलेगा पर उन्हें बेहद निराशा हाथ लगी। उन्होंने बताया कि वह 21 सितंबर को न्यायालय में अपनी बात रखेंगे और उन्हें पूरा विश्वास है कि न्यायालय उनके साथ पूरी तरह से न्याय करेगा।
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नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार का कहना है कि सीजीएम फतेहाबाद के आदेश के अनुसार कोर्ट द्वारा 29 अगस्त को न्यूकेम फैक्टरी की नीलामी करवाई गई थी। वहीं उनकी टीम शुक्रवार को नीलामी के लिए पहुंच गई थी। उनके द्वारा पढ़कर सुनाई गई शर्ते के बाद उपस्थित बोलीदाताओं ने बोली के लिए जमानत राशि जमा नहीं करवाई। जिसके चलते उन्होंने उपस्थित बोलीदाताओं से पूछने के बाद इसे स्थगित कर दिया है।