शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाएगी नई शिक्षा नीति : वधवा
नई शिक्षा नीति से पूरी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव आएगा। शिक्षा की नींव मजबूत होने के साथ ही बच्चे के रुझान के हिसाब से शिक्षा दी जाएगी। इससे आने वाले समय में बच्चे डिग्री के पीछे नहीं भागेंगे बल्कि वह ज्ञानवान युवा बनकर निकलेंगे। यह बात चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के रजिस्ट्रार डा. राकेश वधवा ने भारतीय शिक्षण मंडल एवं नीति आयोग के तत्वाधान में मनोहर मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय फतेहाबाद में नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए कही।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:
नई शिक्षा नीति से पूरी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव आएगा। शिक्षा की नींव मजबूत होने के साथ ही बच्चे के रुझान के हिसाब से शिक्षा दी जाएगी। इससे आने वाले समय में बच्चे डिग्री के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि वह ज्ञानवान युवा बनकर निकलेंगे। यह बात चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के रजिस्ट्रार डा. राकेश वधवा ने भारतीय शिक्षण मंडल एवं नीति आयोग के तत्वाधान में मनोहर मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय फतेहाबाद में नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी से डा. पवन कुमार ने भाग लिया जबकि अध्यक्षता मुख्तयार सिंह मेमोरियल कालेज बहबलपुर से डा. हरमिन्द्र सिंह ने की। पंजाबी विभागाध्यक्ष डा. रजनी वर्मा के देखरेख में आयोजित इस सेमिनार में वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति बारे विस्तार से चर्चा की वहीं नई शिक्षा नीति में चुनौतियां व संभावनाओं तथा क्वालिटी एजुकेशन बारे भी अपने विचार रखे।
प्राचार्य डा. गुरचरण दास ने आए हुए वक्ताओं का स्वागत किया और सेमिनार के आयोजन को लेकर भारतीय शिक्षण मंडल व नीति आयोग के अधिकारियों का आभार जताया। प्रो. ज्योति नागपाल ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। डा. पवन कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन से भारत पुन: विश्व गुरु कहलाएगा और शिक्षकों की इस नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य प्रतिभाओं को निखारना, उनकी पहचान करना और उन्हें सम्मानित कर प्रोत्साहित करना है।मंच संचालन की भूमिका डा. सीमा शर्मा ने निभाई वहीं अंग्रेजी विभागाध्यक्ष महेश मेहता ने सेमीनार बारे जानकारी दी। सेमीनार में 8-8 लोगों के 6 ग्रुप बनाए गए थे।