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मोदी सरकार 2.0 : जिले के विकास को मिली नई दिशा

केंद्र सरकार यानी मोदी सरकार 2.0 का एक साल पूरा हो गया। इस दौरान जिले के विकास को नई दिशा मिली। मनरेगा मजदूरों से लेकर उज्ज्वला योजना तक लोगों को लाभ मिला। वहीं सांसद निधि से भी कुछ कार्य हुए। लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद विधानसभा के लिए आचार संहिता लग गई। बाद में कोरोना काल शुरू हो गए। उसके बाद भी सांसद ढाई करोड़ रुपये अपने सिरसा संसदीय क्षेत्र में खर्च करने के लिए जारी हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 07:37 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 07:37 AM (IST)
मोदी सरकार 2.0 : जिले के विकास को मिली नई दिशा
मोदी सरकार 2.0 : जिले के विकास को मिली नई दिशा

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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केंद्र सरकार यानी मोदी सरकार 2.0 का एक साल पूरा हो गया। इस दौरान जिले के विकास को नई दिशा मिली। मनरेगा मजदूरों से लेकर उज्ज्वला योजना तक लोगों को लाभ मिला। वहीं सांसद निधि से भी कुछ कार्य हुए। लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद विधानसभा के लिए आचार संहिता लग गई। बाद में कोरोना काल शुरू हो गए। उसके बाद भी सांसद ढाई करोड़ रुपये अपने सिरसा संसदीय क्षेत्र में खर्च करने के लिए जारी हुए हैं। उसमें से फतेहाबाद के लिए जिले के लिए करीब 1 करोड़ रुपये हैं। इसी तरह शहरी व ग्रामीण आजीविका मिशन में भी करोड़ों रुपये का फंड जारी हो चुका है। जो समाज की वंचित महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए शुरू किए गए मिशन में जिले की 40 हजार से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं। इसी तरह मनरेगा में बदलाव आया है। मनरेगा मजदूरों का दिहाड़ी तो बढ़ी ही है साथ ही अधिक परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया जाने लगा है। यह सब मनरेगा का बजट के कारण।

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मनरेगा के लिए 60 करोड़ रुपये :

जिले में गत वित्त वर्ष में मनरेगा के लिए 60 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इससे जिले के 28 हजार मनरेगा मजदूर परिवारों को 15 लाख से अधिक श्रमदिवस का रोजगार दिया गया। यह राशि मनरेगा के 12 साल के इतिहास में सबसे अधिक है। वहीं अब मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी भी सरकार ने 309 रुपये निर्धारित कर दी।

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ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन का बढ़ा बजट :

महिलाओं को संगठित करके आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई ग्रामीण राष्ट्रीय आजीविका मिशन व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का लगातार बजट बढ़ाया जा रहा है। गत वर्ष करीब 90 करोड़ रुपये से अधिक का बजट जारी किया गया। दोनों मिशन के तहत जिले की करीब 40 हजार महिलाएं कार्य कर रही है। सरकार महिलाओं को पहले संगठित करती है। बाद में उन्हें हुनरमंद बनाते हुए स्वरोजगार चलाने के लिए ऋण भी मुहैया करवा रही है।

------------------ प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाने का बढ़ा बजट :

जरूरतमंदों को मकान बनाने के लिए पहले पौने दो लाख रुपये दिए जाते थे। अब सरकार ढाई लाख रुपये से अधिक दे रही है। ताकि जरूरतमंद लोग को छत नसीब हो सके। गत वर्ष जिले में 300 से अधिक लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में मकान बनाने के लिए अनुदान दिया गया।

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मिलने लगा फसलों को समर्थन मूल्य :

अब किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत प्रत्येक वर्ष 6 हजार रुपये तो मिलते ही है। इस योजना से अकेले फतेहाबाद जिले के 74 हजार से अधिक किसानों को फायदा हुआ। वहीं अब किसानों की फसलों को समर्थन मूल्य मिलने लगा है। अब सरकार गेहूं व धान के अलावा बाजरा, मक्का, चन्ना, मूंग व सरसों सहित अनेक फसलों की सरकारी खरीद करने लगी है। इससे किसानों को फायदा मिला।

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मुद्रा ऋण से स्वरोजगार करने लगे युवा :

जिले के हजारों युवाओं को मुद्रा योजना के तहत ऋण आवंटित किया गया है। इसके तहत जिले के 3 हजार से अधिक युवाओं ने विभिन्न प्रकार का काम शुरू किया है। जिसमें मोबाइल रिपेयरिग से लेकर किरयाणा स्टोर तक है। वहीं 500 से अधिक युवाओं ने कुटीर उद्योग भी लगाए है।

---------------------- मोदी सरकार 2.0 में अनेक काम हुए है। इससे जिले के लोगों को फायदा हुआ है। केंद्र सरकार ने अनेक बदलाव किए है। धारा 370, व तीन तलाक को खत्म किया है। राममंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। इसके अलावा देश को संगठित व शक्तिशाली बनाने के लिए काम हुए है। जो देश को विकसित राष्ट्र बनाएंगे।

- वेद फुलां, जिलाध्यक्ष, भाजपा।


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