संवेदनशील बूथों पर तैनात रहे मिजोरम पुलिस के जवान, अधिकारियों ने कार्यालय में देखी लाइव स्थिति
जागरण संवाददाता फतेहाबाद विधानसभा चुनाव को लेकर संवेदनशील बूथों पर मिजोरम पुलिस के जव
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद
विधानसभा चुनाव को लेकर संवेदनशील बूथों पर मिजोरम पुलिस के जवान तैनात रहे। इन बूथों पर किसी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए यहां की पुलिस के अलावा मिजोरम पुलिस अलर्ट पर रही। इन बूथों पर अहम बात यह रही कि मतदाताओं के पहचान पत्रों की मिजोरम पुलिस कर्मचारियों ने जांच की और इसके बाद एंट्री दी। यहां पर चार स्थानीय पुलिस कर्मचारियों के अलावा चार मिजोरम पुलिस कर्मचारी भी मौजूद थे।
जिला के 135 संवेदनशील बूथों में से 92 बूथों को ब्रॉड कास्टिग से जोड़ा गया था। यहां पर मतदान की हर गतिविधि को चुनाव आयोग के अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर लाइव देख रहे थे। इसके अलावा चंडीगढ़ से इन भी बूथों को जोड़ा गया था, यहां पर हो रही हर हलचल पर नजर रखकर चंडीगढ़ के अधिकारी स्थानीय अधिकारियों को निर्देश देते रहे। जिला के 92 बूथों में से टोहाना के 57, फतेहाबाद के 14 तथा रतिया के 21 बूथों को ब्रॉड कास्टिग से जोड़ा गया था।
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नाकों से ज्यादा बूथों पर रहा प्रशासन का फोकस :
प्रशासन ने नाकों से ज्यादा बूथों पर सुरक्षा को लेकर फोकस रखा। जिला में 24 नाके लगाए गए, ये नाके पंजाब और राजस्थान की सीमा पर रहे। इसके अलावा स्थानीय तौर पर लगने वाले नाकों की जगह बूथों पर सीआइएसएफ, आरएसएफ तथा मिजोरम पुलिस की कंपनियां तैनात रही। बूथों पर गड़बड़ी रोकने के लिए फोर्स को अलर्ट पर रखा गया था। हालांकि लोकसभा चुनाव में पहले प्रशासन की तरफ से स्थानीय तौर पर नाकेबंदी की गई थी।
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संवेदनशील बूथों पर रहा सन्नाटा :
हंगामे और गड़बड़ी की आशंका के चलते जिन बूथों को प्रशासन ने संवेदनशील के तौर पर चयनित कर रखा था, वहीं कई ऐसे बूथ भी थे जहां पर सन्नाटा पसरा हुआ मिला। गांव ढिगसरा, फतेहाबाद के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, गांव बड़ोपल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतेहाबाद, भोड़िया खेड़ा व बीघड़ आदि गांवों में सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक सन्नाटा पसरा हुआ था। इस दौरान मतदान की गति धीमी थी।
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