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हरा हो जाता है दूध का रंग, घी तो फ्रिज में भी नहीं जमता

स्वास्थ्य विभाग की सैंप¨लग रिपोर्ट से पता चलता है कि बाजार में हर

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:16 PM (IST)
हरा हो जाता है दूध का रंग, घी तो फ्रिज में भी नहीं जमता
हरा हो जाता है दूध का रंग, घी तो फ्रिज में भी नहीं जमता

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: स्वास्थ्य विभाग की सैंप¨लग रिपोर्ट से पता चलता है कि बाजार में हर खाद्य सामग्री घटिया किस्म की बिक रही है। खाद्य पदार्थों के 70 फीसद सैंपल फेल आ रहे हैं। यह विडंबना है कि सैंपल फेल होने के बावजूद न तो ठोस कार्रवाई हो रही है और न ही व्यवस्था में सुधार हो रहा।

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इस दौर में दूध व घी में सबसे ज्यादा मिलावट हो रही है। यह बात अचंभित करती है कि दूध उबालने के बाद हरा हो जाता है। देशी घी को घंटों तक भी फ्रिज में रखा जाए तो जम नहीं पाता। लेकिन दुकानदार फिर भी यही दावा करते हैं कि हम घटिया चीजें नहीं बेचते। कुछ साल पहले तक दूध में मिलावट की मात्रा बहुत कम थी। लेकिन पाउडर में ही पानी घोल कर शुद्ध दूध के भाव बेचा जा रहा है।

शहर में दूध व घी की 60 से ज्यादा दुकानें हैं। यहां पर दुकानदार दूध खरीदते हैं और खुद ही घी भी तैयार करते हैं। हर दुकानदार दावा यही करता है कि वे खुद घी तैयार करते हैं और मिलावट की कोई संभावना नहीं है। दुकानदार यह भी हवाला देते हैं कि उनका कई साल पुराना कारोबार है। लेकिन बहुत सारे दुकानदारों से लिया जाने वाला घी फ्रिज में भी जम नहीं पाता। जबकि शुद्ध देशी घी की पहचान यही है कि वह सामान्य ठंडक में भी जम जाता है। फिलहाल बाजार में बिकने वाले घी में तरलता बनी रहती है। यदि जम भी जाता है तो घी का एक हिस्सा रिफाइंड की तरह पिघला ही रहता है।

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एक्सपर्ट व्यू ::: डेयरी संचालक महेंद्र ¨सह बताते हैं कि असली दूध पर कभी हरे रंग की मलाई नहीं आती। यदि गर्म करने पर रंग हरा होता है तो वह दूध पाउडर से तैयार किया गया है। मार्केट में सूखा दूध मिल जाता है। चाय वाले दुकानदार ऐसा ही करते हैं। वे उसमें पानी मिलाकर दिन भर चाय में इस्तेमाल करते हैं। सूखे पाउडर में केमिकल मिला हुआ होता है। लेकिन यह दूध चाय बनाने के लायक नहीं होता। इसी तरह घी में भी मिलावट होती है। कुछ लोग दूध की फैट बढ़ाने के लिए घरों में ही रिफाइंड आदि मिला देते हैं। उस दूध से तैयार घी भी जम नहीं पाता।

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हम नियमित रूप से सैंपल ले रहे हैं। इन दिनों त्योहारों का सीजन है। इसलिए मिठाइयों के सभी सैंपल लिए जा रहे हैं। सैंपल फेल आने पर मामला कोर्ट में भेज दिया जाता है। कोर्ट की तरफ से ही खाद्य सामग्री की मात्रा आदि के आधार पर जुर्माना तय किया जाता है। अभी भी कई मामले विचाराधीन हैं।

-सुरेंद्र पूनिया, एफएसओ।


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