जिले को नशा मुक्त करने का मास्टर प्लान तैयार, कैंप लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत
फतेहाबाद जिले में नशे ने इस कदर पांव जमा लिए हैं कि इसे उखाड़ने के लि
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जिले में नशे ने इस कदर पांव जमा लिए हैं कि इसे उखाड़ने के लिए समय लगेगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। पिछले दिनों बैठक कर इस अभियान की रूपरेखा तैयार की गई। वहीं अब जागरूकता कैंप का आयोजन भी शुरू कर दिया है। गांव ढिगसरा में इसी नशे को लेकर एक कैंप का आयोजन किया गया। नशे की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की तरफ यह पहला कदम है। पिछले दिनों देशभर के 272 जिलों का चयन किया था जहां अधिक लोग नशे से ग्रस्त हैं। इसमें फतेहाबाद का नाम भी शामिल था। देशभर में अब अपना जिला नशे के नाम से बदनाम हो गया है। इस कलंक को मिटाने के लिए सभी को प्रयास करना होगा। जिला प्रशासन अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेगा। लेकिन आम लोगों का सहयोग सबसे जरूरी है। बिना सहयोग से यह संकल्प पूरा नहीं होने वाला है।
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31 मार्च 2021 तक चलेगा अभियान
युवा पीढ़ी को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक नई सौगात देने का काम किया गया है। इसके तहत 31 मार्च 2021 तक नशा मुक्ति भारत अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर आमजन को जागरूक किया जाएगा। प्रशासन का दावा है कि इस एक साल के अंदर काफी हद तक नशे को कंट्रोल करने के साथ ही लोग भी नशा छोड़ जाएंगे।
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समिति की देखरेख में चलेगा अभियान
नशा रोकने के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। इसके बाद इस अभियान को सफल बनाने के लिए 50 मास्टर वालंटियर को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस अभियान में जिला व खंड पर कर्मचारियों, स्कूलों व महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यो के माध्यम से अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने का काम किया जाएगा। इसके साथ स्कूल व कालेज स्तर पर क्लबों का गठन करते हुए व्यापक जागरूकता व नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी। 30 सितंबर तक सभी सदस्यों को मिलकर मास्टर वालंटियर व क्लब लीडर की पहचान की जाएगी। 1 से 30 अक्टूबर तक मास्टर वालंटियर व क्लब लीडर को प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा तथा 1 नवंबर से 31 मार्च 2021 तक कोर कमेटी व सभी सदस्यों के साथ अभियान की समीक्षा कार्य किया जाएगा।
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फिर से खोला जाएगा नशा मुक्ति केंद्र
कोरोना संकट के दौरान नशा मुक्ति केंद्र को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। यहां पर कोरोना पीड़िता के लिए आइसीयू वार्ड बना दिया है। लेकिन अब इस आगामी दिनों में शुरू किया जाएगा। जो युवा नशा छोड़ने के लिए तैयार होंगे उन्हें यहां पर इलाज दिया जाएगा। वह पुलिस प्रशासन से भी कहा गया है कि नशा तस्करी को रोकी जाए। वॉलेंटियर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। जो लोग नशा छोड़ने के लिए आगे आएंगे उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
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आंकड़ों पर एक नजर
नशा मुक्ति केंद्र शुरू हुआ : मई 2018
अब तक मरीजों ने लिया इलाज : 830
अब रोजाना आ रहे मरीज : 80
ये क्षेत्र हैं नशे से प्रभावित : फतेहाबाद, रतिया, भूना व टोहाना।
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नशे के खिलाफ जिला प्रशासन ने पहला कार्यक्रम करवाया
नशा मुक्त भारत अभियान के तहत विभिन्न विभागों द्वारा जिले के गांवों में नशा मुक्ति के लिए अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को जिला समाज कल्याण व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला के गांव ढिगसरा के स्वास्थ्य केंद्र में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं अभियान की सदस्य सचिव इंद्रा यादव ने नागरिकों को नशे के खात्मे के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि अकेला प्रशासन नशा बंद नहीं कर पाएगा हम सबको मिलकर एक साथ कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि आज नशे के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता है। नशा बेचने वालों के बारे में जानकारी छूपाने का अर्थ स्वयं का नुकसान करना हैं। इसलिए आमजन एक जिम्मेवार नागरिक की भूमिका अदा करें।
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वर्जन्:::::::::::
जिले को नशा मुक्त बनाना ही हमारा लक्ष्य है। इस दिशा में हमने काम भी शुरू कर दिया है। गांव ढिगसरा में जागरूकता कैंप भी लगाया गया है। यह तो शुरूआत है। आने वाले दिनों में इस अभियान को विस्तार दिया जाएगा। वही लोगों से अपील है कि लोग नशा छोड़ने के लिए आगे आए। जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग किया जाएगा।
डा. नरहरि सिंह बांगड़, उपायुक्त फतेहाबाद।