संतान बिना सूने आंगन में ऑनलाइन चिरागों की रोशनी
युग बदलता है तो व्यवस्था भी बदल जाती है। इस बदली व्यवस्था का ही तकाजा
मुकेश खुराना, फतेहाबाद
युग बदलता है तो व्यवस्था भी बदल जाती है। इस बदली व्यवस्था का ही तकाजा है कि अब संतान के बिना सूने आंगन में ऑनलाइन चिरागों की रोशनी फैल रही है। सुखद यह कि सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी अर्थात कारा के जरिये ऑनलाइन आवेदन कर हर तरह की संतान की ख्वाहिशें पूरी हो रही हैं। कारा पोर्टल पर बच्चे गोद लेने की डिमांड भी बढ़ रही है। इससे न केवल सूने आंगन में किलकारियां गूंज रही हैं बल्कि अनाथ अथवा लावारिस बच्चों की परवरिश को भी नया क्षितिज मिल रहा है। सुखद आश्चर्य यह कि बच्चे गोद लेने के लिए 60 से 70 फीसद दंपती वे¨टग में है। महिला एवं बाल विकास विभाग के कारा पोर्टल पर दंपती बेटा व बेटी गोद लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं। आवेदन करने वाले इन परिवारों के घरों में अपनों से बिछड़े बच्चे उजियाला बन कर आ रहे हैं। हालात से बेशक ये बच्चे पिछड़ रहे होंगे लेकिन गोद लेने के बाद ये करोड़पति बन रहे हैं। जिले से करीब चार परिवार ऐसे हैं जो ऑनलाइन सिस्टम से बच्चा गोद ले चुके हैं और करीब 10 परिवार ऐसे भी हैं जो बच्चा गोद लेने के लिए वे¨टग में है।
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केस एक :
दो बेटों की मौत हुई तो 10 साल का बच्चा लिया गोद
भूना क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति के दो बच्चों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। व्यक्ति की 10 एकड़ जमीन को कोई संभालने वाला नहीं रहा तो उसने ऑनलाइन माध्यम से बच्चे डिमांड की। अब उसे 10 साल का लड़का गोद मिला है।
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केस दो :
संतान नहीं हुई तो बच्चा लिया गोद भूना क्षेत्र व फतेहाबाद के दपंती को संतान नहीं हुई तो दोनों ने पोर्टल के माध्यम से बच्चा गोद लिया है। गोद लिए बच्चों ने संतान की कमी को दूर किया है।
बेटियां होने के बाद बेटे की भी ¨चता
भूना क्षेत्र के एक गांव में लड़कियां होने के बाद बेटा न होने पर उसने बेटा गोद लेने का फैसला लिया है। इसके अलावा टोहाना क्षेत्र के एक गांव में दो लड़कियां होने के बाद बेटा न होने पर बेटा गोद लेने के लिए आवेदन किया गया है।
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लेक्चरर ने बेटी गोद मांग पेश की मिसाल
बेटियां होने के बाद बेटा न होने पर वारिस को लेकर दंपती को ¨चता रहती है। लेकिन फतेहाबाद की एक महिला लेक्चरर ने बेटा होने के बाद बेटी गोद लेने का फैसला लिया है। इसके लिए उसने ऑनलाइन आवेदन भी किया है। इसके अलावा फतेहाबाद के ही एक दंपती ने हाल ही में बेटा होने के बाद बेटी गोद लेने के लिए आवेदन किया है।
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अपनों से बिछड़े तो गैर बने अपने
जिला में लावारिस हालत में मिले चार बच्चे अब चार घरों में उजाला कर रहे हैं। ये बच्चे भी कारा पोर्टल के माध्यम से गोद दिए गए हैं। इनमें एक लड़का व लड़की तो ऐसे हैं जो ट्रेन में मिले थे। एक बच्ची को उसकी मां ने सरेंडर कर दिया तो दूसरी बच्ची अनाजमंडी में ही लावारिस हालत में मिली थी।
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ऐसे कर सकते हैं कारा पोर्टल पर आवेदन
बच्चा गोद लेने के लिए दंपती आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बाल संरक्षण अधिकारी सुरजीत बाजिया ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट पर जाकर कारा पोर्टल पर आवेदन करना होगा। कारा पोर्टल पर जाकर दंपती को अपनी आइडी बनानी होगी। इसके अलावा यहां पर पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, मैरिज सर्टिफिकेट, मेडिकल, घर की फोटो तथा दो लोगों की शिनाख्त संबंधित दस्तावेज डाउनलोड करने होंगे। इसके बाद जिला बाल संरक्षण इकाई सामाजिक जांच करके रिपोर्ट देगा। बच्चा गोद लेने के बाद हर तीन महीने बाद जिला बाल संरक्षण की टीम फॉलोअप लेगी।