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कूड़ा बीनने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए किया प्रेरित

संवाद सूत्र कुलां नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। तमाम स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया चल र

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 11:07 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 11:07 PM (IST)
कूड़ा बीनने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए किया प्रेरित
कूड़ा बीनने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए किया प्रेरित

संवाद सूत्र, कुलां :

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नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। तमाम स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया चल रही है। शिक्षा विभाग की ओर से हालांकि बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद आज भी बड़ी संख्या में नौनिहाल शिक्षा की बजाए बाल श्रम को अपना कर स्वयं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे बच्चों को बाल श्रम से दूर कर शिक्षा से जोड़ने को लेकर जिला बाल संरक्षण टीम अपने निरंतर अभ्यास से इस अभियान में जुटी हुई है। बृहस्पतिवार को जिला बाल संरक्षण इकाई फतेहाबाद एवं राज्य अपराध शाखा हिसार की टीम द्वारा टोहाना शहर में राजनगर बस्ती का दौरा किया गया। टीम को यहां पर दो दर्जन बच्चे कूड़ा बीनने वाले एवं भीख मांगते हुए मिले। इसे लेकर टीम द्वारा तत्काल ही बच्चों के अभिभावकों से बातचीत की गई। इसमें हालांकि कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिनका स्कूल में नामांकन दाखिल है। जबकि वह अपने कार्यो को मुख्य रखते हुए स्कूल से दूरी बना रहे है। इसके अलावा इनमें ज्यादातर बच्चों का स्कूलों में नामांकन दाखिल नहीं था तो टीम द्वारा बच्चों के अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा निशुल्क होने के साथ ही शासन द्वारा गरीब बच्चों के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं छात्रवृत्ति एवं मिड डे मील के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें बच्चों का नामांकन स्कूल में दाखिल करवाने अथवा नियमित तौर पर स्कूल भेजने के बारे में जागरूक किया गया। इस दौरान टीम में जिला बाल संरक्षण टीम से सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार, राज्य अपराध शाखा हिसार के एएसआई रमेश कुमार, आउट इंच कार्यकर्ता सविना रानी, सामाजिक कार्यकर्ता आशा रानी व हेडकांस्टेबल नहान सिंह उपस्थित रहे।

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अभिभावक बोले पास में नहीं है कोई स्कूल

झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में निवास करते अभिभावकों ने टीम को बताया कि वह भी चाहते है कि उनके बच्चे शिक्षा ग्रहण करें। जबकि पास में कोई शासकीय विद्यालय नहीं होना बच्चों के शिक्षा से दूर होने की मुख्य वजह है। उन्होंने बताया कि उनकी बस्ती से सरकारी स्कूल अधिक दूरी पर और रेल लाइन पार है। ऐसे में छोटे बच्चों को अकेले स्कूल भेजना सुरक्षा ²ष्टि से सही नहीं है। उनका बताना है कि हालांकि पूर्व में उनकी बस्ती में शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए आते थे। जबकि अब यह कार्य बंद कर दिया गया है।

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झुग्गी झोपड़ी वाले लोगों की इस बस्ती में दो आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित है। छह वर्ष तक के करीबन सभी बच्चे नियमित रूप से आंगनबाड़ी में आ रहें है। यदि फिर भी कोई बच्चा इससे वंचित है तो इसकी जांच कर शीघ्र ही ऐसे बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में प्रवेश दिला दिया जायेगा

शारदा सरदाना, सीडीपीओ फतेहाबाद।

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