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फायर सेफ्टी के बिना चल रहीं जिले में औद्योगिक इकाइयां

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिले में छोटे बड़े करीब ढाई हजार उद्योग काम कर रहे ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 11:07 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:13 AM (IST)
फायर सेफ्टी के बिना चल रहीं जिले में औद्योगिक इकाइयां
फायर सेफ्टी के बिना चल रहीं जिले में औद्योगिक इकाइयां

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले में छोटे बड़े करीब ढाई हजार उद्योग काम कर रहे हैं। इनमें से करीब 350 यूनिट मध्यम दर्जे की हैं परंतु इनमें से अधिकांश ने फायर सेफ्टी के उचित प्रबंध न करते हुए किसी ने भी अग्निश्मन विभाग से एनओसी नहीं ली। न ही एनओसी लेने के लिए आवेदन कर रहे है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिले में औद्योगिक इकाइयों के पास एनओसी है या नहीं। इसका खुलासा फतेहाबाद के इंडस्ट्रियल एरिया में एक जूता फैक्टरी में आग लगने के बाद हुआ। इसके बाद जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने जांच करवाई तो पाया कि अधिकांश ने एनओसी नहीं ली हुई। इसके बाद अब उन्हें एनओसी लेने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

वैसे तो जिले में बड़ी औद्योगिक ईकाई न होने के चलते फतेहाबाद के सभी सात ब्लाक ग्रुप सी व डी में शामिल किए हुए हैं। सरकार की 2015 की औद्योगिक नीति के अनुसार जिले में उद्योग केंद्र लगाने के लिए सीएलयू सहित अन्य मंजूरी लेने में परेशानी नहीं आती। आनलाइन आवेदन करने के बाद सरकार तुरंत मंजूरी दे देती है। अग्निश्मन विभाग से एनओसी जिला उद्योग केंद्र के मार्फत मिलती है। जिसके लिए आनलाइन आवेदन करना पड़ता है। उसके बाद भी औद्योगिक केंद्र के संचालकों ने मंजूरी नहीं ली।

-----------------------आग लगने की घटना के बाद 80 की हुई जांच, नहीं दिखे सुरक्षा के उचित प्रबंध :

गत 15 दिसंबर से लेकर फरवरी तक करीब 80 औद्योगिक इकाइयों की जांच हुई। जिसमें सामने आया कि एक भी इकाई ने एनओसी नहीं ली हुई। हालांकि कुछ के पास सेफ्टी के प्रबंध तो मिले, लेकिन वे आगजनी की घटना होने के बाद नाकाफी थे। अब विभाग के अधिकारियों ने जिनकी जांच की है, उन्हें नोटिस जारी किया है कि वे एनओसी लेते हुए सेफ्टी के उचित प्रबंध करे।

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जिले में ये हुई हैं बड़ी घटनाएं :

टायर फैक्टरी में लगी आग :

गत 19 जनवरी को भूना में एक टायर फैक्टरी में आग लग गई। इससे फैक्टरी में पड़े पुराने टायर सहित अन्य सामान भी जल कर राख हो गया। आग बुझाने के लिए करीब 10 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आकर काबू पाया। आग इतनी भयंकर थी कि करीब छह घंटे तक आग बुझाने के लिए गाड़ियां लगी रही।

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जूता फैक्टरी में लगी आग :

गत 15 दिसंबर को इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित जूता फैक्टरी में आग लग गई थी। इससे फैक्टरी की मशीन व तैयार किए हुए जूते जलने से संचालक को लाखों रुपये का नुकसान हो गया।

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कॉटन फैक्टरी में लगी आग :

गत वर्ष 14 नवंबर को सिरसा रोड पर स्थित कॉटन फैक्टरी में आग लग गई। आग लगने से फैक्टरी में पड़ी लाखों रुपये की कपास जल गई। मशीनों को ाी नुकसान पहुंचा।

-----------------दूध फैक्टरी में लगी आग :

गत वर्ष 27 अक्टूबर को जाखल के पास एक दूध फैक्टरी के पास आग लगने से मशीन पूरी तरह जल गई। संचालक ने कुछ समय पहले ही फैक्टरी का ठेके पर लिया था। लेते ही उसमें आग लग गई। दूध फैक्टरी एक नाम कंपनी को आगे दूध सप्लाई करती थी।

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नवनिर्मित फ्लाइवुड फैक्टरी में लगी आग :

खैरातीखेड़ा रोड पर स्थित नवनिर्मित फ्लाइवुड फैक्टरी में गत वर्ष 21 अप्रैल की रात को आग लगने से फैक्टरी पूरी तरह जलकर क्षतिग्रस्त हो गई। इससे फैक्टरी में मशीन के साथ लाखों रुपये का सामान भी जल गया। इससे संचालक को शुरूआत में ही नुकसान हो गया।

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जिले में ढाई हजार के करीब विभिन्न प्रकार की यूनिट चल रही हैं। वैसे कई यूनिट में तो एनओसी की जरूरत भी नहीं होती। फिर भी विभाग ने जागरूकता अभियान चलाया है। जिसके तहत 80 बड़ी यूनिटों का निरीक्षण किया हैं। उनमें से कई के पास उचित यंत्र तो मिले, लेकिन विभाग से एनओसी नहीं ली हुई थी। अब उन्हें नोटिस जारी करते हुए जागरूक किया जा रहा है कि वे फायर सेफ्टी के प्रबंध करते हुए संबंधित विभाग से एनओसी ले।

- ज्ञान चंद लांग्यान, उपनिदेशक, जिला उद्योग केंद्र,

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जिले में ये है प्रमुख उद्योग केंद्र :

उद्योग का नाम संख्या

कॉटन फैक्टरी : 7

राइस मिल 173

जूता फैक्टरी 15

दूध कोल्ड स्टोर 35

प्लाइवुड फैक्टरी 5

गत्ता फैक्टरी 15

खाद्य प्रस्सकरण केंद्र 13

कृषि यंत्र 37

खल निर्माता 30

बिस्कुट बेकरी 18

शहद फैक्टरी 2

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