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आधुनिक भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढे़ं : उपायुक्त

उपायुक्त डा. नरहरि सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक युवा

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 07:40 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 07:40 AM (IST)
आधुनिक भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढे़ं : उपायुक्त
आधुनिक भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढे़ं : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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उपायुक्त डा. नरहरि सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक युवा संत थे। स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी जी विलक्षण बुद्धि के धनी थे। वे अपनी मातृभूमि भारत माता से बहुत अधिक प्रेम करते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रभक्ति एवं हिदू संस्कृति को बढ़ाने में लगाया। उपायुक्त डॉ. नरहरि ने कहा कि आधुनिक भारत को जानना है, तो स्वामी विवेकानंद को पढ़े। स्वामी विवेकानंद द्वारा 18वीं शताब्दी में जो बातें कही थी वे 21वीं शताब्दी में भी खरी उतरती हैं।

उपायुक्त ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कम आयु में ही ग्रंथों को पढ़ लिया था। स्वामी जी ने अनेक देशों की यात्रा की और लोगों को सही रास्ता दिखाया। विवेकानंद जी की प्रेरणा से प्रभावित होकर ही देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। नई शिक्षा नीति युवाओं में स्वाभिमान व नई उम्मीद जगाने का काम करेगी। नई शिक्षा नीति युवा वर्ग के लिए बहुत ही उपयोगी रहेगी। हमें शिक्षा को अपने व्यवहार में भी लागू करना चाहिए। मुख्य वक्ता कश्मीरी लाल ने सभी प्रतिभागियों को साधुवाद देते हुए कहा कि जिन विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद को पढ़ा है, उनको असली पुरस्कार जीवन में मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के जीवन से पांच बातों पर विद्यार्थी विशेष ध्यान दें मजबूत शरीर, आत्मविश्वास, एकाग्रता, समानता व देशभक्ति। वहीं विद्यार्थी कामयाब होता है जो जल्दी उठता है और सुबह व्यायाम करता है। स्वामी जी ने पूरे देश में भ्रमण किया। जैसा मिल जाता था वैसा ही भोजन खा लेते थे। कई बार तो दांतों से चबता भी नही था। कभी भी आत्मविश्वास ना गिरने दें। नास्तिक वह है जो अपने आप पर विश्वास नहीं करता। जिदगी में कभी नहीं घबराना चाहिए। स्वामी जी विलक्षण बुद्धि वाले थे। एक बार किताब को पढ़ने के बाद उस किताब में से सब कुछ बता देते थे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था देव-भारत राष्ट्र है और देवी-भारत माता है। विवेकानंद जी के आदर्श और गुणों को अपने अंदर धारण करना चाहिए। विवेकानंद जी ने जो काम सोचा था वह संघ कर रहा है। विद्यार्थियों को रोज शाखा जाना चाहिए। भारत विश्व गुरू अवश्य बनेगा। प्रतियोगिता में 1249 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

इस कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक विजय, प्रांत बाल कार्य प्रमुख भूषण, सह प्रांत कार्यवाह प्रताप, सह प्रांत बौद्धिक शि. प्रमुख बजरंग गोदारा, जिला कार्यवाह डा. शैलेन्द्र, सह विभाग कार्यवाह सतीश समैण, जिला बाल कार्य प्रमुख सक्षम सचदेवा, साहिल, आदि ने अपने-अपने दायित्व के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम में नागपुर से रामचंद्र, लालवास से विकास ढुकिया, फतेहाबाद सह नगरकार्यवाह हरनाम भादू, टोहाना से डॉ. रमेश, विक्रमादित्य, चिन्मय गोदारा सहित प्रांत भर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, अभिभावकगण एवं विद्यार्थी ई-माध्यम से जुड़े।


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