बच्चों में संस्कार होंगे तो पूरा परिवार बन जाएगा संस्कारी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद अगर बच्चों के अंदर संस्कार होंगे तो वो अपने परिवार को भी स
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
अगर बच्चों के अंदर संस्कार होंगे तो वो अपने परिवार को भी संस्कार दे सकता है। कई बार देखने में आता है कि परिवार की तरफ से उसे अच्छे संस्कार नहीं मिलते लेकिन स्कूल में अध्यापकों से ऐसे संस्कार मिल जाते हैं जिससे वे अपने पूरे परिवार के सदस्यों के ख्यालों को नया मुकाम देता है। कुछ ऐसा ही करने का प्रयास दैनिक जागरण कर रहा है। अध्यापक व परिवार से संस्कार अगर ना मिले तो अखबार के माध्यम से उसे प्राप्त हो सकता है। इसी के तहत संस्कारशाला का आयोजन किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को गांव ढिगसरा स्थित शांति निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दैनिक जागरण की संस्कारशाला की पाठशाला सजी। स्कूल के प्राचार्य से लेकर शिक्षिक-शिक्षिकाओं ने जागरण की इस मुहिम की सराहना की और कहा कि हर समाचार पत्र में हमें केवल समाचार पढ़ने को मिलते है। लेकिन दैनिक जागरण समाचार ऐसा है जिसमें अंदर समाचार मिलने के साथ संस्कार भी मिल रहे हैं।
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दैनिक जागरण जो अभियान चला रहा है वो शानदार है। पिछले साल भी स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया गया था इस बार भी आयोजित किया गया है। जब भी कोई कहानी प्रकाशित होती है तो बच्चों को सुनाई जाती है। उसका निष्कर्ष भी बताया जाता ताकि छोटे बच्चे जान सके। आजकल संस्कार कम होते जा रहे है। इस तरह के कार्यक्रम युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक का काम करते हैं।
रणसिंह,
प्राचार्य, शांति निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, ढिगसरा।
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वैसे स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ संस्कार के बारे में भी जानकारी दी जाती है। कई स्कूल ऐसे है जहां केवल पढ़ाई पर ही जोर दिया जाता है। लेकिन संस्कार के बारे में जानकारी नहीं दी जाती। लेकिन यहां पर ऐसा नहीं है। पढ़ाई के साथ ही दूसरी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है। दैनिक जागरण की मुहिम सराहनीय है।
अंचल, शिक्षिका।
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जागरण जो प्रयास कर रहा है वो शानदार है। संस्कारशाला के अलावा, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दे उठा रहा है। संस्कारशाला मुहिम का अनुसरण हम भी कर रहे हैं।
प्रियंका, शिक्षिका। ---------------------------------------
किताबें तो हम कई पढ़ते हैं लेकिन जो कहानियां जागरण में प्रकाशित हो रही है वो हमने कभी नहीं पढ़ी है। कहानी पढ़ने के साथ मनोरंजन होने के साथ ही ज्ञान भी मिल रहा है। हर टॉपिक पर कहानी प्रकाशित हो रही है। एक दिन पूर्व रिलेशनशीप के बारे में कहानी छपी थी जो शानदार थी। शिक्षा भी मिलती है कि भरोसा करने से पूर्व उनके बारे में जानकारी होनी जरूरी है।
बिदू, छात्रा
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आज मानव भागदौड़ की दुनिया में इतना खोता जा रहा है कि वह संस्कार ही भूल गया है। हमारे परिजन भी हमें उतना समय नहीं दे पाते है जितना देना चाहिए। अगर समय नहीं मिलेगा तो संस्कार कहां से मिलेंगे। स्कूल व समाचार पत्र के माध्यम से जो संस्कार मिल रहे है वो बहुत अच्छे है। इस तरह की कहानियां हर किसी को पढ़नी चाहिए।
खुशबू, छात्रा।
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दैनिक जागरण में करीब एक महीने से संस्कारशाला से संबंधित सामग्री प्रकाशित हो रही है। जितनी भी कहानियां प्रकाशित हुई हैं उसने अपने पास रखी हैं। हर सप्ताह इंतजार करती रहती हूं कि कब प्रकाशित होगी। कहानी को पढ़कर मजा भी आता है और अंत में शिक्षा भी मिल रही है। इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहने चाहिए।
प्रोमिला, छात्रा।