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राजस्व विभाग ने बिना जांचे कैसे कर दी रजिस्ट्री, जांच में खुलेंगे राज

अवैध कालोनियों में अस्थायी प्रॉपर्टी आइडी बनाकर रजिस्ट्री होने का मामला अब गरमा गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 07:30 AM (IST)
राजस्व विभाग ने बिना जांचे कैसे कर दी रजिस्ट्री, जांच में खुलेंगे राज
राजस्व विभाग ने बिना जांचे कैसे कर दी रजिस्ट्री, जांच में खुलेंगे राज

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : अवैध कालोनियों में अस्थायी प्रॉपर्टी आइडी बनाकर रजिस्ट्री होने का मामला अब गरमा गया है। शुरुआती जांच में गड़बड़ी सामने आई है। लेकिन अधिकारी अब धरातल पर जाकर एक-एक रजिस्ट्री की जांच करेंगे। अगर धरातल पर भी गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है। वहीं, राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो गया। अगर किसी व्यक्ति ने अपना मकान या प्लाट वैध दिखा दिया तो बिना जांचे कैसे रजिस्ट्री हो गई यह भी सवाल हर किसी के मन में घूम रहा है। मामला बड़ा है ऐसे में जांच भी कड़ी दर कड़ी होने वाली है।

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पिछले साल जब लॉकडाउन होने के कारण रजिस्ट्रियां रुक गई थी। इसके बाद सरकार ने आदेश दिया था कि कोई भी व्यक्ति अपनी अस्थायी प्रॉपर्टी आइडी बनाकर अपने प्लाट व मकान की वेरिफिकेशन करवा सकता है। लेकिन नगरपरिषद टोहाना के 495 लोगों ने अवैध कालोनी में अपने प्लाटों को वैध दिखाकर रजिस्ट्री तक करवा ली। वहीं, फतेहाबाद नगर परिषद में इनकी संख्या 27 है। इतने बड़े स्तर पर गड़बड़ी होने के बावजूद अधिकारियों ने कोई संज्ञान तक नहीं लिया यह भी जांच का विषय है। जांच कमेटी की प्रॉपर्टी डीलरों पर नजर

प्रॉपर्टी रजिस्ट्री मामले में प्रॉपर्टी डीलरों पर अब जांच कमेटी की नजर टिक गई है। बिना डीलर के इतनी रजिस्ट्रियां नहीं हो सकती। वहीं, शुरुआती जांच में पता चला है कि टोहाना में जो 495 रजिस्ट्रियां हुई हैं, उनमें तीन प्रॉपर्टी डीलरों ने ही करवाई है। लेकिन अभी तक अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि ये लोग हैं कौन। लेकिन जांच में इनको शामिल किया जा सकता है। अस्थायी प्रॉपर्टी आइडी जब बनाई गई तो उसमें स्पष्ट कहा गया था कि अगर गलत जानकारी दी तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

राजस्व विभाग की लापरवाही भी दिख रही

नगर परिषद से केवल नो ड्यूज मिली, लेकिन रजिस्ट्री तो तहसील कार्यालय में हुई है। ऐसे में राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी जांच की तलवार लटक रही है। जब किसी जमीन की रजिस्ट्री की जाती है तो पटवारी से लेकर अधिकारी इसकी जांच की जाती है। लेकिन इन मामलों में जांच क्यों नहीं की गई। सरकार द्वारा नवंबर महीने में रजिस्ट्रियां पर रोक लगाने के बाद अब धीरे-धीरे गड़बड़ी सामने आ रही है। जांच कमेटी में शामिल अधिकारियों की रिपोर्ट तय करेगी कि कोई न कर्मचारी और कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं।


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