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कैसे स्वच्छ हो जिला, 4 साल बीत गए, जमीं पर नहीं उतरा कचरा प्रबंधन प्लांट

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी ईज आफ लि¨वग इंडेक्स

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:29 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 10:29 PM (IST)
कैसे स्वच्छ हो जिला, 4 साल बीत गए, जमीं पर नहीं उतरा कचरा प्रबंधन प्लांट
कैसे स्वच्छ हो जिला, 4 साल बीत गए, जमीं पर नहीं उतरा कचरा प्रबंधन प्लांट

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:

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केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी ईज आफ लि¨वग इंडेक्स को देखकर जिलावासियों को बेचैनी होती है। सोचता हर कोई यही है कि काश इस सूची में फतेहाबाद भी शामिल होता। या कहें कि वे सारी सुविधाएं फतेहाबाद में भी हों, जो एक अच्छे शहर में होनी चाहिए। मगर सरकार का रूख देखकर बेचैनी और ज्यादा बढ़ जाती है। सरकार ने स्वच्छता का नारा जोर शोर से दिया था। विडंबना है कि स्वच्छता की दिशा में सरकार ने जो घोषणा की थी, वह चार साल बाद भी कागजों में ही घूम रही है। मुख्यमंत्री की अहम घोषणा थी कि जिले में कचरा प्रबंधन प्लांट की स्थापना की जाएगी। प्लांट मंजूर भी हो गया। लेकिन बीते एक साल में ऐसी कोई कंपनी नहीं नहीं मिल रही जो सरकार की शर्तों पर कचरा प्रबंधन प्लांट लगाने को राजी हो जाए। एक कंपनी ने बीते वर्ष टेंडर के लिए आवेदन किया था। लेकिन स्पर्धा में कोई दूसरी कंपनी न होने के कारण टेंडर ही रद कर दिया गया। अब यह टेंडर दोबारा अपलोड किया जाएगा। बीते चार साल से योजना इसी तरह लटकी हुई है।

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ये थी सरकार की योजना

जिले में ठोस कचरा प्रबंधन भूना में लगाया जाना है। सरकार ने इसके लिए साढ़े 48 करोड़ रुपये बजट निर्धारित किया है। इसके लिए करीब 30 एकड़ जमीन करीब दो साल पहले ही चयनित कर ली गई थी। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम भी जगह का जायजा ले चुकी थी। लेकिन अब लंबे समय से यह प्रोजेक्ट अटका हुआ था। उम्मीद नहीं है कि वर्ष 2019 तक प्लांट की नींव भी रखी जा सके। प्रोजेक्ट सरकार के स्वच्छता मिशन का हिस्सा है। मनोहर सरकार ने पूरे प्रदेश को 15 कलस्टरों में विभाजित करते हुए ठोस कचरा प्रबंधन करने के निर्देश दिए थे। इन कलस्टरों में नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका के शहरी इलाकों को शामिल किया गया है।

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वर्ष 2014 में सीएम ने की थी घोषणा

प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल 30 दिसंबर 2014 को पहली बार फतेहाबाद में आए थे। तब उन्होंने जनसभा में घोषणा की थी कि अगर कोई पंचायत कचरा प्रबंधन प्लांट के लिए जगह दे देगी तो वहां प्लांट बना दिया जाएगा। नप प्रशासन ने भूना के पास 30 एकड़ जगह का चयन किया। फतेहाबाद, टोहाना, रतिया भूना और उकलाना के शहरी एरिया का कचरा एकत्र कर उससे खाद और बिजली उत्पादन करने का प्रस्ताव सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा था। सरकार ने उसे मंजूर कर लिया। हरियाणा शहरी निकाय विभाग के निदेशक के निर्देशानुसार ठोस कचरा प्रबंधन की विशेषज्ञ टीम के दो सदस्य गुरदित्ता तेंदुलकर और अनीरभान चटर्जी ने अर्नेस्ट एंड यंग एलएलपी ट्रांजेक्शन एडवाइजर कंपनी की ओर से भूना की उस जगह का अवलोकन भी कर लिया है जिसे ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट के लिए चयनित किया गया है।

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स्वच्छता मुहिम का मौजूदा हाल

शहरों से हर रोज कई ¨क्वटल कूड़ा एकत्र होता है। इस कूड़े को उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर डालने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं। शहर से कूड़ा उठाया जाता है और बाहर खाली जगह में डाल दिया जाता है। फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, भूना, भट्टूकलां व जाखल आदि शहरों व कस्बों से रोजाना 150 टन कूड़ा निकलता है। इस कूड़े के ढेर लगाए जा रहे हैं। लगभग 30 फीसद कूड़ा खाली प्लाटों में पड़ा है। कूड़े के प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं है।

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दोबारा टेंडर अपलोड करेंगे: एमई

पहले एक बार टेंडर लगाए थे, लेकिन तब सिर्फ एक ही कंपनी ने आवेदन किया था। नियमानुसार कम से कम दो कंपनियों का टेंडर प्रक्रिया में भाग लेना जरूरी होता है। इसलिए एक कंपनी को टेंडर नहीं दिया जा सकता था। इसलिए जल्द ही दोबारा टेंडर लगाया जाएगा। यह उच्च अधिकारियों की मंजूरी के बाद ही होगा।

-सुंदर श्योराण, एमई, नगर परिषद।

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रिपोर्टर : प्रदीप जांगड़ा


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