हरियाणा में बढ़े बुखार के मरीज.. सीएचसी सेंटरों पर सीबीसी जांच किट खत्म, लोग परेशान
हरियाणा में बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे सीएचसी सेंटरों पर मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। इन सेंटरों पर सीबीसी जांच किट की कमी होन ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। सर्दी के मौसम ने जिले में बुखार, खांसी और सीजनल संक्रमण के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ा दी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास बजट न होने पर दवाइयां का टोटा लगातार बना हुआ है। हालत यह है कि सीएचसी व पीएचसी स्तर पर बुनियादी जांच तक ठप हो गई है।
ज़िले के कई केंद्रों पर सीबीसी जांच किट खत्म हो चुकी है, जबकि भूना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तो रिजेंट तक उपलब्ध नहीं जिसके बिना किसी भी जांच की मशीन आधी भी नहीं चल सकती।
यह स्थिति दिखाती है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा लेने वाले अधिकारी और प्रशासन कितनी गंभीरता से काम कर रहे हैं। लेकिन स्थानीय अधिकारी भी मजबूर है। जब तक बजट नहीं होगा तो दवाइयां कैसे मंगवाए।
अब जो बजट आया है उसमें वेंडरों को रुपये दिए है और 50 किट मंगवा दी है। अगले कुछ दिनों में यह किट पहुंच जाएगी ताकि कुछ राहत मिल सके। सीबीसी जांच ही तय करती है कि मरीज को वायरल है, बैक्टीरियल इंफेक्शन है, डेंगू जैसे लक्षण हैं या शरीर में प्लेटलेट्स की कमी है। लेकिन जांच किट के अभाव में डाक्टरों को केवल लक्षणों के आधार पर उपचार देना पड़ रहा है। इससे गलत दवा चलने, इलाज में देरी और जटिलताएं बढ़ने का खतरा है।
भूना सीएचसी: रिजेंट तक नहीं
सबसे खराब स्थिति भूना के सीएचसी की सामने आई है, जहां सीबीसी मशीन चलाने के लिए जरूरी रिजेंट तक खत्म हो चुका है। सोमवार को भूना निवासी अजय अपने बेटे की जांच करवाने के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचे। दरअसल उन्हें डेंगू था और जांच करवाने के लिए भेजा था।
लेकिन सीबीसी की जांच की बारी आई तो यहां पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि यहां पर टेस्ट नहीं हो सकते उन्हें फतेहाबाद जाना पड़ेगा। 20 किलोमीटर दूर जाने की बजाए उन्होंने प्राइवेट लैब से ही जांच करवा ली ताकि परेशानी न हो। दरअसल यहां पर टेस्ट किट की कमी है और मुख्यालय से एक किट की डिमांड की है। एक किट से तीन हजार टेस्ट हो सकते है। ऐसे में दो महीने आराम से चल जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं बजट, वेंडर भी नहीं दे रहे किट
जांच सामग्री न मिलने का असली कारण है विभाग का आर्थिक संकट। अधिकारियों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के ऊपर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की देनदारी पहले से लंबित है। दवाइयां, किट, लैब सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएं सप्लाई करने वाले वेंडर अब विभाग को उधार देने को तैयार नहीं।
ऐसे में किसी तरह वेंडरों की 20 लाख रुपये की देनदारी दी है। ऐसे में अब 50 किट भेजने के लिए तैयार हो गया है। उम्मीद है कि एक दो दिन के अंदर यह किट भी आ जाएगी। लेकिन इसका स्थाई समाधान करना होगा। 50 किट से करीब 10 हजार टेस्ट हो सकते है। उधर जिले में कफ सिरप फिर खत्म हो गई है। इसके अलावा पहले से ही बीपी, दर्द व नशा मुक्ति केंद्र की दवाइयां खत्म पड़ी है।
इन आंकड़ों पर डाले नजर
- कितने रुपये की देनदारी : 1.50 करोड़ रुपये
- कितने रुपये का बजट मांगा : 3 करोड़
- तीन महीने पहले कितना बजट मिला : 50 लाख
बजट का अभाव है, लेकिन किसी ने किसी मद से दवाइयां ली जा रही है। अब तो नए साल में ही बजट मिलेगा। टेस्ट किट मंगवा ली है। जहां कमी है वहां पर दे दी जाएगी। -डॉ. बुधराम, सिविल सर्जन।

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