जिले में दो बार हुई ओलावृष्टि, प्रशासन की तरफ से नहीं हुआ सर्वे
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : फरवरी महीने में जिले में दो बार ओलावृष्टि हो चुकी है। इसस
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
फरवरी महीने में जिले में दो बार ओलावृष्टि हो चुकी है। इससे सरसों के अलावा गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से स्पेशल सर्वे नहीं किया गया है। किसान भी अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मुआवजे के लिए विभाग को सूचना कम दे रहे हैं। इसकी वजह है कि कृषि विभाग के अधिकारी नुकसान का आंकलन करने में देरी करते हैं। दो बार ओलावृष्टि के बावजूद जिले में अब तक करीब 20 किसानों ने मुआवजे की मांग के लिए कृषि विभाग को सूचना दी है। दरअसल, 7 फरवरी व 14 फरवरी को दो बार ओलावृष्टि हो चुकी है। दोनों ही बार ओलावृष्टि टोहाना व भूना क्षेत्र में अधिक हुई। जिससे व्यापक फसलों में नुकसान हुआ है। परंतु उसकी शिकायत अभी तक किसान नहीं कर रहे। जिले में इस बारे 20 हजार हेक्टेयर में सरसों की खेती है और 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। इसके अलावा 10 हजार हेक्टेयर में चना, जौ के अलावा अन्य रबी की फसलों की खेती की हुई है।
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उत्पादन पर पड़ता है असर
ओलावृष्टि से फसलों के उत्पादन पर भारी असर पड़ता है। इस बार किसानों को आस थी कि गेहूं व सरसों की फसल का बंपर उत्पादन होगा, लेकिन दो बार ओलावृष्टि हो चुकी है। इसका असर फसलों पर पड़ेगा। किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से फसलों की टहनियां बेशक न टूटे, लेकिन गिरने से उत्पादन अपने आप कम हो जाता है। चन्ना व सरसों में इसका व्यापक असर पड़ता है।
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अभी भी राहत के आसार नहीं
अभी तक इस महीने में दो बार बारिश व ओलावृष्टि हुई है। दोनों की बार बृहस्पतिवार को हुई। मौसम विभाग के अनुसार आगामी 21 फरवरी को फिर से बारिश हो सकती है। उस दिन भी बृहस्पतिवार है।
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अपने यहां पर ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे में सर्वे नहीं किया गया। ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होता तो किसान बड़ी संख्या में शिकायत दर्ज करवाते, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ।
- डा. बलवंत सहारण, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।