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गुरुद्वारा परिसर में कब्जा छुड़वाने गए अधिकारी, बैरंग लौटे

संवाद सूत्र टोहाना कैंची चौक के समीप स्थित गुरुद्वारा श्री बाबा बंदा बहादुर साहिब क्षेत्र में

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 12:29 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 12:29 AM (IST)
गुरुद्वारा परिसर में कब्जा छुड़वाने गए अधिकारी,  बैरंग लौटे
गुरुद्वारा परिसर में कब्जा छुड़वाने गए अधिकारी, बैरंग लौटे

संवाद सूत्र, टोहाना :

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कैंची चौक के समीप स्थित गुरुद्वारा श्री बाबा बंदा बहादुर साहिब क्षेत्र में लगभग 23 वर्ग गज भूमि का रकबा न्यायालय के आदेश पर कब्जा छुड़वाने आए अधिकारी डयूटी मजिस्ट्रेट के उपस्थित न होने पर बिना कब्जा छुड़वाए वापस लौट गए।

गौरतलब है कि गुररुद्वारा बाबा बंदा बहादुर साहिब के पास वर्ष 1975 से एक भूमि कैंची चौक के पास स्थित है। इस भूमि पर पिछले कई सालों से 23 वर्ग गज के टुकड़े को लेकर न्यायालय में मामला विचाराधीन था। इस 23 वर्ग गज पर वर्ष 2013 में न्यायालय ले राकेश कुमार के नाम डिग्री कर उसे मालिक बना दिया था। लेकिन उसके बावजूद भी गुरुद्वारा कमेटी ने इस डिग्री को जाली बताते हुए कब्जा नहीं दिया। जिसके चलते डिग्री धारक ने वर्ष 2016 में न्यायालय में याचिका दायर कर उसे कब्जा दिलवाने की गुहार लगाई थी।

वर्ष 2019 में तीन साल बाद न्यायालय ने राकेश कुमार के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए प्रशासन को आदेश किये थे कि 19 मार्च तक प्रार्थी को कब्जा दिलवाया जाए। इस संदर्भ में तहसील कार्यालय से पटवारी ने गुरुद्वारा में इस संदर्भ में तीन दिन पहले नोटिस भेजा लेकिन उनके द्वारा लेने से इन्कार करने पर उन्होंने नोटिस को मुख्य द्वार पर चस्पा दिया गया था।

रविवार को तहसील कार्यालय से कानूनगो राजेंद्र प्रयास व पटवारी पुलिस बल को लेकर मौके पर पहुंचे। लेकिन पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पंहुचा जिसके चलते अधिकारी बिना कब्जा कार्रवाई के वापिस लौट गए।

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उधर गुरुद्वारा कमेटी प्रधान इकबाल सिंह का कहना है कि 44 वर्षो से यह मलकियत गुरुद्वारा साहिब की है और इस पर आज तक कोई दुकान नहीं बनाई गई थी। उन्होंने बताया कि कई सालों से लगातार लोग फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर कब्जा लेने के लिए आते रहते है। जबकि यहां कोई भी दुकान आदि नहीं थी। उन्होंने बताया कि अब तक दस रजिस्ट्री रद हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन हमें बताये कि यह रजिस्ट्री कब हुई और किसने करवाई। उन्होंने कहा कि वह फिर भी न्यायालय का सम्मान करेंगे।

न्यायालय द्वारा कब्जा दिलाने के लिए 19 मार्च तक का दिया गया था समय

तहसील कानूनगो राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि न्यायाधीश विनय शर्मा की अदालत में राकेश कुमार व गंगा सिंह के बीच वर्ष 2016 से गुरुद्वारा परिसर में आई 23 वर्ग गज भूमि को लेकर विवाद था। जिसका फैसला राकेश कुमार के हक में आने के बाद वह न्यायालय के आदेश पर कब्जा दिलवाने आए थे। उन्होंने बताया कि रविवार को डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त ना किये जाने के कारण पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच नहीं सके। जिसके चलते यह कब्जा कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि न्यायालय द्वारा कब्जा दिलाने के लिए 19 मार्च तक का समय दिया गया था। इसलिए दोबारा गुरुद्वारा कमेटी को नोटिस देकर पुन: कार्रवाई की जाएगी।


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