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जीएसटी से सरकार मालामाल, पांच महीने में चार साल जितना जुर्माना

2014 से 2017 तक चार सालों में टैक्स चोरी पर 1.04 करोड़ जुर्माना लगा, वहीं जीएसटी लागू होने के बाद दिसंबर 2017 से 20 मई 2018 तक 1.02 करोड़ का जुर्माना किया गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 08:52 PM (IST)
जीएसटी से सरकार मालामाल, पांच महीने में चार साल जितना जुर्माना
जीएसटी से सरकार मालामाल, पांच महीने में चार साल जितना जुर्माना

फतेहाबाद [राजेश भादू]। जीएसटी का असर अब दिखने लगा है। जो राजस्व पहले कई प्रकार के टैक्स लगाने के बाद भी एकत्रित नहीं होता था, वह अब अकेले जीएसटी से होने लगा है। यूं कहें कि जीएसटी से सरकार का खजाना भरने लगा है। कराधान विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार अधिकारियों द्वारा रोड पर वाहनों की चेकिंग से हर महीने उतना राजस्व मिलता है जो पिछले चार सालों में प्रति वर्ष मिलता था।

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दरअसल, कराधान विभाग ने वर्ष 2014 से 2017 तक चार सालों में 824 मामलों में जुर्माना लगाकर एक करोड़ 4 लाख 21 हजार रुपये का राजस्व एकत्रित किया। वहीं पांच महीनों में यानी दिसंबर 2017 से 20 मई 2018 तक 1 करोड़ 2 लाख रुपये। अधिकारी भी मानते हैं कि फतेहाबाद जिले में तो जीएसटी के तहत ई-वे बिल लागू होने से राजस्व का रिकार्ड टूट गया है। जो टैक्स पहले चार साल में रोड पर गाड़ियों की चेकिंग से नहीं मिला, वो अब पांच महीनों में मिल गया है।

हैफेड के अधिकारी भी कर रहे थे टैक्स चोरी, लगाया जुर्माना

कराधान विभाग के अधिकारियों ने गत दिनों दो गाड़ियां सरसों की बोरियों से भरी पकड़ी। उनके पास न तो मार्केट कमेटी का बिल था न ही ई वे बिल। इसके बाद उन पर करीब चार लाख रुपये का जुर्माना किया गया। गाड़ी के चालकों ने बताया कि वे भिवानी की मंडी सिवानी से सरसों फतेहाबाद के हैफेड के गोदाम में ले जा रहे थे। इसके बाद कराधान विभाग के अधिकारियों ने हैफेड पर भी जुर्माना लगाया।

पेस्टीसाइड, कपास, धागा और कपड़ा व्यापारियों पर लगाया जुर्माना

कराधान विभाग ने पिछले पांच महीनों में पेस्टीसाइड, कपास, धागा व कपड़ा व्यापारियों पर टैक्स चोरी करने पर वाहन चेकिंग के दौरान जुर्माना लगाया। वैसे डीलर व व्यापारी ई-वे बिल तो लेते हैं, लेकिन उनके पास 10 लाख का सामान हैं तो दो लाख रुपये का ही टैक्स देते हुए बिल लेते हैं। बाकी आठ लाख का सामान पर टैक्स चोरी करते हैं। जांच में सभी डीलरों ने ऐसा ही किया। उसके बाद ही उन पर जुर्माना किया गया।

जीएसटी के बाद भी अधिकारियों पर कार्रवाई निर्भर

वैसे जीएसटी लागू होने के बाद भी अधिकारियों पर निर्भर है कि वे ई वे बिल के तहत रोड पर गाड़ियों की चेकिंग करते हुए जुर्माना लगाए या नहीं। फतेहाबाद में जीएसटी लागू होने के पहले व बाद तक पवन कुमार कराधान विभाग में उपायुक्त थे। उनके कार्यकाल में 2017 में सिर्फ पांच लाख रुपये चेकिंग के दौरान टैक्स मिला। जुलाई से नवंबर के दौरान भी उन्होंने बहुत कम गाड़ियों की चेकिंग की। वहीं उनके बाद आए कराधान उपायुक्त डा. वीके शास्त्री ने पांच महीनों में एक करोड़ रुपये से अधिक टैक्स रोड पर वाहनों चेकिंग के दौरान जुर्माना लगाकर वसूल लिया।

सरकार ने जीएसटी बहुत बढ़िया बनाई है। इसके तहत व्यापारियों को भी व्यापार करने आसानी हो रही है। वहीं जो टैक्स नहीं भरते उन पर जुर्माना का प्रावधान किया गया है। हमने फतेहाबाद में पिछले पांच महीनों में एक करोड़ से अधिक का राजस्व रोड पर वाहनों की चेकिंग के दौरान टैक्स लगाकर एकत्रित किया है।

कराधान एवं आबकारी आयुक्त डॉ. वीके शास्त्री का कहना है कि 2014 से 2017 तक चार सालों में टैक्स चोरी पर 1.04 करोड़ जुर्माना लगा, वहीं जीएसटी लागू होने के बाद दिसंबर 2017 से 20 मई 2018 तक 1.02 करोड़ का जुर्माना किया गया।

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