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वीडीएसटी कंपनी के चार नुमाइंदों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस

तेलंगाना पुलिस की तर्ज पर कार्रवाई करते हुए शहर पुलिस ने ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 11:28 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 11:28 PM (IST)
वीडीएसटी कंपनी के चार नुमाइंदों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस
वीडीएसटी कंपनी के चार नुमाइंदों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:

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तेलंगाना पुलिस की तर्ज पर कार्रवाई करते हुए शहर पुलिस ने विवादों में रही वीडीएसटी कंपनी के चार नुमाइंदों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। हालांकि इस केस में कोई भी ऐसा शिकायतकर्ता नहीं है, जिसने सीधे तौर पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया हो। जिला न्यायालय के एक वकील ने बीस दिन पहले जनहित में एसपी को एक शिकायत दी थी। शिकायत में लिखा गया था कि क्षेत्र में इन दिनों कई कंपनियां काम कर रही हैं, जो लोगों को निवेश के लिए प्रेरित कर रही हैं। इन कंपनियों की जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी से धोखाधड़ी न हो। इसके बाद पुलिस ने वीडीएसटी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपितों में गांव किरढ़ान निवासी राधेश्याम, बनगांव निवासी सतबीर ¨सह, ¨सथला निवासी विनोद व बरसीन निवासी विनोद कुमार शामिल हैं। पुलिस ने एफआइआर में लिखा है कि उक्त लोग एक कंपनी चलाकर क्षेत्र के लोगों से ठगी कर रहे थे। आरोप है कि इन्होंने एक चिट फंड कंपनी बना रखी थी। इसी आरोप में उनके खिलाफ आइपीसी की धारा 430, 120बी व 34 तथा प्राइज चिट एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम बै¨नग एक्ट 1978 की धारा 4, 5 व 6 के तहत केस दर्ज किया गया है। 18 अगस्त 2018 को एसपी को दी शिकायत में सुभाष जांगू ने लिखा था कि क्षेत्र में इन दिनों कई कंपनियां सक्रिय हैं। इन कंपनियों के जरिये लोग निवेश कर रहे हैं। हो सकता कि भविष्य में कंपनियां फरार हो जाएं। उसके बाद पीएसीएल की तरह नए नए विवाद सामने आएंगे। इसलिए इनकी जांच होनी चाहिए। पुलिस ने यह शिकायत इक्नोमिक सेल को भेजी थी। अब इक्नोमिक सेल की रिपोर्ट पर केस दर्ज हुआ है।

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पहले भी विवादों में रही वीडीएसटी कंपनी

वीडीएसटी कंपनी पहले ही विवादों में चल रही है। इस कंपनी में क्षेत्र के काफी युवा काम कर रहे हैं। कंपनी के नुमाइंदों ने जाट धर्मशाला में अपना कार्यालय बनाया हुआ है। पुलिस के मुताबिक यह कंपनी भी फ्यूचर मेकर की तरह कुछ प्रोडक्ट देती है और इसके अलावा नेटवर्किंग के जरिये रुपये एकत्र करती है। इस कंपनी के प्रोडक्ट से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले सेंपल लिए थे। वे सभी सेंपल भी फेल हो गए थे। इसके अलावा कराधान विभाग ने भी जांच की थी। जांच के दौरान टैक्स चोरी सामने आई थी। उस समय 70 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था। हालांकि बाद में जुर्माना अदा कर दिया था।

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एक बार क्लीन चिट दे चुकी है पुलिस

वीडीएसटी ने शहर में जब काम शुरू किया था, तब पुलिस को सूचना मिली थी कि यहां पर प्रोडक्ट बेचने के नाम पर कुछ गलत हो रहा है। इसके बाद पुलिस ने मौके पर जाकर चे¨कग भी की थी। बकायदा कंपनी के प्रधिनिधियों को रिकॉर्ड सहित तलब किया गया। कंपनी प्रतिनिधियों को चार दिन थाने के चक्कर कटाने के बाद पुलिस ने कह दिया था कि रिकॉर्ड बिल्कुल दुरुस्त है। इसमें किसी तरह की कोई खामी नहीं है। ऐसे में अब सवाल पुलिस की कार्यशैली को लेकर ही उठ रहा है। पहले पुलिस बताती है कि सबकुछ ठीकठाक है। और अब उसी थाने की पुलिस कह रही है कि धोखाधड़ी हो रही है।

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मैंने एसपी को शिकायत देकर कहा था कि ऐसी कंपनियों की जांच होनी चाहिए। न तो मेरी किसी कंपनी से ग्राहक के तौर पर डी¨लग हुई है और न ही मेरे साथ कोई धोखाधड़ी हुई। मेरी जानकारी में नहीं कि मामले में किसको कैसे आरोपित बनाया है। यह अच्छी बात है कि पुलिस ने मेरी शिकायत पर संज्ञान लिया है।

-सुभाष जांगू, एडवोकेट।

----------------- हमारे पास कई दिन पहले वकील की शिकायत आई थी। वह शिकायत हमने जांच के लिए इक्नोमिक सेल में भेज दी। इक्नोमिक सेल ने जांच में पाया है कि कंपनी अवैध रूप से कारोबार चला रही थी। उसी के आधार पर हमने केस दर्ज किया है।

-रोहताश कुमार, एसएचओ, शहर थाना।


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