फर्जीवाड़ा का शातिर तरीका, कई फर्मों ने की 107 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी
हरियाणा की कई फर्मों ने 1100 करोड़ रुपये के बोगस बिल काटकर 107 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी की।
फतेहाबाद, जेएनएन। हरियाणा की चार फर्मों ने बेहद शातिर तरीके से बड़े फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया। कई फर्मों ने 1100 करोड़ रुपये से अधिक के बोगस बिल काटकर 107 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी की। बोगस बिल काटने वाली फर्मों में फतेहाबाद की चार फर्म भी हैं। अब इन फर्मों की मुसीबत बढ़नी शुरू हो गई है। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
शुक्रवार को जीएसटी के अधिकारियों ने चारों फर्मों के टैक्स चोरी की गणना की। इसमें सामने आया कि चारों फर्मों ने बोगस बिल काटते हुए 3.42 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। 24 दिसंबर को जीएसटी के अधिकारियों ने बोगस बिल काटने वाली इन चार फर्मों को पकड़ा था। पिछले दिनों कराधान विभाग के उपायुक्त वीके शास्त्री ने रतिया में एक फर्म की जांच की, वो बिना लेनदेन किए काटन का बिल काट रही थी। इसके बाद उससे जुड़ी कई फर्मों की जांच हुई। इसके बाद प्रदेश की कई फर्में फर्जी बिल काटने में पकड़ी गईं। इन फर्मों ने पूरे प्रदेश में 1100 करोड़ रुपये से अधिक के बोगस बिल जारी किए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, इनमें से महम की प्रिया इंडस्ट्रीज ने 426 करोड़ के 1560 बोगस बिल काटे। इसके चलते 40 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। इसी तरह महेंद्रगढ़ की पूनम इंडस्ट्रीज और गुरुग्राम की प्रीति इंडस्ट्रीज ने कैटल फीड पर जीएसटी नंबर लेते हुए 640 करोड़ से अधिक के बोगस बिल काट दिए। कैटल फीड जीएसटी से बाहर है। उसके बाद भी इन दोनों फर्मों ने कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, रेडीमेड के बिल काटते हुए सरकार के राजस्व को 64 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाया।
फतेहाबाद की इन फर्मों ने काटे बोगस बिल
फतेहाबाद के भूना रोड पर कागजों में चल रही गोपीराम एंड इंडस्ट्रीज ने 17.59 करोड़ रुपये के 88 बोगस बिल काटे। पांच फीसद टैक्स के हिसाब से काटे गए बिलों पर 88 लाख रुपये टैक्स बनता हैं। यह कंपनी सिरसा के बेगू रोड निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र संतराम की है। वहीं सरदूलगढ़ पंजाब के सुरेंद्र ने कागजों में मनीष कॉटन इंडस्ट्रीज बनाते हुए 5 फर्मों को 13.91 करोड़ रुपये के 64 बोगस बिल जारी किए। इन पर नियमानुसार 70 लाख रुपये टैक्स बनाता है।
सरदूलगढ़ के ही विरेंद्र सिंह ने रतिया में हरिओम काटन ट्रेडर्स नामक फर्म बनाकर 3 फर्मों को 13.66 करोड़ रुपये के 94 बोगस बिल काटे हैं। इसमें 65 लाख रुपये टैक्स बनता है। मानसा के निकटवर्ती गांव सरदूलेवाला के देवीलाल ने रतिया में साईं ट्रेडिंग कंपनी बनाकर 12 फर्मों को 23.78 करोड़ रुपये के 94 बोगस बिल काटे। काटन पर पांच फीसद जीएसटी है। इसके हिसाब से 1 करोड़ 19 लाख रुपये को टैक्स बनता है।
कुछ दिन पहले में रतिया की एक फर्म की जांच करने गया था। ये फर्म सिर्फ बोगस बिल काटकर सरकार के राजस्व में घाटा पहुंचा रही है। ये फर्म न तो सामान खरीदती है और न बेचती है। इसकी रिपोर्ट बनाकर हमने निदेशालय भेज दी है। जल्द ही पुलिस में इनके खिलाफ शिकायत दी जाएगी। फतेहाबाद के अलावा जिन तीन फर्मों ने बोगस बिल काटे थे उनके फतेहाबाद कनेक्शन की भी जांच की जा रही है।
- डा. वीके शास्त्री, उपायुक्त, आबकारी एंव कराधान।