पॉलीथीन मुक्त शहर के लिए पहले मुनादी, फिर चालान
विनोद कुमार फतेहाबाद जिले को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों ने तैयारी कर ली है
विनोद कुमार, फतेहाबाद
जिले को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों ने तैयारी कर ली है। नगरपरिषद सोमवार से अभियान का श्रीगणेश करेगी। पहले मुनादी कराएगी और बाद में चालान काटा जाएगा। जिले के 20 से अधिक विभाग के अधिकारी पालीथिन का चालान कर सकते है। ऐसे में दूसरे विभाग के अधिकारी भी आनाकानी नहीं कर सकते है कि हमारे पास पॉवर नहीं है। यह इसलिए किया गया है ताकि जिला पालीथिन मुक्त हो।
पहले प्रदूषण बोर्ड ने 50 माइक्रॉन से अधिक के पालीथिन को बेचने की अनुमति दे दी थी। लेकिन अब सभी प्रकार के पालीथिन पर बैन कर दिया गया है। वहीं चुनाव के समय में भी सामग्री के प्रयोग के लिए पालीथिन का प्रयोग नहीं होगा। यह इसलिए किया गया है कि इस पालीथिन पर तुरंत प्रभाव से रोक लग सके।
स्थानीय नगरपरिषद 25 मार्च को शहर में मुनादी करवाएगी कि अगर कोई पालीथिन बेचता मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नप अधिकारी ने पालीथिन बेचने वालों की लिस्ट भी तैयार कर ली है। सबसे अधिक पालीथिन पुरानी सब्जी मंडी में बेचा जाता है। यहां के दुकानदारों को पत्र लिख दिया है। अगर उन्होंने पालीथिन बेचना बंद नहीं किया तो जुर्माने के साथ मामला भी दर्ज हो सकता है।
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जिले में नहीं बनता पालीथिन, बाहर से आता है
स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारियों की माने तो उन्होंने पूरे जिले से रिपोर्ट प्राप्त कर ली है। यहां सिरसा, हिसार व रोहतक से पालीथिन आता है। फतेहाबाद की पुरानी सब्जीमंडी, टोहाना में मंडी तो रतिया के दुकानों पर पालीथिन बिक रहा है। जिले में कहीं भी पालीथिन नहीं बन रहा है। जिन स्थानों पर पालीथिन बन रहा है वहां के डीलर आता है और यहां पर पालीथिन देकर चला जाता है। अब जो डीलर पालीथिन देने आता है उस पर जुर्माना होगा और उसका सामान भी जब्त होगा।
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ये अधिकारी कर सकते है जुर्माना
-उपायुक्त
-जिले के सभी ड्यूटी मजिस्ट्रेट
-डीडीपीओ
-एसडीएम
-सीटीएम
-नगर निकाय के कमिश्नर
-ईओ
-नगरपपरिषद व नगरपालिका के सचिव
-नगर निगम निकाय के सहायक उपायुक्त
-नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर
-जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता
-खाद्य आपूर्ति विभाग के नियंत्रक
-खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सहायक अधिकारी
-नगर योजनाकार विभाग के सभी अधिकारी
-शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी
-बीडीपीओ
-सभी तहसीलदार
-सभी नायब तसीलदार
-प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रिय अधिकारी
-प्रदूषण बोर्ड के सहायक अभियंता
-प्रदूषण बोर्ड के सभी वैज्ञानिक
-प्रदूषण बोर्ड के सभी जेई
-मार्केट के सभी सचिव
-नगरपरिषद के अधिकारी ईओ व संबंधित विभाग के अधिकारी
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ये है जुर्माना
पालीथिन जुर्माना
100 ग्राम 500
101-500 ग्राम 1500
501 ग्राम-1 किग्रा 3000
1-5 किग्रा 10000
5-10 किग्रा 20000
10 किग्रा से अधिक 25000
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ये कहना है चिकित्सकों का
प्लास्टिक मूल रूप से नुकसानदेह होता। प्लास्टिक के थैले अनेक हानिकारक रंगों, रंजक और अन्य तमाम प्रकार के अकार्बनिक रसायनों को मिलाकर बनाए जाते हैं। रंग और रंजक एक प्रकार के औद्योगिक उत्पाद होते हैं, जिनका इस्तेमाल प्लास्टिक थैलों को चमकीला रंग देने के लिए किया जाता है। इनमें से कुछ रसायन कैंसर को जन्म दे सकते हैं और कुछ खाद्य पदार्थों को विषैला बनाने में सक्षम होते हैं। रंजक पदार्थों में कैडमियम जैसी जो धातुएं होती हैं, वो सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह हैं। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कैडमियम के इस्तेमाल से उल्टियां हो सकती हैं और दिल का आकार बढ़ सकता है। लम्बे समय तक जस्ता के इस्तेमाल से मस्तिष्क के उत्तकों का क्षरण होने लगता है।
::डा. अजय चुघ
नागरिक अस्पताल फतेहाबाद।
फिजिशियन नागरिक अस्पताल फतेहाबाद।
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पहले पॉलीथिन बेचने के लिए कुछ छूट दी। लेकिन अब प्रदूषण बोर्ड ने बैन कर दिया है। पहले फतेहाबाद शहर में अभियान चलाया जाएगा। मुनादी करवाई जाएगी। अगर उसके बाद भी पालीथिन बेचा जाता है तो चालान किया जाएगा। जो भी पालीथिन मिलेगा उसे जब्त कर लिया जाएगा। वहीं आम लोग भी अपने घरों से थैला लेकर चले ताकि पालीथिन पर पूर्णतया रोक लग सके।
कुमार सौरभ
इंचार्ज स्वच्छ भारत मिशन।