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इमरजेंसी नोटिस: यहां हड्डी डाक्टर नहीं, मरहम-पट्टी और रेफर करने तक है व्यवस्था

जागरण संवाददाता फतेहाबाद स्वास्थ्य विभाग बेशक बेहतर सुविधाएं देने का दावा कर रहा है

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 10:58 PM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 06:14 AM (IST)
इमरजेंसी नोटिस: यहां हड्डी डाक्टर नहीं, मरहम-पट्टी और रेफर करने तक है व्यवस्था
इमरजेंसी नोटिस: यहां हड्डी डाक्टर नहीं, मरहम-पट्टी और रेफर करने तक है व्यवस्था

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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स्वास्थ्य विभाग बेशक बेहतर सुविधाएं देने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को चलाने के लिए डाक्टर ही नहीं और ना ही डाक्टर यहां पर रूक रहे हैं। इमरजेंसी केसों के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास डाक्टर नहीं है और ना ही डिलीवरी करने के लिए गायनोलॉजिस्ट और एलएमओ हैं। नागरिक अस्पताल फतेहाबाद की इमरजेंसी में अब स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस लगा दिया है कि यहां पर आर्थो डाक्टर नहीं है, यानि की यहां पर इमरजेंसी केस को लेकर समय खराब मत करें। अप्रैल से अक्टूबर माह तक इमरजेंसी से 2221 केसों में से 1401 केस रेफर हो चुके हैं।

यही हालात स्वास्थ्य विभाग के डिलीवरी हटों के हो चुके हैं, नागरिक अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी पर आने वाले डिलीवरी केस स्टाफ नर्स संभाल रही हैं, और यहां से रेफर कर खेल चल रहा है। हाई रिस्क केस में पीएचसी और सीएचसी पर आने वाले केसों को नागरिक अस्पतालों में रेफर किया जा रहा और फिर यहां से अग्रोहा मेडिकल भेजा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 25 फीसद डिलीवरी केस रेफर हो रहे हैं, सबसे अहम बात यह भी है कि जच्चा-बच्चा की जान बचाने का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मुताबिक इस साल अब तक 12 गर्भवती की जान भी जा चुकी है।

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जानिए क्या है अस्पताल में व्यवस्था

स्वीकृत पद - 145

कार्यरत डाक्टर- 35

खाली पद - 110

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ये भी जानिए

स्वीकृत पद गायनोलॉजिस्ट - 36

कार्यरत - 3

स्वीकृत पद एलएमओ - 48

कार्यरत - 4

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डिलीवरी हट खाली, व्यवस्था फेल

जिला अस्पताल फतेहाबाद में कोई गायनोलॉजिस्ट नहीं और ना ही एलएमओ है। यहां पर व्यवस्था चलाने के लिए पॉलीक्लीनिक में तैनात महिला रोग विशेषज्ञ डा.सुनीता बिश्नोई को लगाया गया है और यानि अब पॉलीक्लीनिक में कोई डाक्टर नहीं है। रतिया के अस्पताल में कोई महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है, अहरवां की महिला रोग विशेषज्ञ को यहां पर लगाया गया है। भट्टू में एसएमओ एलएमओ का काम संभाल रही है। टोहाना में दो महिला रोग विशेषज्ञ हैं। जाखल और भूना में कोई महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है। इसके अलावा गांव भिरड़ाना, नागपुर, कुलां, बनगांव, पीलीमंदोरी, समैन, नहला व पिरथला के पीएचसी खाली हैं।

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इसलिए भी नहीं रूक रहे डाक्टर

स्वास्थ्य विभाग रेगुलर पर तैनात डाक्टर को 50 से 60 हजार रुपये वेतन दे रहा है जबकि अगर अनुबंध पर डाक्टर को रखा जाता है तो उसे करीब एक लाख रुपये वेतन दिया जाता है। इस वजह से रेगुलर डाक्टर यहां पर नहीं रूक रहे हैं और प्राइवेट संस्थानों की तरफ भाग रहे हैं।

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फतेहाबाद में हड्डी रोग विशेषज्ञ का होना जरूरी है, पहले ट्रांसफर किए गए थे, लेकिन बाद में कैंसिल कर दिए गए। अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ और गायनोलॉजिस्ट को लेकर जल्द व्यवस्था की जाएगी। वैसे जल्द डाक्टरों की भर्ती भी निकाली जा रही है।

- डा.सूरजभान कंबोज

स्वास्थ्य महानिदेशक


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