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गेहूं की बिजाई में जुटे धरतीपुत्र

जागरण संवाददाता फतेहाबाद गेहूं का बिजाई का सही समय चल रहा है। जिले के किसानों ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 12:13 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 06:16 AM (IST)
गेहूं की बिजाई में जुटे धरतीपुत्र
गेहूं की बिजाई में जुटे धरतीपुत्र

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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गेहूं का बिजाई का सही समय चल रहा है। जिले के किसानों ने अब तक बड़ी संख्या में गेहूं की बिजाई कर ली है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि नवंबर महीने में गेहूं की बिजाई कार्य पूरा कर लेना चाहिए, ताकि उत्पादन अच्छा हो सके। वैसे अब जो तापमान है वह गेहूं के बिजाई के लिए उपयुक्त है। अमूमन गेहूं बिजाई का समय एक नवंबर से शुरू होता है, लेकिन कुछ किसान अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में भी गेहूं की बिजाई शुरू कर देते है। अबकी बार जिले में 1 लाख 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की जानी है। अब तक 1 लाख 40 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई हो चुकी है। वैसे भी रबी की गेहूं सबसे प्रमुख फसल है। उसके बाद भी गेहूं के रकबे में लगातार बढ़ोतरी हुई है। दूसरी ओर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों का आह्वान किया है कि वे गेहूं की बिजाई मौसम को ध्यान में रखकर ही करें। इस अब गेहूं की बिजाई करने पर उत्पादक अधिक मिलेगा।

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ये है मुख्य किस्में :

कृषि विभाग के द्वारा कई किस्मों की सिफारिसे की जाती है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना गेहूं का के बीज का उपचार के बाद ही बुआई करनी चाहिए। इसके लिए एचडी-2967, डब्ल्यूएच-1105, एचडी-3086, डीबीडब्ल्यू-88, एचडी-सीएसडब्ल्यू-18, पीबीडब्ल्यू-550 किस्मों की बिजाई कर सकते हैं। देरी से बिजाई के लिए किसान डीबीडब्ल्यू-71, डीबीडब्ल्यू-90, एचडी-3059, डब्ल्यूएच-1021, पीबीडब्ल्यू-590 किस्मों की बिजाई कर सकते हैं। ----------------------------

लोहे की कमी में ये करें:

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं में लोहे की कमी में नीचे की पत्तियां हरी तथा नई निकलने वाली पत्तियां पीली धारीधार या पूर्णतया पीली हो जाती हैं। यह ट्यूबवेल के पानी में बाइकार्बोनेट की अधिकता के कारण होता है। इसके उपचार के लिए गेहूं की फसल पर 0.5 प्रतिशत फैरस सल्फेट के घोल के 8-10 दिन के अंतर पर लगातार दो से तीन छिड़काव करें। पानी की जांच कराकर जरूरत के अनुसार जिप्सम डालें।

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गेहूं की बिजाई में किसान विशेष ध्यान रखे। नवंबर महीने तक बुआई का कार्य पूरा कर ले। अब गेहूं बोते समय अधिक बीज का प्रयोग करें। इसके साथ पछेती किस्मों की बुआई करें, ताकि उत्पादन पर किसी प्रकार का असर न पड़े।

- डा. संदीप भाकर, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक केंद्र।


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