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गेहूं का उठान न होने से आढ़ती हुए परेशान, गेहूं खरीद भी रोकी और उठान भी रहा शून्य

संवाद सहयोगी टोहाना अनाज मंडियों में गेहूं का उठान न होने के कारण सभी मंडियां गे

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 10:48 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 06:15 AM (IST)
गेहूं का उठान न होने से आढ़ती हुए परेशान, गेहूं खरीद भी रोकी और उठान भी रहा शून्य
गेहूं का उठान न होने से आढ़ती हुए परेशान, गेहूं खरीद भी रोकी और उठान भी रहा शून्य

संवाद सहयोगी, टोहाना :

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अनाज मंडियों में गेहूं का उठान न होने के कारण सभी मंडियां गेहूं की बोरियों से अटी पड़ी है। यदि इसका उठान जल्द नहीं किया गया तो खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं अचानक मौसम बिगड़ने के कारण बरसात की भेंट चढ़ सकती है। जिससे सरकार को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

गेहूं की सरकारी खरीद 20 अप्रैल से होनी थी, लेकिन तीन दिनों तक आढ़तियों की हड़ताल के चलते सरकारी खरीद नाममात्र ही हुई थी। उसके बाद आढ़तियों द्वारा हड़ताल खत्म करने के बाद सभी मंडियों व खरीद केंद्रों में गेहूं खरीद का कार्य शुरू होने के बाद वहां गेहूं से भरी बोरियां अटी पड़ी है। खरीद एजेंसियों द्वारा इनका उठान ना करवाएं जाने से अब आढ़तियों को यह भय सताने लगा है कि 12 प्रतिशत तक नमी वाली खरीद गई गेहूं की शॉर्टेज आढ़तियों के गले पड़ेगी। वहीं गेहूं का उठान ना करवाये जाने से इसका भुगतान भी लंबित है, जिससे किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि सरकार गेहूं का उठान बराबर करवाती रहे तो इससे उनके द्वारा किसानों के भुगतान में भी आसानी होगी।

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हैफेड को लिखा पत्र

कच्चा आढ़ती एसोसिएशन ने बुधवार को फतेहाबाद के जिला प्रबंधक हैफेड को एक पत्र भेजकर टोहाना मंडी में गेहूं के उठान के बारे में भी लिखा है। वहीं हैफेड द्वारा 28 अप्रैल को भेजे गये पत्र में कहा गया था कि टोहाना मंडी में आढ़ती ट्रकों की क्षमता के अनुसार गेहूं का लदान नहीं करवा रहे हैं। जबकि उनकी डिमांड के हिसाब से उन्हें गाड़ियां उपलब्ध नहीं हो रही है। जो उन्हें गाडिय़ां उपलब्ध करवाई जा रही थी, जिनकी संख्या सात है, मंडी की लेबर लोडिग करने के लिए मना कर रही थी, क्योंकि उसकी लंबाई अधिक होने के कारण लेबर से लोड नहीं हो रही है। आढ़ती एसोसिएशन ने मंडी में 6 टायर, 10 टायर या 12 टायर की गाड़ी या ट्राली द्वारा उन्हें साधन उपलब्ध करवाने की मांग की है, ताकि मंडी की लेबर सुचारू रूप से लोडिग करती रहे।

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29 अप्रैल को मंडी में खरीद बंद कर दी गई थी, जिससे यह उम्मीद थी कि गेहूं की बोरियों का उठान हो जाएगा। लेकिन उठान ना होने से किसानों को किये जाने वाले भुगतान में देरी हो रही है। पांच दिन पहले खरीद की गई गेहूं का अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ। जबकि सरकार ने 24 घंटे में गेहूं के उठान की व 72 घंटे में भुगतान करने के दावे किये थे वो झूठे थे।

तरसेम बंसल, प्रधान कच्चा आढ़तियां एसोसिएशन, टोहाना।


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