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्रउदासीन व्यवस्था, आफत की 'दिशा'

अचल संपत्ति की पंजीकरण करवाने पर सरकार ने 7 फीसद शुल्क लगाया हुआ है। यह शुल्क सरकार पहले ही लेती है। उसके बाद ई दिशा में रजिस्ट्री होती है। सरकार के शुल्क के अलावा जिला स्तर पर अधिकारियों की गठित डीआइटीएस यानी जिला सूचना प्रौद्योगिक सोसाइटी भी 5 से 15 हजार रुपये तक अलग से प्रति रजिस्ट्री पर शुल्क वसूलती है। उसके बाद भी लोगों को सुविधा नहीं दी जा रही। हद तो यह है कि गत दो दिनों से ई दिशा में बिजली सप्लाई बाधित है। शुक्रवार को सुबह दस बजे से दोपहर तीन बजे तक बिजली गुल रही। वीरवार को तो बिजली गुल होने से 40 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 07:05 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 07:05 PM (IST)
्रउदासीन व्यवस्था, आफत की 'दिशा'
्रउदासीन व्यवस्था, आफत की 'दिशा'

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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अचल संपत्ति की पंजीकरण करवाने पर सरकार ने 7 फीसद शुल्क लगाया हुआ है। यह शुल्क सरकार पहले ही लेती है। उसके बाद ई दिशा में रजिस्ट्री होती है। सरकार के शुल्क के अलावा जिला स्तर पर अधिकारियों की गठित डीआइटीएस यानी जिला सूचना प्रौद्योगिक सोसाइटी भी 5 से 15 हजार रुपये तक अलग से प्रति रजिस्ट्री पर शुल्क वसूलती है। उसके बाद भी लोगों को सुविधा नहीं दी जा रही। हद तो यह है कि गत दो दिनों से ई दिशा में बिजली सप्लाई बाधित है। शुक्रवार को सुबह दस बजे से दोपहर तीन बजे तक बिजली गुल रही। वीरवार को तो बिजली गुल होने से 40 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे थे।

व्यवस्था की विडंबना देखिए लघु सचिवालय में जिन अधिकारियों को व्यवस्था बनानी है। उनके कार्यालय में दो-दो एसी चल रहे है। लेकिन ई दिशा में कंप्यूटर चलाने के लिए बिजली सप्लाई नहीं हो रही। वहां पर आए लोगों के लिए बिजली तक की व्यवस्था नहीं। इतना ही नहीं डीआइटीएस के रुपयों से खरीदे गए जनरेटर का प्रयोग ई दिशा के लिए न करते हुए खुद के लिए करते है। जबकि उसका तेल का बिल सोसायटी के खाते में डाल देते है। ऐसे में जब भी ई दिशा में बिजली गुल होती है। लघु सचिवालय में लगा बड़ा जनरेटर शुरू हो जाता है। परंतु उसकी सप्लाई अधिकारियों के कार्यालय में की जाती है।

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लोग बोले अधिकारी नहीं सुन रहे फरियाद :

ई दिशा में रजिस्ट्री करवाने आए कृष्ण, पवन, व रामसिंह ने बताया कि वीरवार को भी बिजली सप्लाई न होने से उनकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई। शुक्रवार को फिर से टोकन कटवा कर रजिस्ट्री करवाने के लिए परिवार के साथ आए। लेकिन पूरे दिन फिर से बिजली सप्लाई बाधित रही। इसको लेकर वे डीआइओ, सीटीएम व डीसी तक शिकायत देने के लिए पहुंचे। वहां पर अधिकारी एसी चलाकर बैठे थे। लेकिन वे ई दिशा में बिजली सप्लाई शुरू नहीं करवाई

----------------------------- ई दिशा में बिजली न होने से दो दिन से उनकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो रही। इससे बड़ी परेशानी आ रही है। रजिस्ट्री करवाने के लिए मैंने 7 फीसद शुल्क भरा। सोसायटी की फीस अलग से दी। उसके बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई। अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।

- मनोज कुमार, फतेहाबाद।

---------------------------- मैं जमाबंदी की नकल लेने आया था। हैरानी की बात है कि लघु सचिवालय में सिर्फ ई दिशा में लाइट नहीं है। अधिकारी ई दिशा की सुध नहीं ले रहे। सोसायटी के नाम पर खरीदे गए जनरेटर को अधिकारी खुद के लिए प्रयोग करते है। डीजल तक सोयायटी का प्रयोग करते है। प्रदेश सरकार को ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

- रमेश कुमार, धांगड

-------------------------- डीआइटीएस सोसाइटी का सचिव का पद मेरे पास नहीं है। मेरे से पहले चार्ज ले लिया गया। ई दिशा अब सीटीएम से अधीन है। सोसायटी का नाम जनरेटर है या नहीं मुझे जानकारी नहीं। इसके बारे में सीटीएम ही जानकारी देगी।

- सिकंदर, जिला सूचना अधिकारी।

----------------- ई-दिशा में दो दिन से बिजली सप्लाई बाधित होने का मामला मेरे संज्ञान में है। जल्द ही इसका समाधान करवा दिया जाएगा। भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

- अंकिता वर्मा, जिला नगराधीश, फतेहाबाद।


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