कोरोना के साथ डेंगू और मलेरिया बीमारी बना चुनौती, 54 घरों में मिला लार्वा
जागरण संवाददाता फतेहाबाद कोरोना वायरस के साथ इस बार डेंगू व मलेरिया भी स्वास्थ्य विभाग
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
कोरोना वायरस के साथ इस बार डेंगू व मलेरिया भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन चुका है। हालांकि इस साल अभी तक एक भी मामला नहीं आया है। लेकिन एक महीने के अंदर बरसात का मौसम शुरू हो जाएगा। इसके बाद डेंगू व मलेरिया की बीमारी भी एकाएक बढ़ जाएगी। इस समय कोरोना वायरस को लेकर कर्मचारी डोर-टू-डोर अभियान चला रहा है। लेकिन कुछ घरों के अंदर डेंगू का लार्वा भी मिला है। जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के माथे पर चिता की लकीरें खिचनी शुरू हो गई। इसी को लेकर राष्ट्रीय डेंगू दिवस के उपलक्ष्य में जिला में डेंगू रोकथाम के लिए चलाए जाने वाले जागरूकता अभियान की समीक्षा के लिए सिविल सर्जन डा. मनीष बंसल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू रोग जागरूकता अभियान के तहत लोगों को मलेरिया, डेंगू, हैजा, पीलिया, इत्यादि बीमारियाों से बचाव व साफ सफाई रखने के लिए जागरूक किया गया।
इसके अलावा स्थानीय अशोक नगर स्थित स्वास्थ्य केंद्र में डिप्टी सीएमओ डा. हनुमान सिंह की अध्यक्षता में भी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों को बताया कि डेंगू रोग लोगों के स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। सभी स्वास्थ्यकर्मी लोगों को अपने कूलर, टंकी, घड़े, गमले की जांच करने के आदेश दिए।
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आंकड़ों से समझें डेंगू के मामले
वर्ष मामले
2015 189
2016 38
2017 419
2018 56
2019 29
2020 00
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कैसे फैसला है डेंगू
डेंगू बुखार एडीज एजीप्टीआई मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर सामान्यत: दिन में काटता है। डेंगू का मच्छर किसी भी जल इकट्ठा करने वाले बर्तन में पैदा हो सकता है। यह स्वच्छ जल में पनपता है। यह मच्छर कूलर, टंकी, गमला, टैंक, छतों पर पड़े टायर, फ्रीज के पीछे लगी ट्रे, गड्ढ़ों में ठहरे पानी व नालियों में रूके पानी में पैदा हो सकता है।
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डेंगू के ये है लक्षण
- तीव्र बुखार।
-सिर के अगले हिस्से में तेज दर्द।
-आंख के पिछले भाग में दर्द।
-मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द।
-भूख कम लगना।
-शरीर पर खसरे जैसे दानों का निकलना व लाल चकते बनना।
- उल्टी आना।
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डेंगू का उपचार व बचाव:
डेंगू बुखार के लक्षण होने पर रोगी के रक्त की जांच ईएलआईएसए टेस्ट करवाना चाहिए। रोगी को पेरासिटामोल की गोली देनी चाहिए। रोगी को पेय पदार्थ जैस दही, लस्सी, ताजा जूस, नारियल पानी देने चाहिए। चिकित्सक को अवश्य दिखाना चाहिए। डेंगू से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष महत्तव है। घर के आस-पास पानी इकट्ठा ना होने दे। घर के अंदर पानी 7 दिन से अधिक किसी भी बर्तन में ना रखें। घरों में कूलर, टंकियों, घड़ों की सफाई सप्ताह में एक बार अवश्य करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें, अपने शरीर को पूरी तरह ढककर रखें। जहां रूका पानी निकालना संभव ना हो वहां काला तेल अथवा टैमीफॉस दवा डालनी चाहिए।
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डेंगू बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डोर-टू-डोर किया सर्वे
स्वास्थ्य विभाग की टीमों में एमपीएचडब्ल्यू, एएनएम वर्कर, आशावर्कर ने कोरोना के सर्वे के साथ डोर-टू-डोर सर्वे शुरू कर दिया है। ये टीमें जाकर पानी की टंकी, कूलर, होदी, फ्रिज के पीछे की ट्रे व आसपास के खाली प्लाट में जमा पानी की जांच कर रहे हैं। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी लोगों को मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। सर्वे के दौरान अब तक 54 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है, जिनके घरों में मच्छर का अंडा/लार्वा पाया गया। बुखार से संभावित मरीजों की स्लाइड लेकर जांच कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा विभिन्न तालाबों में गंबूजिया मछली डाली जा रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग सभी बूस्टिग स्टेशन, ट्यूबवेल, वाटर वर्क्स पर जाकर पानी में क्लोरीन की जांच कर रहे है तथा गांव व शहरों में पानी की पाइप की लीकेज बारे जन स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पाइप लीकेज ठीक कर रहे हैं। ---------------------------------------------
कोरोना वायरस के साथ ही डेंगू व मलेरिया बीमारी को रोकना भी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन हमारी टीम तैयार है। टीम लगी हुई है। आने वाले समय में इसका प्रभाव भी देखने को मिलेगा। सभी को आदेश दे दिए गए है।
डा. मनीष बंसल,
सिविल सर्जन, फतेहाबाद।