बस स्टैंड पर करोड़ों खर्च, यात्रियों के बैठने तक की जगह नहीं
संवाद सूत्र जाखल करोड़ो रुपये खर्च कर बनवाया गया बस स्टैंड यात्रियों के लिए सुविधाओं के
संवाद सूत्र, जाखल : करोड़ो रुपये खर्च कर बनवाया गया बस स्टैंड यात्रियों के लिए सुविधाओं के लिए कुछ भी बंदोबस्त नहीं हैं। यहां बस स्टैंड के प्रतीक्षाहाल में यात्रियों के बैठने की भी सुविधा नहीं है। पर्याप्त बैंच न होने के कारण लोगों को मजबूरन फर्श पर बैठना पड़ता है। हरियाणा-पंजाब सीमा पर सटे कस्बे जाखल के बस स्टैंड पर दर्जनों प्राइवेट एवं सरकारी बसों का आवागमन होता है। सैकड़ों यात्री यहां आते हैं। यात्रियों के बैठने को तीन ही सीमेंटेड बैंच लगे हुए हैं। ये बैंच भी बस स्टैंड निर्माण दौरान बनाए गए थे। इन तीन बेंचों पर एक समय में महज बीस लोग ही बैठ सकते हैं। जबकि यात्रियों की संख्या 100 से ज्यादा होती है। यात्रियों को इस सर्दी में भी मजबूरन ठंडे फर्श पर ही बैठना पड़ता है। बुजुर्ग व दिव्यांगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड का निर्माण दो वर्ष पहले ही हुआ है जिस पर एक करोड़ 82 लाख रुपए खर्च किए गए थे।
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खाली है अड्डा इंचार्ज का पद
बस स्टैंड की तमाम देखरेख का कार्य बस स्टैंड इंचार्ज पर होता है। लेकिन जाखल बस स्टैंड पर इंचार्ज की पद गत दो माह से खाली है। अधिकतर, बस स्टैंड पर कोई कर्मचारी या अधिकारी नहीं मिलता। बसों के समय आदि संबंधी जानकारी लेने में यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। यात्री हरीश कुमार, आकाश, सोनू, सरोज, कांता, गुरमेल ने बताया कि रात करीब आठ बजे वे लोग बुढलाडा जाने के लिए बस की प्रतीक्षा में थे। दो बसें आईं और बाहर ही यात्रियों को उतार कर चली गईं। लेकिन देर शाम के बाद सभी बसें स्टैंड में प्रवेश नहीं करती। बस चालक मनमर्जी करते हैं।
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कर्मचारियों के रात्रि विश्राम की व्यवस्था नही
बस स्टैंड निर्माण पर करोड़ो खर्च करने के बावजूद आलम ये है कि बस स्टैंड पर यात्रीगण के साथ साथ रोडवेज कर्मियों को परेशानी होती है। रात्रि ठहराव की बसों के चालक परिचालकों के रात्रि विश्राम का इंतजाम नही है। रात्रि ठहराव की बसों के कर्मियों के विश्राम की व्यवस्था का जिम्मा रोडवेज विभाग का होता है। जहां कर्मियों के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। जाखल में तीन रोडवेज बसों का रात्रि ठहराव होता है।
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ये सुविधाएं होना जरूरी
बस स्टैंड में कर्मचारियों व यात्रियों की जरूरत को देखते हुए पेयजल व्यवस्था, यात्रिायों के लिए विश्रामालय, शौचालय, बाथरूम, यात्रियों के ठहराव की व्यवस्था, रात को रोशनी की व्यवस्था, बसों के लिए काउंटर तथा यात्रियों के लिए बैंच आदि की पर्याप्त व्यवस्था होना अनिवार्य है। लेकिन विभागीय उपेक्षा के चलते जाखल बस स्टैंड इन नियमों पर खरा नहीं उतर रहा है।
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बस स्टैंड पर अगर बेंचों की कमी है तो जल्द ही इसको पूरा किया जाएगा। अन्य सुविधाओं का भी अभाव है तो उनकी पूर्ति के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। जल्द ही तमाम समस्याओं को लेकर रिपोर्ट बनाई जाएगी।
- आरएस पूनिया, जीएम रोडवेज, फतेहाबाद।
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