दो महीने से शौचालय में नहीं हो रही सफाई, जिस एजेंसी को टेंडर मिला उसमें खड़ा हो गया विवाद
जागरण संवाददाता फतेहाबाद पिछले दो महीने से शहर में बने शौचालयों की सफाई नहीं हो
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
पिछले दो महीने से शहर में बने शौचालयों की सफाई नहीं हो रही है। नगरपरिषद ने जनवरी महीने में इन शौचालय की सफाई के लिए टेंडर भी लगा दिया। 10 फरवरी को टेंडर खोल भी दिया गया। लेकिन जिस एजेंसी को यह टेंडर मिला था उसने केवल छह हजार रुपये ही भरे। ऐसे में अब इस एजेंसी ने भी काम करने के लिए इन्कार कर दिया। वहीं नप अधिकारियों ने प्रयास किया है कि इस राशि को बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद विवाद भी हो जाएगा। ईओ ने कहा कि अब इस मामले का निपटान डीसी ही करेंगे। अगर डीसी अनुमति देंगे तो इस यह टेंडर दे दिया जाएगा। लेकिन अधिकारियों की माने तो इस टेंडर को रद ही किया जाएगा।
जनवरी महीने में शहर में शौचालयों की व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए नप ने टेंडर लगया था। जिस ठेकेदार को टेंडर मिलना था उसने शौचालयों पर महीने में होने वाला खर्चा भरने में गलती कर दी। इसी कारण नप टेंडर नहीं को खोल पाई।
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15 शौचालयों का खोला था टेंडर
नगर परिषद के पास शहर मे 15 शौचालय हैं। टेंडर में कहा गया था कि प्रति महीने उक्त शौचालयों को दुरूस्त रखने के लिए उन पर कितना खर्च करेगा। लेकिन ठेकेदार ने एक शौचालय का समझकर गलती से 6 हजार भर दिया। जबकि ठेकेदार ने प्रति शौचालय के हिसाब से सभी शौचालयों पर आने वाला खर्चा भरना था। इस तकनीकी गलती के चलते नप ने टेंडर तो उसे मिल गया। क्योंकि उसने सबसे कम राशि भरी थी। नप अधिकारियों की माने तो यह टेंडर करीब 2 लाख रुपये में छूटना था।
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नप अधिकारियों ने कहा यह नियम के खिलाफ है
शौचालयों की सफाई का टेंडर तो नप ने खोल दिया है। लेकिन नियम के अनुसार ठेकेदार को शौचालय की सफाई के लिए 6 हजार रुपये ही लेने होंगे। ऐसे में ठेकेदार ने काम करने से मना कर दिया है। अगर नगरपरिषद के अधिकारी इस राशि को बढ़ाते है तो अन्य ठेकेदार रोष जाएंगे। नगरपरिषद के ईओ ने कहा कि डीसी से अनुमति लेनी होगी। लेकिन डीसी अनुमति देंगे। ऐसे में इस टेंडर को रद किया जाएगा। अगर ऐसा हो गया तो शौचालयों की सफाई कैसे होगी।
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पिछले ठेकेदार को पहले ही हटा दिया गया था
पिछले साल नंवबर महीने में पिछले ठेकेदार को हटा दिया गया था। शौचालयों की सफाई ठीक न होने के कारण ऐसा किया गया था। उस समय इन शौचालयों का टेंडर 1 लाख 5 हजार रुपये था। उसके बाद फिर टेंडर लगाया गया। जिसे एक ठेकेदार ने 72 हजार रुपये में ले लिया। लेकिन दूसरे दिन ही टेंडर लेने से मना कर दिया। नप अधिकारियों को जल्द ही फैसला लेना होगा।
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ठेकेदार को बुलाया गया है। नियम देखने होंगे। ईओ ने डीसी के पास केस भेजने की बात कही है। अगर कुछ नहीं होता तो नए सिरे से टेंडर लगा दिया जाएगा। अब नप के कर्मचारी ही सफाई कर रहे है।
मुकेश कुमार
सीएसआइ नगर परिषद फतेहाबाद।