Move to Jagran APP

बाल विवाह गंभीर अपराध की श्रेणी में: पुरी

जागरण संवाददाता फतेहाबाद हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायाधीश केसी पूरी ने कह

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 10:43 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 10:43 PM (IST)
बाल विवाह गंभीर अपराध की श्रेणी में: पुरी
बाल विवाह गंभीर अपराध की श्रेणी में: पुरी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

loksabha election banner

हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायाधीश केसी पूरी ने कहा है कि हरियाणा में बाल विवाह रोकने के लिए राज्य सरकार ने मौजूदा कानून को कड़ा किया है। ब 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह पोक्सो एक्ट और आइपीसी कानून के तहत दुष्कर्म की श्रेणी में माना जाएगा। न्यायाधीश ने बाल विवाह को गंभीर सामाजिक बुराई के साथ-साथ कानून की उल्लघंना करने वाला कार्य बताया है। न्यायाधीश केसी पुरी शुक्रवार को पुलिस लाइन में हरियाणा मानवाधिकार आयोग व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित बाल विवाह रोकथाम व बालिका शिक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में आंगनबाडी वर्कर, सुपरवाइजर, महिला पंच व सरपंचों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह पर जागरूकता नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया।

न्यायाधीश ने कहा कि भ्रूण हत्या भी सामाजिक अभिशाप के साथ-साथ कानूनी अपराध भी है। इसकी रोकथाम के लिए सामाजिक जागृति की जरूरत है। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की प्रशंसा की और कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम आए हैं। लिगानुपात में व्यापक सुधार हुआ है। उन्होंने बाल विवाह को सामाजिक और कानूनी अपराध बताया और कहा कि बाल विवाह हो जाने से महिलाओं का सामाजिक और शारीरिक विकास रूक जाता है। उन्होंने कहा कि विश्व में इतिहास उठाकर देखें तो अनेक ऐसे क्षेत्र है, जहां पर महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हरियाणा में हुई न्यायिक परीक्षा में 65 फीसद लड़कियों ने कामयाबी हासिल की है जो उनकी मेहनत और जज्बे को दिखाती है। केसी पूरी ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे बेटी को आगे बढ़ने के लिए एक मौका दें। उन्होंने महिला शिक्षा पर जोर दिया और कहा कि बेटी की शिक्षा से पूरा परिवार और समाज शिक्षित होता है व आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कन्या भ्रूण हत्या एक अभिशाप के रूप में हमारे लिए चुनौती है। कन्या को बचाने के साथ-साथ समाज में हमें उन्हें बराबर का अधिकार और सम्मान देना होगा, जिससे समाज व देश तरक्की कर सके।

-------------------------------

जन-जन तक पहुंचे संदेश : डीसी

उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम का जो संदेश है वह जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कम उम्र में विवाह गैर कानूनी के साथ-साथ सामाजिक बुराई है। मानवाधिकार आयोग ने भी इस विषय पर कार्यशाला आयोजित की है, जिसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में आएंगे।

--------------------------------

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सचिव चंद्रशेखर, एसडीएम संजय बिश्नोई, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला जांगड़ा, ज्योति माचरा, रेखा अग्रवाल सहित स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और महिला जनप्रतिनिधि मौजूद रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.