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डेरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट कोर्स के 30 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित

स्टेट बैंक आफ इंडिया द्वारा स्थानीय पंचायत भवन में संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा डेरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट प्रशिक्षण कोर्स के समापन अवसर पर 30 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय के सहायक महा प्रबंधक अनिल कुमार गोयल एवं आरसेटी निदेशक सज्जन कुमार बंसल ने प्रशिक्षणार्थियों को अपने हाथों से प्रशिक्षण पत्र देकर कार्यक्रम का समापन किया। उन्होंने लाभार्थियों को कार्यक्रम की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 07:00 AM (IST)
डेरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट कोर्स के 30 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित
डेरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट कोर्स के 30 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित

फतेहाबाद, विज्ञप्ति :

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स्टेट बैंक आफ इंडिया द्वारा स्थानीय पंचायत भवन में संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा डेरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट प्रशिक्षण कोर्स के समापन अवसर पर 30 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय के सहायक महा प्रबंधक अनिल कुमार गोयल एवं आरसेटी निदेशक सज्जन कुमार बंसल ने प्रशिक्षणार्थियों को अपने हाथों से प्रशिक्षण पत्र देकर कार्यक्रम का समापन किया। उन्होंने लाभार्थियों को कार्यक्रम की जानकारी दी।

उन्होंने सभी प्रतिभागियों को स्वरोजगार शुरु करने के लिए प्रेरित किया और बैंक द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार स्थापित करने में बैंक हमेशा प्रतिक्षणार्थियों के साथ है। संस्थान के निदेशक सज्जन कुमार बंसल ने कहा की गांवों में ही स्वरोजगार चलाने के लिए संस्थान प्रतिभागियों के साथ है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा अभी तक 203 बैच में 4798 युवक-युवतियों को विभिन्न प्रकार की ट्रेनिग दी गई है, इनमें से 1239 युवक-युवतियों को बैंक द्वारा लोन दिया गया जबकि 2054 युवक-युवतियों ने स्वरोजगार शुरु किया है। प्रशिक्षण के दौरान संस्थान द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को निशुल्क खाने की सुविधा दी जा रही है, वही कोर्स के दो वर्ष उपरांत तक स्वरोजगार शुरु करने के लिये युवाओं को निशुल्क मार्गदर्शन व जरूरत पडऩे पर बैंक द्वारा कार्य के मुताबिक लोन उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि संस्थान का उद्देश्य युवक-युवतियों को स्वरोजगार शुरु करवा कर आत्मनिर्भर बनाना है यानि वह रोजगार लेने वाले नहीं बल्कि दूसरों को रोजगार देने वाले बने, जिससे गांव में बढ़ रही बेरोजगार पर अंकुश लगाया जा सके। निदेशक ने बताया कि संस्थान द्वारा जिला के युवक-युवतियों को डेरी फार्मिंग और वर्मी कम्पोस्ट, सेल फोन मरम्मत व सर्विस, मोमबत्ती बनाना, कंप्यूटर हार्डवेयर व साफ्टवेयर, फोटोग्राफी, वेल्डिग, भवन चरित्रकारी, पापड़, आचार मसाला बनाना, पेपरकवर, लिफाफा व फाइल मेकिग आदि के कोर्स करवाए जाते है।


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