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मां की ऐसी लापरवाही पड़ रही बच्‍चों को बना देती है जीवनभर का रोगी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहीं

मां की लापरवाही शिशुओं पर भारी पड़ रही है और इस कारण वे उम्रभर के रोगी बन रहे हैं। इस कारण बच्‍चे मां के गर्भ में ही दिल के रोगी बन रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 11:40 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 09:19 PM (IST)
मां की ऐसी लापरवाही पड़ रही बच्‍चों को बना देती है जीवनभर का रोगी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहीं
मां की ऐसी लापरवाही पड़ रही बच्‍चों को बना देती है जीवनभर का रोगी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहीं

फतेहाबाद, [मुकेश खुराना]। मां की लापरवाही बच्‍चों को जीवनभर का रोग दे सकती है। ऐसे में मां बनने वाल स्थिति में पूरा सावधानी बेहद जरूरी है। गर्भावस्था में महिलाओं की छोटी सी लापरवाही गर्भ में पल रहे शिशुओं के दिलों पर भारी पड़ रही है। गर्भावस्था के दौरान डाक्टर की सलाह के बिना दवा लेने के कारण गर्भ में पल रहे शिशु कई गंभीर बीमारियों के साथ जन्म ले रहे हैं।

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गर्भावस्था के दौरान डाक्टर की सलाह के बिना दवा लेने से शिशु हो रहे बीमारियों के शिकार

यह जानकारी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की तरफ से जुलाई माह में करवाई गई स्क्रीनिंग में सामने आई है। जन्म के बाद कई शिशुओं में दिमाग से संबंधित, डाउन सिंड्रोम, कटे होंठ, टेढ़े पैर, कूल्हे का गलत आकार, मोतियाबिंद, बहरापन, हार्ट, शरीर का पूरी तरह से तैयार न होना आदि बीमारियां पाईं गईं हैं। छह सप्ताह से तीन साल तक के 1634 शिशुओं के करवाए गए सर्वे में 36 बच्‍चे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त पाए गए हैं।

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इन बीमारियों से ग्रस्त पाए गए शिशु 

न्यूरेट टयूब दोष - 2

डाउन ङ्क्षसड्रोम   - 3

कटे होठ      - 2

टेढ़े पैर       - 1

कूल्हे में दिक्कत - 1

मोतियाबिंद     - 2

बहरापन       - 1

हार्ट          - 23

अपरिपक्व शरीर  - 1

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डेढ़ साल में 81 शिशुओं के दिल का हुआ आपरेशन

स्क्रीनिंग के दौरान शिशुओं के दिलों में बीमारी पाए जाने पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पैनल अस्पताल में आपरेशन करवाया जाता है। आपरेशन पर आने वाले खर्च को विभाग वहन करता है। उप सिविल सर्जन डा. वीना के मुताबिक डेढ़ साल में 81 शिशुओं के दिल का आपरेशन करवाया गया है। वर्ष 2018 में 54 शिशुओं का आपरेशन हुआ, वही इस साल जुलाई तक 27 शिशुओं का आपरेशन हो चुका है।   

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'' महिला जब गर्भवती होती है तो वह कोई भी दिक्कत होने पर डाक्टर की सलाह के बिना दवा ले लेती है। इस दवा का असर सीधा गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर पड़ता है। दवा शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर देती है। इसलिए गर्भावस्था में बुखार की दवाई भी डाक्टर की सलाह से लेनी चाहिए।

                                                                                 - डाॅ. सुजाता बंसल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी।

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