भारत बंद का जिले में नहीं दिखा असर, टोहाना में लोगों ने किया प्रदर्शन, चौक-चौराहे पर खड़ी रही पुलिस
जागरण संवाददाता फतेहाबाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति समाज ने रवि
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति समाज ने रविवार को एससी, एसटी, बीसी समाज के आरक्षण के संदर्भ में विरुद्ध अध्यादेश के निर्णय के विरोध में भारत बंद का एलान किया था। जिला प्रशासन भी इस एलान को लेकर अलर्ट पर रहा। जिले में इसका असर देखने को नहीं मिला। फतेहाबाद शहर में तो किसी प्रकार का प्रदर्शन नहीं किया गया। वहीं, टोहाना में समाज के लोगों ने सरकार का पुतला फूंककर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। वहीं भट्टूकलां में कुछ लोग इकट्ठे हुए और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। इसके अलावा भूना में भी लोगों ने पुतला फूंक प्रदर्शन किया।
जिला प्रशासन इस फैसले को लेकर पहले ही सतर्क हो गया था। डीसी ने अधिकारियों की बैठक लगाकर दिनभर जांच करने के आदेश दिए था। हुआ भी यही। लालबत्ती चौक पर रविवार को पुलिस कर्मचारी नजर तक नहीं आता था। लेकिन अब पुलिस कर्मचारियों के अलावा डीएसपी भी खड़े रहे। वहीं ट्रैफिक पुलिस पूरे शहर में गश्त करती रही। जिले में दिनभर शांति बनी रही।
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इन अधिकारियों ने संभाली थी कमान
तहसीलदार फतेहाबाद व उनके साथ थाना प्रबंधक शहर फतेहाबाद की कमान देख रहे थे। नायब तहसीलदार फतेहाबाद व उनके साथ थाना प्रबंधक सदर फतेहाबाद का निरीक्षण किया। बीडीपीओ टोहाना व उनके साथ थाना प्रबंधक टोहाना, तहसीलदार टोहाना व उनके साथ थाना प्रबंधक सदर टोहाना के अधिकारी पूरे क्षेत्र की निगरानी की। तहसीलदार रतिया व उनके साथ थाना प्रबंधक शहर रतिया, उप तहसीलदार रतिया व उनके साथ थाना प्रबंधक सदर रतिया के अधिकारी दिनभर निरीक्षण करते रहे। बीडीपीओ भट्टू कलां व उनके साथ थाना प्रबंधक भट्टू कलां के अधिकारी पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया। उप तहसीलदार भूना व उनके साथ थाना प्रबंधक भूना, नायब तहसीलदार जाखल व उनके साथ थाना प्रबंधक जाखल तथा उप तहसीलदार कुलां व उनके साथ थाना प्रबंधक दिनभर क्षेत्र का निरीक्षण करते रहे।
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टोहाना में किया प्रदर्शन
समस्त अनुसूचित जाति समाज ने रविवार को एससी, एसटी, बीसी समाज के आरक्षण के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध अध्यादेश लाकर नौवीं अनुसूचि में शामिल करने के निर्णय को निरस्त करने की मांग को लेकर शहर में प्रदर्शन किया। वहीं देश के सभी एससी सांसदों के पुतले फूंक एसडीएम को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम से एक ज्ञापन सौंपा। राजेश पेटवाड़ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 फरवरी को दिया गया निर्णय संविधान विवेचना के रास्ते सामाजिक न्याय की हत्या है। क्योंकि इस निर्णय से अजा अथवा अजजा बीसी वर्ग को संविधान में प्रदत्त आरक्षण के मूल अधिकार से वंचित करने का रास्ता साफ हो जाता है। उन्होंने बताया कि आज देश में जातिगत भेदभाव, शोषण, अत्याचार, महिलाओं के साथ दुष्कर्म आम बात हो गया है। ऐसे माहौल में संविधान की विवेचना नाम पर जातिगत दुर्भावना के आधार पर किया गया यह निर्णय न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने बताया कि इससे वंचित आरक्षित समाज का उच्च स्तर के प्रशासनिक पदों पर जाने का रास्ता तो बंद हो ही जाएगा, साथ ही सरकारी नौकरी पाना और भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि इस निर्णय को आधार बनाकर अब कोई भी सरकार आरक्षण देगी ही नहीं और कोई सरकार अगर आरक्षण लागू करना चाहेगी तो उस नोटिफिकेशन को कानून के दांवपेच में फंसाकर रख दिया जाएगा।
इस अवसर पर पन्नी लाल कटारिया, प्रताप खोबड़ा, राजेंद्र बौद्ध, राजेश पेटवाड़, राजपाल बोस्ती, तुलसी राम, डा. योगेश सिरोहा, डा. कर्मवीर दहिया, सरपंच सतपाल, पूर्वचेयरमैन काशी राम, मास्टर कर्मवीर भुक्कल, जगरूप पातलेन, जगरूप सिंह, अमर सिंह बलवारिया आदि उपस्थित थे।