पर्यावरण संरक्षण की जगाई अलख, 30 एकड़ में बनवाई गांठे
संवाद सूत्र टोहाना इस समय धान की कढ़ाई शुरू हो गई है। अनेक किसानों ने तो धान की फसल
संवाद सूत्र, टोहाना :
इस समय धान की कढ़ाई शुरू हो गई है। अनेक किसानों ने तो धान की फसल बेचकर गेहूं की बिजाई भी शुरू कर दी हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी किसान है जो पर्यावरण प्रेमी है। क्षेत्र के जागरूक किसान रजनीश मेहता ने पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देते हुए पराली प्रबंधन कर जिला प्रशासन, कृषि विभाग व सरकार को एक बार फिर अपना सहयोग दिया है। किसान रजनीश मेहता ने बताया कि उन्होंने अपने भाई स्नेह कुमार के साथ मिलकर अपनी 30 एकड़ कृषि भूमि की पराली को जलाने की बजाये इसकी गांठे बनवाई तथा कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार उन्हें सुपुर्द कर दी। पिछले साल भी उन्होंने इसी प्रकार अपनी पराली की गांठे बनवाई थी। जिसके लिए सरकार द्वारा उन्हें प्रति एकड़ एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी गई थी। इसी प्रोत्साहन से प्रेरित होकर तथा पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस बार भी उन्होंने पराली को नहीं जलाया, बल्कि इसका प्रबंधन करना सुनिश्चित किया। कृषि विभाग ने भी किया सहयोग
कृषि विभाग भी किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ने के साथ जमीन के अंदर पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते है। किसान ने कृषि विभाग व प्रशासन का भी आभार जताया। रजनीश मेहता ने टोहाना क्षेत्र के सभी किसानों से आह्वान किया कि वह अपने खेतों में पराली को ना जलाएं, यह पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है। वहीं उन्होंने कुशल पराली प्रबंधन से पैसे कमाकर उन्नत कृषि करने का आह्वान किया।