कृषि वैज्ञानिकों ने फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को दी तकनीकी जानकारी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद कृषि विज्ञान केन्द्र फतेहाबाद में फसल अवशेष प्रबंधन पर जिला स्तर
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
कृषि विज्ञान केन्द्र फतेहाबाद में फसल अवशेष प्रबंधन पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में जिले के विभिन्न गांवों से 200 से भी ज्यादा किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से आए इंजीनियर अनिल सिरोहा ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रयोग होने वाली कृषि मशीनों के संचालन, प्रयोग करते समय रखने वाली सावधानियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने हैप्पी सीड्र से बिजाई करने व सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, कर्बाइन से हार्वेस्ट करने पर जोर दिया।
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अवशेष प्रबंधन के बताए फायदें
केंद्र के समन्वयक डा. सरदूल मान ने फसल अवशेष प्रबंधन के फायदे बताते हुए कहा कि इससे जमीन का स्वास्थ्य ठीक रहने के साथ पशु-पक्षियों, लाभदायक जीवाणुओं की संख्या पर भी बुरा असर नहीं होता। किसानों को चाहिए कि या तो कम अवधि वाली धान की किस्मों जैसे पीबी 1509 की बिजाई करें जिसको आसानी से जमीन में मिलाया जा सकता है।
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इन चुनौतियों को करना होगा दूर
कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप भाकर ने बताया कि आज के समय कृषि में मुख्य तीन चुनौतियां हैं। घटता जल स्तर, अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग व फसल अवशेष प्रबंधन। इन सभी विषयों पर समय-समय पर कृषि विज्ञान केन्द्र फतेहाबाद द्वारा किसानों को तकनीकी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कृषि विविधिकरण, टपका सिचाई, मशीनों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि इन तकनीकों को अपनाने से किसानों को फायदा हो सकता है। सहायक कृषि अभियंता इंजीनियर सुभाष भांभू ने कस्टम हायरिग सेंटर की स्कीम व इसके कार्य व लाभों बारे जानकारी दी।