70 साल बाद साकार होगा महात्मा गांधी का सपना, ग्राम स्वराज पर काम शुरू
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जो ग्राम स्वराज की कल्पना की थी। वह कल्पन
राजेश भादू, फतेहाबाद
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जो ग्राम स्वराज की कल्पना की थी। वह कल्पना अब आजादी के 70 वर्ष बाद शुरू होने जा रही है। गांव विकास के फैसले ग्राम सभा में होंगे। उनका चयन भी गांव के सर्वे के आधार पर किया जाएंगा। बैठक महज औपचारिकता भर न हो। इसके लिए भी पहली बार ग्राम सभा के फोटो जियोटैग के साथ अधिकारियों की हाजिरी अनिवार्य की गई है। महात्मा गांधी का सपना था कि ग्राम विकास की योजनाएं गांव स्तर पर बने, गांवों के अनुरूप बने। उनके सपने का साकार करने के लिए मोदी सरकार ने ग्राम पंचायत विकास योजना जीपीडीपी के तहत मिशन अंत्योदय शुरू किया है। इसके लिए सबकी योजना सबका विकास का नारा दिया गया है। जिसके तहत 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। ------------------------
सर्वे के लिए प्रश्नावली तैयार
ग्राम सभा की बैठक के लिए प्रत्येक गांव का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए 48 प्रश्नों की एक प्रश्नावली तैयार की गई है। जिसमें गांव विकास संबंधित सभी प्रकार के प्रश्न है। मुख्यत: कृषि भूमि, जनसंख्या, ¨लगानुपात, रोजगार के साथ, बैं¨कग, परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा व महिला स्वयं सहायता समूह के बारे में हैं। सर्वे करने के लिए ड्यूटी लगाई जा रही है। इससे पहले उन्हें इसकी ट्रे¨नग दी जाएगी। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर गांव विकास संबंधित मुद्दे बनाए जाएंगे, उन मुद्दों पर ग्राम सभा में चर्चा करते हुए विकास कार्य करवाए जाएंगे।
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25 विभागों के अधिकारी और कर्मचारी रहेंगे मौजूद
पहले ग्रामसभा में एकाध विभाग के कर्मचारी जाते थे, उनकी उपस्थिति के दौरान हाजरी नहीं लगती थी। अब ग्राम विकास से जुड़े 25 विभागों के अधिकारी की हाजरी लगेगी। इसके अलावा ग्राम सभा के सदस्य व सभा में मौजूद अन्य ग्रामीण, महिलाओं के साथ एससी जाति के लोगों की संख्या भी बतानी होगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाए गए स्वयं सहायता समूहों की सदस्य भी बैठक में उपस्थित होगी।
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अब ग्राम सभा से पहले सर्वे किया जाएगा। ग्राम सभा के मुद्दे सर्वे रिपोर्ट पर आधारित होंगे। इतना ही नहीं बैठक की फोटो जियोटैग के साथ ग्रामीण विकास से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति भी अनिवार्य है। इससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- अनुभव मेहता, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी।