प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली के आरोपितों पर होगी कार्रवाई
संवाद सूत्र भूना कस्बे में बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा अब जिला उपायुक्त के दरबार म
संवाद सूत्र, भूना: कस्बे में बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा अब जिला उपायुक्त के दरबार में गूंजने लगा है। करीब पांच दर्जन से अधिक लोग खुले आसमान तले आए तो जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया और प्रशासन ने मामले की तह तक जाने की ठान ली है। उपरोक्त प्रकरण में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। बता दें कि मामले की आंच नगरपालिका भूना के निवर्तमान पार्षदों पर भी आ सकती है। जिला उपायुक्त महावीर कौशिक ने इस संदर्भ में एसडीएम को मामले की गहनता से जांच के निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 2,50,000 की राशि की लालसा देकर गरीब परिवारों के मकान तोड़ने वाले पार्षदों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए और मामला दर्ज करवाया जाए। जिसके बाद एसडीएम ने नगर पालिका सचिव के साथ मिलकर पूरे मामले की फाइलें खंगालने शुरू कर दी हैं। बहुत जल्द ही पूरे प्रकरण का खुलासा हो सकता है।
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दो साल पहले हुआ था सर्वे
बता दें कि भूना में दो वर्ष पूर्व सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब लोगों की कच्चे मकानों को पक्के मकानों में तब्दील करने के लिए ढाई -ढाई लाख रुपये की अनुदान राशि देने की योजना शुरू की थी। जिसका सर्वे एक निजी कंपनी द्वारा किया गया था। भ्रष्टाचार का हवाला देकर तत्कालीन पार्षदों ने उक्त कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाया तो उक्त योजना पर तलवार लटक गई और योग्य पात्र लोगों को योजना से दूर होना पड़ा।अधर में लटकी फाइलों की जांच करने के लिए तत्कालीन एसडीएम ने भूना क्षेत्र में आवेदकों के घर-घर जाकर जांच की तो जांच में सामने आया कि अधिकतर आवेदन उन लोगों द्वारा किए गए थे जिनके पहले से ही पक्के मकान बने हुए थे। लेकिन पार्षदों ने उपरोक्त योजना में अपनी भागीदारी की अनदेखी से उपेक्षित होकर फिर से बगावती सुर शुरू कर दिए। वर्तमान में आलम यह है कि करीब 3500 लोगों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किए गए हैं। जिनमें से एक 1174 लोगों की फाइलें प्राथमिक जांच में मंजूर हुई हैं। वही नगर पालिका की जांच में 212 परिवारों का चयन किया गया था, जिनके लिए उपरोक्त योजना का लाभ दिया जाना था।
कितु नगरपालिका पार्षद योग का कार्यकाल पूरा होने से कुछ दिन पूर्व ही आवेदन कर्ताओं ने नगरपालिका कार्यालय के समक्ष धरना शुरू कर दिया और नगर पालिका प्रशासन पर योजना की पहली किस्त जारी करने में लापरवाही बरतने के गहरे आरोप लगाए। लगातार 13 दिन तक चले धरने के बाद जैसे ही प्रदर्शनकारी अतिरिक्त जिला उपायुक्त मनीष नागपाल से मिले तो एडीसी ने एक सप्ताह के अंदर अंदर योजना का योग्य पात्र लोगों को लाभ दिए जाने का आश्वासन देकर धरना समाप्त करवा दिया। उधर इसी दौरान नगरपालिका पार्षदों का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। अब आवेदनकर्ता लोग जिला उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, एसडीएम फतेहाबाद व नगर पालिका सचिव कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं और अपना रोना रो रहे हैं। आवेदकों का कहना है कि 6 माह पूर्व योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने अपने कच्चे मकान भी तोड़ डाले, लेकिन प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त भी अभी तक जारी नहीं की गई। जिसके बाद जिला प्रशासन सकते में आ गया और जिला उपायुक्त महावीर कौशिक ने मामले की गहनता से जांच के लिए संबंधित एसडीएम को निर्देश जारी किए हैं। एसडीएम की जांच में दोषी कौन पाया जाता है यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इतना जरूरत है कि उक्त लोगों को गुमराह करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए योजना तैयार कर ली है।
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64 आवेदकों की फाइलें मांगीं
उधर इस संदर्भ में मंगलवार को जांच के दौरान 64 आवेदकों की फाइलें मांग ली गई हैं। जिनमें से 19 लोगों के आवेदन मंजूर किए गए हैं। बताया जा रहा है कि आगामी एक सप्ताह के अंदर अंदर उक्त 19 आवेदकों को योजना की पहली किस्त भी जारी कर दी जाएगी। जिसकी पुष्टि नगरपालिका सचिव पंकज गुर्जर ने की है।