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पराली जली तो सरपंच व नंबरदार पर होगी कार्रवाई, एफआइआर भी होगी दर्ज

जागरण संवाददाता फतेहाबाद धान लगभग पकने को तैयार है। कुछ ही दिनों में इसकी कढ़ाई

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 12:27 AM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 06:36 AM (IST)
पराली जली तो सरपंच व नंबरदार पर होगी कार्रवाई, एफआइआर भी होगी दर्ज
पराली जली तो सरपंच व नंबरदार पर होगी कार्रवाई, एफआइआर भी होगी दर्ज

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : धान लगभग पकने को तैयार है। कुछ ही दिनों में इसकी कढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। धान की पराली में आग न लगे इसके लिए जिला प्रशासन सचेत हो गया है। धान के सीजन में इस बार विधानसभा चुनाव होने के कारण उन्हें दोहरी भूमिका निभानी पड़ेगी। जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि इस बार गांव में पराली जली तो गांव के नंबरदार व सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा हरसेक की रिपोर्ट के तुरंत बाद किसानों पर मामला दर्ज हो जाएगा।

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जिला प्रशासन की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हिसार मंडल के आयुक्त विनय सिंह ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता है और अपने जीवन में कई तरह की जिम्मेदारी निभाते हैं। उनमें से एक जिम्मेदारी धरती मां, जो हमारी धरोहर है, उसे बचाने की भी है। उसके सीने पर आग ना लगाएं।

उन्होंने कहा की फसल अवशेषों को आग लगाने से हवा जहरीली हो जाती है, जिसका संबंध हमारे स्वास्थ्य से है। हर व्यक्ति छोटा हो या बड़ा सभी हवा में सांस लेते हैं। इसलिए उसे शुद्ध रखना भी हमारा कर्तव्य है। हिसार मंडलायुक्त एक दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन कार्यशाला में सरपंचों, नंबरदारों और प्रगतिशील किसानों को संबोधित कर रहे थे।

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आग लगने की सबसे अधिक घटना फतेहाबाद व सिरसा में

प्रदेश में खेतों में आग लगाने की घटनाएं सबसे ज्यादा फतेहाबाद और सिरसा में हुई है। फसल अवशेषों को आग लगाने के रूप में हमें बदनाम नहीं होना है। हमें इस बदनामी से पीछा छुड़ाकर जिस प्रकार से स्ट्रे कैटल फ्री, ओडीएफ में जिला का नाम रोशन हुआ है, उसी प्रकार पराली जलाने पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाकर हम जिला को एक नये मानचित्र पर लाएंगे।

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गांवों में आयोजित होंगे कार्यक्रम

किसानों, पंच-सरपंचों और नंबरदारों को खेती में बची हुई पराली को ना जलाने की प्रतिज्ञा लेनी होगी। दूसरे किसानों को भी पराली जलाने से रोके, क्योंकि इससे पर्यावरण को हानि पहुंचती है। प्रशासन द्वारा जिला में पराली न जलाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए गांव-गांव जाकर किसानों गोष्ठी आयोजित की जा रही है।

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डीसी ने ये कहा

उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि गांव में पराली ना जले इसके लिए सरपंचों व नंबरदार की जवाबदेही भी तय है। उपायुक्त ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी सूरत में पराली को न जलाएं बल्कि कस्टम हायरिग केन्द्र से पराली प्रबंधन के उपकरण किराए पर लेकर उसका प्रबंध करें। फसल अवशेष को जलाने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है।

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ये थे मौजूद

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त महाबीर प्रसाद, एसडीएम सुरजीत सिंह नैन, सुरेन्द्र बैनीवाल, अनुभव मेहता, डीआरओ राजेश कुमार, डीडीए डॉ बलवंत सहारण सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।


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