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जिले में टीबी के 681 मरीज, सरकार दे रही 500 रुपये महीना

जागरण संवाददाता फतेहाबाद उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिय

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 07:59 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 07:59 AM (IST)
जिले में टीबी के 681 मरीज, सरकार दे रही 500 रुपये महीना
जिले में टीबी के 681 मरीज, सरकार दे रही 500 रुपये महीना

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के साथ-साथ अन्य बीमारियों के उपचार के पुख्ता प्रबंध करें और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में उचित कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि टीबी का अधूरा उपचार छोड़ने वाले एवं टीबी का उपचार लेने से मना करने वाले सभी मरीजों को पूर्ण उपचार लेने के लिए प्रेरित करें।

उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण है तो अपनी टीबी की जांच करवाएं और टीबी आने पर डॉक्टर के परामर्श अनुसार पूरा कोर्स लें। अधूरा उपचार करवाने से एमडीआर (बिगड़ी हुई टीबी) बन जाती है, जिसका इलाज 2 से 3 साल तक चलता है जबकि सामान्य उपचार 6 महीने तक चलता है।

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बलगम की जांच के लिए जिले में छह जांच केंद्र बनाए

उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जिले में फतेहाबाद, भट्टू, भूना, जाखल, रतिया व टोहाना में 6 बलगम जांच केंद्र बनाए गए हैं, जहां बलगम की जांच बिल्कुल मुफ्त की जाती है। सीबीनाट की मुफ्त सुविधा, मुफ्त एलपीए (दवा प्रतिरोधकता जांच) टैस्टिग सुविधा, फ्री एचआईवी एवं डायबीटिज टैस्टिग, सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की दवाई निशुल्क उपलब्ध हैं। इसके अलावा एमडीआर मरीज के सभी जांच फ्री उपलब्ध हैं। यदि किसी को टीबी पाई जाती है तो उन्हें प्रोत्साहन भत्ता के लिए 500 रुपये दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त टीबी के मरीजों को उपचार की पूरी अवधि के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार भता सीधे बैंक खातों में दिया जाता है।

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अब तक 5613 टेस्ट किए गए

जिला में 1 जनवरी 2020 से लेकर 30 अप्रैल 2020 तक टीबी प्रोग्राम के तहत 681 टीबी केस उपचार ले रहे हैं। इस अवधि के दौरान बलगम जांच के 2869 निश्शुल्क टेस्ट किए गए हैं। इसी प्रकार से सीबीनाट के 968, एलपीए के 312, एचआइवी के 786 व डायबीटिज के 678 निशुल्क टेस्ट किए गए है। प्रोत्साहन भत्ता के रूप में टीबी मरीज की सूचना देने पर 16 हजार 500 रुपये, निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को उपचार के दौरान 500 रुपये के हिसाब से 30 लाख 4 हजार 500 रुपये, टीबी मरीजों को पूर्ण उपचार देने वालों को 3 लाख 91 हजार 500 रुपये तथा प्राइवेट डाक्टर्स को टीबी मरीजों की सूचना देने पर 1 लाख 79 हजार 500 रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है।


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