कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की 40 छात्राएं बीमार, उपचार के लिए घंटों लगी रही लाइन में
गांव किरढान के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के हॉस्टल में
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:
गांव किरढान के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के हॉस्टल में रह रही 40 छात्राएं वायरल की चपेट में आ गई हैं। तीन दिन तक स्कूल स्टाफ ने इसकी जानकारी न तो उच्च अधिकारियों को दी और न ही फिजिशयन को दिखाया। जब छात्राओं की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्हें फतेहाबाद के सिविल अस्पताल में लाया गया। यहां पर छात्राओं को उपचार के लिए घंटों लाइनों में लगना पड़ा। जिन छात्राओं की ज्यादा तबीयत खराब थी उन्हें इमरजेंसी में उपचार दिया गया। सबसे अहम बात यह रही कि 40 छात्राओं को संभालने के लिए केवल एक ही शिक्षिका मौजूद थी।
मामले के अनुसार पिछले दिनों मौसम में हुए बदलाव के बाद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के हॉस्टल में रह रही कुछ छात्राओं को वायरल की शिकायत हुई। छात्राएं खांसी, जुखाम व बुखार की चपेट में आ गई। जिसके बाद वायरल फैल गया और 40 छात्राएं इसकी चपेट में आ गई। स्कूल स्टाफ ने छात्राओं को पहले एएनएम से दवाई दिलवा दी लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें भट्टू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दवाई लाकर दी लेकिन कोई असर नहीं हुआ। जब छात्राओं की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो शुक्रवार को फतेहाबाद के सिविल अस्पताल में लाया गया। लेकिन फिर भी इस मामले की जानकारी न जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग को दी गई और न ही जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुंडू को दी गई। एक शिक्षिका के सहारे छात्राओं को उपचार के लिए भेज दिया गया।
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ये छात्राएं हुई बीमार
बालिका विद्यालय के हॉस्टल में रह रही 40 छात्राएं वायरल की चपेट में आई हैं। इन्हें खांसी, बुखार व जुखाम की शिकायत हुई। इन छात्राओं में छठी से आठवीं कक्षा की सरना, पूजा, रमन, जयना, कांता, अंजना, वर्षा, पूनम, आरती, सुनीता, भतेरी, रोशनी, रेखा, रचना, गरिमा, पावनी, प्रियंका, किरण, पूजा, संजू, सपना, मोनिका, संतोष, कोमल, निकेता शामिल है।
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बुखार से पीड़ित छात्राएं घंटों लाइनों में लगी
सिविल अस्पताल में लाई गई छात्राओं को यहां पर लाने के बाद फर्श पर बिठा दिया गया। इसके बाद उनकी ओपीडी पर्ची कटवाकर बाल रोग विशेषज्ञ के कक्ष के बाहर लाइनों में खड़ा कर दिया गया। छात्राएं घंटों लाइनों में लगी रही। नंबर आने के बाद उन्हें उपचार दिया गया। वायरल से ज्यादा पीड़ित छात्राओं को इमरजेंसी में लाया गया लेकिन यहां भी उन्हें उपचार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
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मौसम में बदलाव के कारण छात्राओं को खांसी और जुखाम की शिकायत हुई है। इन्हें पहले भट्टू से उपचार दिलवाया गया था, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। जिसके बाद सिविल अस्पताल में उपचार दिलवाया गया है।
- सीमा सरदाना, शिक्षिका, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, किरढ़ान।।
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कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं के बीमार होने की सूचना मुझे मीडिया के द्वारा मिली है। अगर स्टाफ पहले जानकारी दे देता तो छात्राओं को स्कूल में उपचार दिलवा दिया जाता है। मुझे जैसे ही जानकारी मिली है मैंने इस संबंध में सिविल सर्जन को कह दिया है।
-दयानंद सिहाग,
जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद।