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कब्जा छुड़वाने पहुंचे 300 पुलिस कर्मचारी, कागजात देखे तो नहीं मिला खसरा नंबर, वापस लौटे

जागरण संवाददाता फतेहाबाद एमसी कालोनी में रविवार सुबह करीब 300 पुलिस कर्मचारी मकान खा

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 07:58 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 06:18 AM (IST)
कब्जा छुड़वाने पहुंचे 300 पुलिस कर्मचारी, कागजात देखे तो नहीं मिला खसरा नंबर, वापस लौटे
कब्जा छुड़वाने पहुंचे 300 पुलिस कर्मचारी, कागजात देखे तो नहीं मिला खसरा नंबर, वापस लौटे

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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एमसी कालोनी में रविवार सुबह करीब 300 पुलिस कर्मचारी मकान खाली करवाने के लिए पहुंची। लेकिन कोर्ट के आदेश में जो जिस मकान का नंबर था वो खसरा में था। नगरपरिषद के अधिकारियों ने रिकॉर्ड की जांच की तो उसमें केवल प्लाट नंबर ही था। ऐसे में स्थित को देखते हुए कब्जा कार्रवाई हटाने की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। वहीं कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा से निशानदेही करवाई गई। अब कोर्ट में यह मामला दोबारा जाएगा और आगामी कार्रवाई के लिए कोर्ट आदेश देगा। वहीं मकान मालिकों का कहना है कि यह जमीन लाल डोरे की है और नप कार्यालय में एनहांसमेंट भी हमारे नाम पर है ऐसे में कैसे यह जगह कोई ओर ले सकता है।

जानकारी के अनुसार गांव काजलहेड़ी निवासी जगदीश ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि केहर सिंह के परिवार ने मकान पर अवैधक कब्जा कर रखा है। कोर्ट ने तहसीलदार व कानूगो को पुलिस प्रशासन की सहायता से जगह की पेमाईश करवाकर कब्जा दिलवाने की बात कही थी। रविवार को तहसीलदार विजय बब्बर शहर थाना प्रभारी यादविद्र के नेतृत्व में पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तहसीलदार विजय बब्बर जब मौके पर पहुंचे तो पिछले 32 वर्षों से उस जगह पर आबाद केहर सिंह के परिवार के सदस्यों ने बताया कि यह जगह उनकी है। उनके पास 5 मरले की रजिस्टरी है तथा बाकी जो 5 मरले जगह है उसकी नगर परिषद में असेस्मेंट केहर सिंह के नाम हैं। तहसीलदार के नेतृत्व में पहुंची टीम ने जब जगह की पेमाइश शुरु की तो उस जगह में 5 मरले की जगह को बताया गया जिसकी रजिस्टरी केहरसिंह के नाम हैं जोकि भट्ठा कॉलोनी के क्षेत्र मे हैं। बाकी 5 मरले की जगह एमसी कॉलोनी के क्षेत्र में आती है जोकि लाल डोरे में आती है। इसकी कहीं भी रजिस्टरी नहीं है। नगरपरिषद के ईओ जितेंद्र कुमार, एमई अमित बेरवाल अपनी टीम के साथ पहुंचे। कोर्ट के कागजात देखे तो ईओ ने कहा कि इसमें खसरा नंबर 68 लिखा गया है जबकि हमारे यहां प्लाट नंबर 68 है। ऐसे में रिकॉर्ड सही नहीं है। नप ने अधिकारियों को लिखकर दे दिया कि इस बारे में वे जांच करेंगे। जिसके बाद टीम वापस चली गई।

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हमारे रिकार्ड में खसरा नंबर नहीं प्लाट नंबर है

नगर परिषद के पास भी कोर्ट का आदेश आया था। इस आदेश में जिस खसरा नंबर का जिक्र किया गया है वो हमारे रिकार्ड में नहीं है। हमारे रिकार्ड में प्लाट नंबर दर्ज है। उन्होंने कहा कि हमने कह दिया कि इसकी दोबारा जांच करवाई जाए।

जितेंद्र कुमार

ईओ नगरपरिषद फतेहाबाद।


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