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ग्रामीण क्षेत्रों में मिली 24 घंटे बिजली, गांव हुए गुलजार

राजेश भादू फतेहाबाद जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जनसंख्या नियोजन

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 01:36 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:36 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में मिली 24 घंटे बिजली, गांव हुए गुलजार
ग्रामीण क्षेत्रों में मिली 24 घंटे बिजली, गांव हुए गुलजार

राजेश भादू, फतेहाबाद : जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जनसंख्या नियोजन बेहद जरूरी है। संवेदना के साथ संसाधनों की दरकार भी सरकार से। फतेहाबाद जैसे जिले में तो विशेष तौर पर। वैसे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने कुछ अहम प्रयास किए हैं। उनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जिले के अधिकांश गांवों में अब 24 घंटे बिजली की सुचारु रूप से सप्लाई होती है। जगमग योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में कई नए रोजगार उपलब्ध हो गए। परंपरागत रोजगार को भी संजीवनी मिली। इसके अलावा मुद्रा योजना से जिले के 15 हजार से अधिक युवाओं को 900 करोड़ से अधिक ऋण वितरित किया गया है।

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जो रोजगार में बड़ा कारगर साबित हुई। जिला रोजगार कार्यालय के तहत 34 हजार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा। जिसमें से 4 हजार को सक्षम योजना के तहत रोजगार मिला हुआ है।

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बिजली पूरी मिले तो स्वरोजगार से मिला रोजगार :

करीब तीन साल पहले गांवों में दिन के समय मात्र दो से तीन घंटे बिजली सप्लाई होती थी। प्रदेश सरकार ने गांवों को 24 घंटे बिजली सप्लाई देनी शुरू की। जगमग योजना के तहत शुरू हुई बिजली सप्लाई ने ग्रामीणों के भाग्य बदल गए। इससे लोगों को गर्मी से ही राहत नहीं मिली बल्कि अनेक लोगों को रोजगार मिल गया। पहले शहर में ही बिजली की उचित व्यवस्था थी, ग्रामीण क्षेत्र में हेयरसैलून का काम करना मुश्किल हो गया। लेकिन अब बिजली सप्लाई दुरूस्त होने से गांव में मिल्क प्लांट, डेयरी फार्म, कृषि से जुड़े कुटीर उद्योग, बेल्डिग, मोबाइल रिपेरिग, बैंकिग, आरो सहित अनेक रोजगार उपलब्ध हो गए। गांव बड़ोपल में मोबाइल रिपेयरिग का काम करने वाले बलदेव जागूं ने बताया कि बिजली सप्लाई सही मिलने से गांव भी शहर से पीछे नहीं। अब गांव में कोई भी युवा सुलभ रोजगार कर सकता है। गांव मताना में आरओ का काम कर रहे कृष्ण ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कम लागत में अच्छा काम शुरू हो जाता है। वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र में जगह का किराया काफी कम होता है।

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सीएचसी सेंटरों से मिला रोजगार व सुविधा :

जिले में 800 से अधिक सीएससी सेंटर संचालित हो रहे हैं। इन सेंटरों से सेंटर संचालक को रोजगार मिला है तो लोगों को सुविधा। अब छोटे-छोटे कार्य के लिए लोगों को शहर नहीं आना पड़ता। उन्हें अपने पास में चल रही सीएससी सेंटर पर 100 से अधिक प्रकार की सुविधा मिल जाती है। वहीं ग्राम सचिवालय में गांव स्तर के अधिकारी बैठने लगे है। परिणाम ये रहा कि बड़ी आबादी गांव छोड़कर शहरों की तरफ दौड़ने लगी। वो वापस गांवों की तरफ बढ़ रही है। -----------------------------------------------

परमाणु संयंत्र से भी मिल रहा रोजगार :

गांव गोरखपुर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाया जा रहा है। पिछले आठ साल से इसमें काम चल रहा है। उम्मीद है कि 2024 में इसमें बिजली उत्पन्न होनी शुरू हो जाएगी। फिलहाल इससे 600 से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। आगामी दो तीन वर्ष में 4 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

------------------------------जिले में 3 हजार से अधिक औद्योगिक इकाई :

जिले के अधिकांश कस्बों में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने सेक्टर काट दिए है, लेकिन इंडस्ट्रियल एरिया अभी तक नहीं बनाया। फिर भी लोग अपने स्तर पर उद्योग संचालित कर रहे है। सरकार की औद्योगिक नीति 2015 के तहत जिले में उद्योग लगाने के लिए एनओसी स्वत: ही मिल रही है। जिले में अब तक 3 हजार से अधिक छोटी बड़ी ईकाई संचालित हो रही है।

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वर्ष जनसंख्या साक्षरता फीसदी में

1991 6 लाख 61 हजार 48

2001 8 लाख 6 हजार 57

2011 9 लाख 44 हजार 67

2020 10 लाख 90 हजार अनुमानित 79

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क्षेत्रफल : 2538 वर्ग किलोमीटर

घनत्व : 389 व्यक्ति वर्ग किलोमीटर

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स्वरोजगार के लिए सरकार कर रही सहायता : उपनिदेशक

प्रदेश सरकार रोजगार को बढ़ावा देने के लिए युवाओं की हर प्रकार से सहायता दे रही है। अब स्वरोजगार करने के लिए प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इससे युवाओं को रोजगार करने में आसानी हुई है। मुद्रा योजना से अनेक युवाओं को ऋण मिला है।

- ज्ञानचंद लांग्यान, उप निदेशक, जिला उद्योग केंद्र।


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