सड़क दुर्घटना में 158 की गई जान, , श्यामा प्रसाद योजना का लाभ मिला 100 को
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटना में मृतक व दिव्यांग हुए लोगो
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटना में मृतक व दिव्यांग हुए लोगों की सहायता के लिए डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना शुरू की। इस योजना को ज्यादा प्रचार-प्रसार न होने की वजह से ज्यादा लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। तभी जितने एक वर्ष दुर्घटना होने से अब तक मौत हुई है उनमें से उनके लोग तो अभी तक आवेदन भी नहीं किया। जिसके चलते वे लाभ से वंचित हो गए। जिले में गत वर्ष 158 लोग की दुर्घटना में मौत हुई। उनमे से मृतक परिवार से संबंधित 100 लोगों ने आवेदन किए। जिनमें से 59 को सहायता मिल गई हैं, बाकि बचे हुए 41 मृतक के परिवारों को फरवरी के पहले सप्ताह में राशि जारी कर दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने योजना सितंबर 2018 में बनाई थी। इस योजना को लागू वर्ष 2019 से किया था।
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ये है सहायता योजना :
डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत सरकार आकस्मिक मृत्यु व दिव्यांग होने के मामले में एक लाख का बीमा कवर देगी। पात्र लाभार्थियों को किसी भी बीमा प्रीमियम का भुगतान नहीं करना है। ये योजना पूरी तरह निशुल्क है। योजना के दायरे में वो आएंगे, जो प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में पंजीकृत नहीं हैं। आवेदन के लिए संबंधित परिवार को व्यक्ति की मृत्यु के 6 माह या दुर्घटना के 12 माह से पहले दावा करने के लिए आवेदन करना होगा। योजना का लाभ पीड़ित 18 से 70 वर्ष तक लिया जा सकता है।
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मृत्यु या दिव्यांगता पर इन्हें होता भुगतान :
दुर्घटना में मृत्यु होने पर एक लाख रुपये और दुर्घटना के कारण दोनों आंखों की पूर्ण या रि-कवरेबल हानि या दोनों हाथों या पैरों की हानि या एक आंख की ²ष्टि खोने या हाथ या पैर की हानि के मामले में एक लाख रुपए दिए जाएंगे। दिव्यांगता के मामले में लाभ का भुगतान दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को किया जाएगा। जबकि मृत्यु के मामले में लाभ वरीयता के आधार पर परिवार में जीवित पति या पत्नी (यदि पुनर्विवाह न किया हो), सभी अविवाहित बच्चों को बराबर हिस्सा, माता-पिता को दिया जाएगा।
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मौत व दुर्घटनाओं की ये वजह मान्य :
रेल, सड़क या हवाई दुर्घटनाओं, दंगों, हड़ताल और आतंकवाद जैसी दुर्घटनाओं के कारण दिव्यांगता या मृत्यु जैसे मामले आएंगे। साथ ही सांप काटने, डूबने, करंट लगने, ऊंचाई से गिरने, मकान के गिरने, अग्नि, विस्फोट, हत्या, जानवरों के हमले, भगदड़ और घुटन, लू लगने, बिजली गिरने, जलने, भूख या भुखमरी और प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु जैसे मामले कवर होंगे।
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योजना लाभ के लिए अमान्य :
युद्ध और इससे संबंधित खतरे, परमाणु जोखिम और जानबूझ कर स्वयं को चोट पहुंचाने, आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास, मादक पदार्थो के कारण, यात्री के रूप में हवाई यात्रा के अलावा आपराधिक मामले शामिल नहीं होंगे। इन मामलों के चलते मृत्यु होने पर किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलेगी।
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दावे पर डीएसडब्ल्यूओ व डीसी को फैसला लेने के पांच-पांच दिन :
विभाग की साइट पर ऑनलाइन या कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी दावा 5 दिन में डीसी के पास भेजेंगे। डीसी भी 5 दिन में दावे पर फैसला लेंगे। डीसी के फैसले के खिलाफ सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के निदेशक को अपील की जा सकती है। अपील दायर करने की समय सीमा डीसी से आवेदन रद्द होने की तिथि से 3 माह होगी। राशि का भुगतान सीधा पात्र दावेदार के बैंक खाते में किया जाएगा।
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ये चाहिए दस्तावेज :
- एप्लीकेशन फार्म
- हरियाणा निवास प्रमाण पत्र डोमिसाइल सर्टिफिकेट
- आधार कार्ड
- दुर्घटना पीड़ित का आयु प्रमाण पत्र
- एफआइआर
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट - मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि दावेदार जीवित पति या पत्नी है तो इसका हलफनामा कि उसने पुनर्विवाह नहीं किया है, देना होगा।)
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डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना के तहत 59 पीड़ित परिवारों को सरकारी ओर से सहायता मिल चुकी है। 41 लोगों ने ओर आवेदन किए थे। उनके रुपये ट्रेजरी में आ गए है। जो अलग सप्ताह में जारी कर दिया जाएगा।
- डा. डीएस सैनी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, फतेहाबाद।