Move to Jagran APP

जिले में 114 एटीएम, सुरक्षा गार्ड सिर्फ 59 पर, सुरक्षा राम भरोसे

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिले में बैंकिग सेवाएं लगातार बढ़ रही हैं। अधिकांश बैंको

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 12:04 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 06:16 AM (IST)
जिले में 114 एटीएम, सुरक्षा गार्ड सिर्फ 59 पर, सुरक्षा राम भरोसे
जिले में 114 एटीएम, सुरक्षा गार्ड सिर्फ 59 पर, सुरक्षा राम भरोसे

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

loksabha election banner

जिले में बैंकिग सेवाएं लगातार बढ़ रही हैं। अधिकांश बैंकों में तो सुरक्षा की दृष्टि से सिक्योरिटी गार्ड लगे हुए है। लेकिन परेशानी एटीएम को लेकर आती है। जिले में अक्सर एटीएम तोड़ने की घटनाएं सामने आ रही है। गत महीने भी एटीएम तोड़ने की घटना हुई, हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंचने से एटीएम तोड़ रहे आरोपित भाग गए। परेशानी यह है कि बैंक भी अपनी सुरक्षा को चितित नहीं है। जिले में विभिन्न बैंकों की 196 शाखाएं हैं। इन बैंकों के जिले में 114 एटीएम हैं। जो शहर के साथ अधिकांश बड़े गांव में स्थित हैं। हालांकि सिर्फ 59 एटीएम पर ही सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात रहते हैं। बाकि 55 एटीएम तो अभी भी रामभरोसे है। यदि बैंक बचे हुए एटीएम पर भी सुरक्षा गार्ड तैनात करे तो युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं लोगों को भी देर रात तक एटीएम की सुविधा मिलेगी। अब जिन एटीएम पर सुरक्षा गार्ड नहीं है वे शाम होते ही बंद कर दिए जाते है। कई जगह तो एटीएम बैंक के साथ ही खुलते व बंद होते है। जबकि बैंक उपभोक्ताओं से एटीएम की सुविधा के नाम पर प्रत्येक वर्ष 300 से 500 रुपये तक वसूल करते हैं। जबकि सुविधा एटीएम की जब पड़ती है, जब बैंक बंद हो।

------------------------------

आंकड़ों पर एक नजर

जिले में बैंक : 196

जिले में एटीएम : 114

एटीएम में सुरक्षा गार्ड : 59

----------------------------------

अब एटीएम व बैंक के सीसीटीवी खराब मिले तो बैंक मैनेजर जिम्मेदार :

अब यदि किसी बैंक व एटीएम में लूट की घटना होती है। वहां पर लगे सीसीटीवी व डीवीआर खराब मिलेंगे तो संबंधित बैंक प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके लिए पुलिस विभाग ने बैंकों की जिम्मेदारी तय की है। यहां तक कि पुलिस अब रूटिन में बैंकों की जांच करते हुए सीसीटीवी रिकार्ड जांचेगी। कैमरे सही से नहीं चले तो भी बैंक मैनेजरों पर कार्रवाई की जाएगी। रिकार्ड सुरक्षित रखने के लिए दो डीवीआर रखे। ताकि सीसीटीवी फुटेज को सही से सहेजा जा सके।

---------------------------

गत महीने हुई थी जांडली में घटना :

बैंक के एटीएम लूटने की गत दिसंबर व जनवरी महीने के अंदर दो घटना हो चुकी हैं। हालांकि इस दौरान चारों को कामयाबी नहीं मिली, फिर भी एटीएम की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे। जांडली में गत 3 जनवरी का घटना हुई थी। वहीं टोहाना में गत 13 दिसंबर को भूना रोड स्थित एसबीआई एटीएम तोड़ने की घटना हुई। लेकिन किसी तरह वे कामयाब नहीं हो पाए।

-------------------------------

एटीएम लूट की घटना न हो, इसलिए दिए गए है कम कैश रखने के निर्देश :

एटीएम लूट की घटना न हो, इसलिए बैंकों को निर्देश दिया हुआ है कि वे एटीएम में एकमुश्त अधिक कैश न रखे। अधिक कैश होने पर ही एटीएम लूटने की घटनाए होती है। दरअसल, बैंक विभिन्न एजेंसियों के साथ अनुबंध कर लेते है। उसके बाद एटीएम की सुरक्षा व उनमें रुपये रखने का काम एजेंसी के मार्फत होता है। एजेंसी के कर्मचारी एटीएम में एक साथ ही 5 से 10 लाख रुपये तक का कैश जमा कर देते हैं, ताकि बार-बार उन्हें एटीएम के चक्कर ने काटने पड़े। अब निर्देश दिए हुए है कि एटीएम में पांच लाख रुपये से कम कैश रखा जाए।

------------------

गत महा पुलिस अधीक्षक ने भी बैठक ली थी। बैठक में सभी बैंकों के जिले के मुख्य प्रबंधक मौजूद थे। एटीएम व बैंकों की सुरक्षा के लिए हमने निर्देश दिए थे। वैसे अधिकांश बैंक में सुरक्षा गार्ड है। एटीएम की सुरक्षा को लेकर भी उचित प्रबंधन करने के निर्देश दिए हुए है।

- अनिल मीणा, एलडीएम, जिला अग्रणी बैंक।

----------------------------

मैंने गत महा बैंक के अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें मैंने उन्हें निर्देश दिए थे कि वे सुरक्षा की ²ष्टि से व्यापक प्रबंध करें। कई बार घटना होने के बाद पता चलता है कि एटीएम में सीवीटीवी भी सही से काम नही कर रहे थे। अब ये बैंक प्रबंधक की गलती मानी जाएगी।

- विजय प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक, फतेहाबाद।

-----------------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.