खेती योग्य भूमि का सौ फीसद किया जाएगा पंजीकरण, पंजीकृत आंकड़ों की जाएगी मैपिग
राज्य सरकार की हिदायत अनुसार मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर खेती योग्य भूमि का सौ फीसद पंजीकरण किया जाएगा। प्रत्येक एकड़ की मैपिग भी करवाई जाएगी। मैपिग करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपायुक्त महावीर कौशिक ने मंगलवार को कृषि राजस्व पंचायत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर इस कार्य को तय समय में करने के निर्देश दिए।
जागरण संवादाता, फतेहाबाद : राज्य सरकार की हिदायत अनुसार मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर खेती योग्य भूमि का सौ फीसद पंजीकरण किया जाएगा। प्रत्येक एकड़ की मैपिग भी करवाई जाएगी। मैपिग करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपायुक्त महावीर कौशिक ने मंगलवार को कृषि, राजस्व, पंचायत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर इस कार्य को तय समय में करने के निर्देश दिए। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर खेती योग्य भूमि का पंजीकरण करें। किसानों को इसके लिए जागरूक किया जाए। इस पंजीकरण के माध्यम से एकत्रित किए गए आंकड़ों के आधार पर किसान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा बागवानी विभाग द्वारा लागू की जा रही वित्तीय और सब्सिडी योजनाओं का लाभ त्वरित और सरलता से उठा सकेंगे।
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पंजीकरण के बाद होगा मैपिग का कार्य
खेती योग्य भूमि का शत प्रतिशत पंजीकरण हो जाने के बाद इस भूमि की मैपिग का कार्य भी किया जाएगा। इस कार्य में कृषि, पंचायत, बागवानी, सिचाई और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन कर्मचारियों का प्रशिक्षण जिला में सभी खंडों पर 21 जुलाई से होगा। जिला राजस्व अधिकारी को प्रशिक्षण का नोडल अधिकारी बनाया गया है। संबंधित कृषि विभाग के एसडीओ अपने-अपने क्षेत्रों में यह प्रशिक्षण स्थान देखकर करवाना सुनिश्चित करेंगे। सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर होंगे।
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मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसान 31 जुलाई तक करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
राज्य सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल डब्लूडब्लूडब्लू.फसल.जीओवी. इन पर पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2021 निर्धारित की गई है।
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मेरी फसल मेरा ब्योरा योजना से किसानों को लाभ
मेरी फसल मेरा ब्योरा योजना हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसान और खेत संबंधित सारा ब्योरा इकट्ठा कर रखती है, जिसका उपयोग राज्य सरकार किसान को उनकी हित के लिए चलाई गई सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए किया जाता है। साथ ही किसान का पंजीकरण हो जाने के बाद उन्हें बीज उर्वरक एवं कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी समय से उपलब्ध कराई जाती है और अनेक प्रकार की कृषि संबंधित जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है।
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वैकल्पिक खेती करने पर मिलेगी 7 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि
जल का संरक्षण करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से किसानों को धान की खेती छोड़कर अन्य कम पानी में पैदा होने वाली फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार की ओर से किसानों को प्रति एकड़ 7 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत इस वर्ष जिला में 21590 एकड़ जमीन को धान मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। अब तक इसमें से लगभग 11 हजार एकड़ भूमि पर धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई की गई है।
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बाजरा की जगह दूसरी फसल लगाने पर मिलेंगे 4000 रुपये
धान के साथ ही बाजरा की फसल की जगह अन्य कम पानी वाली वैकल्पिक फसलों बुवाई करने को लेकर भी राज्य की ओर से विशेष प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। इसके तहत यदि किसान बाजारा की जगह अन्य फसल की बुवाई करता है तो उसे 4 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाएगी। ऐसी योजनाएं चलाने के पीछे सरकार का उद्देश्य राज्य में कम पानी वाली फसलों की उत्पादन पर जोर देना है। हरियाणा सरकार ने दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। बैठक में एसडीएम गौरव अंतिल, भारत भूषण कौशिक, डीआरओ प्रमोद चहल, डीडीपीओ बलजीत चहल, डीडीए डा. राजेश सिहाग, डीआईओ सिकंदर, तहसीलदार रणविजय, नायब तहसीलदार भजन दास, गोपीचंद, बीडीपीओ विनय प्रताप सिंह, संदीप भारद्वाज, नरेन्द्र सिंह सहित राजस्व, कृषि व पंचायत विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।