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पाक के खिलाफ किशोर क्रिकेटरों में जोश भरकर जीता विश्व कप

क्रिकेट विश्व कप के मुख्य संस्करणों में आज तक टीम इंडिया पड़ोसी मुल्क और कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से पराजित नहीं हुई। यह तथ्य सभी खेल प्रेमी भली भांति जानते हैं पर बहुत कम क्रिकेट प्रेमी यह जानते हैं कि अंडर-15 जूनियर विश्व कप में भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान को धूल चटाई हुई है। भारतीय क्रिकेट की यह गौरवमयी स्वर्णिम गाथा 23 साल पहले क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉडर्स के मैदान पर 20 अगस्त-1996 को लिखी गई थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 08:14 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 06:31 AM (IST)
पाक के खिलाफ किशोर क्रिकेटरों 
में जोश भरकर जीता विश्व कप
पाक के खिलाफ किशोर क्रिकेटरों में जोश भरकर जीता विश्व कप

सुशील भाटिया, फरीदाबाद : क्रिकेट विश्व कप के मुख्य संस्करणों में आज तक टीम इंडिया पाकिस्तान से पराजित नहीं हुई। यह तथ्य सभी खेल प्रेमी भली भांति जानते हैं, पर बहुत कम क्रिकेट प्रेमी यह जानते हैं कि अंडर-15 जूनियर विश्व कप में भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान को धूल चटाई हुई है। भारतीय क्रिकेट की यह गौरवमयी स्वर्णिम गाथा 23 साल पहले क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉडर्स के मैदान पर 20 अगस्त-1996 को लिखी गई थी।

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अब क्रिकेट विश्व कप में जब रविवार को 16 जून को भारत-पाक के बीच होने वाले मैच का सभी इंतजार कर रहे हैं, तो अंडर-15 टीम के मुख्य प्रशिक्षक सरकार तलवाड़ और इस टीम में शामिल फरीदाबाद निवासी ईशान गंडा के जहन में भी वो सुनहरी यादें ताजा हो गई।

फरीदाबाद के ही राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम में एक अप्रैल-1995 को देश भर से पहुंचे 300 बच्चों के ट्रायल के बाद 14 खिलाड़ियों का टीम इंडिया में स्थान पक्का हुआ था। इस टीम के कप्तान थे पंजाब के रितेंदर सोढी व उप कप्तान यूपी के मोहम्मद कैफ, जो बाद में सीनियर टीम इंडिया का भी हिस्सा बने और मुख्य प्रशिक्षक थे हरियाणा को 1992 में अपने प्रशिक्षण काल में रणजी ट्राफी का खिताब दिलाने वाले सरकार तलवाड़। भारतीय टीम ने पहले ही मैच में मेजबान इंग्लैंड को, उसके बाद वेस्टइंडीज, जिबाब्वे और कनाडा को और सेमीफाइनल में 15 अगस्त के दिन दक्षिण अफ्रीका को शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया था। पाकिस्तान के साथ फाइनल मैच से पहले भरा जोश

फाइनल मैच से पहले वाली रात को मुख्य प्रशिक्षक तलवाड़ ने टीम मीटिग में 15 साल से भी कम उम्र तक के किशोर क्रिकेटरों देश की आजादी के लिए अनेकों वीरों द्वारा दी गई कुर्बानियां और अंडमान निकोबार में अनेक क्रांतिकारियों को काला पानी की सजा वाली वीर गाथाएं सुना कर उनमें देश प्रेम का जोश भरा। तलवाड़ के अनुसार सभी किशोर क्रिकटरों को कहा गया कि उन्हें मौका मिला है अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का, सामने टीम पाकिस्तान है। बस इसके बाद जब उन्होंने खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर शुभकामनाएं दी, तो उनमें जोश का संचार हो चुका था और नन्हें कोमल हाथ कठोर हो चुके थे। अगले दिन सभी जोश के साथ खेले और पाकिस्तान को चार विकेट से शिकस्त देकर देश को खिताब दिला दिया। फाइनल में रितेंद्र सोढी ने नाबाद 82 रन की पारी खेली, साथ में तीन विकेट भी ली थी। फरीदाबाद के ही खिलाड़ी ईशान गंडा ने 58 रन देकर तीन विकेट लिए थे। फाइनल मैच देखने शरद पवार व चेतन शर्मा भी पहुंचे थे। फाइनल मैच में वेस्टर्न स्टैंड पर करीब साढ़े 12 हजार दर्शक पाकिस्तानी थे और ईस्टर्न स्टैंड पर इतनी ही संख्या में भारतीय दर्शक। हमने जब पाकिस्तान को हरा कर विश्व कप जीता, तो पूरे लंदन में दीवाली थी, आतिशबाजी से आकाश गुंजायमान था। सड़कों पर तिरंगे लहरा रहे थे। कप जीतने पर शरद पवार ने सभी खिलाड़ियों को 500-500 पाउंड दुबई में शापिग के लिए दिए। पाकिस्तान टीम में मशहूर लेग स्पिनर अब्दुल कादिर के बेटे इमरान कादिर भी थे, तो आज भी सीनियर टीम में खेल रहे शोएब मलिक भी उसी टीम का हिस्सा थे।

-सरकार तलवाड़, तत्कालीन मुख्य प्रशिक्षक, अंडर-15 विश्व चैंपियन भारतीय टीम मेरे जहन में आज भी वो यादें ताजा हैं। तब हम किशोर थे। पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिद्वंद्विता क्या होती है, इसका हमें नहीं पता था, पर फाइनल मैच था, इसलिए सभी में जोश था। मुझे गर्व है कि मैं उस टीम का हिस्सा था, जिसने पाकिस्तान को परास्त कर देश को खिताब दिलाया और मैंने इसमें अपना योगदान दिया।

-ईशान गंडा, सदस्य तत्कालीन अंडर-15 विश्व कप विजेता टीम


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