बालिकाओं का जीवन संवारने में जुटी हैं ईशा गुप्ता
जिले में बहुत सी संस्थाएं और महिलाएं हैं जो नारी सशक्तिकरण की दिशा में सक्रिय हैं। इनमें सेक्टर 15 निवासी ईशा गुप्ता कुछ अलग तरीके से समाजसेवा कर रही हैं। स्कूलों की बच्चियों को शिक्षा प्रदान करने में मदद करने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और भविष्य संवारने के प्रति गंभीरता बरतते हुए सेवाएं दे रही हैं।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : जिले में बहुत सी संस्थाएं और महिलाएं हैं, जो नारी सशक्तिकरण की दिशा में सक्रिय हैं। इनमें सेक्टर 15 निवासी ईशा गुप्ता कुछ अलग तरीके से समाजसेवा कर रही हैं। स्कूलों की बच्चियों को शिक्षा प्रदान करने में मदद करने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और भविष्य संवारने के प्रति गंभीरता बरतते हुए सेवाएं दे रही हैं। इसके लिए ईशा गुप्ता ने अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं को इकट्ठा करके पहले तो लायनेस क्लब बनाया और फिर सबके साथ मिलकर जुट गईं सेवा में। इस क्लब के माध्यम से बच्चियों, किशोरियों और युवतियों के कल्याण के लिए कार्यक्रम किए जाते हैं। बच्चियों को पुस्तकें, स्टेशनरी उपलब्ध कराने की बात हो, या फिर स्वास्थ्य जांच की। क्लब ऐसे कार्यक्रमों में आगे रहता है। मां और सास से मिली सेवा की प्रेरणा
करीब 4 वर्ष पहले ईशा गुप्ता को अपनी मां गीता बंसल और सास शिक्षा गुप्ता से सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिली थी। मां के प्रोत्साहन से बल मिला तो उन्होंने लायनेस क्लब का गठन किया। शुरुआती दौर में ईशा गुप्ता के साथ उनकी सास शिक्षा गुप्ता सक्रिय रूप से जुड़ीं। बाद में वंदना, भावना अरोड़ा, प्रीति, श्वेता झा, सुप्रिया, मीनू ढल, नेहा, निकिता, मंजू जैन और नीलम चक्रवर्ती, आरती गुप्ता, मोनिका गुप्ता, दीपस गर्ग तथा कुसुम नागपाल भी लायनेस क्लब से जुड़ गईं। ईशा गुप्ता ने जब लायनेस क्लब की गतिविधियों की शुरुआत की, तो सबसे पहले उन्होंने ऊंचा गांव बल्लभगढ़ के सरकारी स्कूल में जाकर छात्र-छात्राओं के लिए स्टेशनरी बैग और पुस्तकों का वितरण किया था, साथ ही स्कूल परिसर के लिए मैट तथा अन्य सामग्री का इंतजाम किया था। इसके बाद उन्होंने छात्राओं के स्वास्थ्य और उनको शिक्षित करने का कार्य शुरू किया। वृद्धाश्रम में जाकर भी ईशा गुप्ता के साथ लायनेस क्लब की सदस्य बुजुर्गों की सेवा करती हैं। सरकारी स्कूलों की बच्चियों को जरूरी सामग्री प्रदान करना लायनेस क्लब की प्रमुख गतिविधियों में शामिल है। मैं समाजसेवा के क्षेत्र में जितना भी कार्य कर पा रही हूं। उसका श्रेय क्लब की सभी सदस्यों को जाता है। मेरे पति नीरज गुप्ता हमेशा मुझे आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं। मैं कभी अपनी मां गीता बंसल को सामाजिक कार्य करते देखती थी कि विचार आता था कि मैं भी कुछ नेक काम करूं। मां का मार्गदर्शन तो है ही, मेरी सास शिक्षा गुप्ता ने भी मुझे बेहतर कार्य करने को प्रेरित किया। वंचित बच्चियों के लिए कुछ कर पाती हूं तो अच्छा लगता है। आज स्कूल और कॉलेज की छात्राओं में रक्त की कमी है। इसके लिए जागरूकता की जरूरत है। अब मैं आर्य कन्या सदन, सेक्टर-15 से जुड़कर भी जरूरतमंद कन्याओं के जीवन को संवारने का प्रयास करूंगी।
-ईशा गुप्ता, अध्यक्ष, लायनेस क्लब।
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