दैनिक जागरण वेबिनार : छात्र का ध्यान सदैव लक्ष्य पर केंद्रित होना चाहिए : डॉ.एनसी वधवा
दैनिक जागरण की ओर से दसवीं कक्षा बोर्ड परीक्षा पास करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के महानिदेशक डॉ. एनसी वधवा आइएमटी कॉलेज के निदेशक डॉ. रवि हांडा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : दैनिक जागरण की ओर से 10वीं कक्षा बोर्ड परीक्षा पास करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के महानिदेशक डॉ.एनसी वधवा, आइएमटी कॉलेज के निदेशक डॉ.रवि हांडा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। दोनों अतिथियों ने छात्रों को उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं वैश्विक महामारी की वजह से आ रही चुनौतियों एवं इस प्रतिकूल माहौल में देश एवं समाज के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इसमें 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्रों ने 10वीं कक्षा के परिणाम में सफल होने वाले छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए। वर्जन..
कोरोना संक्रमण से चार माह से विद्यालय बंद है। अध्यापक शिक्षा देने में काफी मेहनत कर रहे हैं। यह समय सूचना तकनीक (आइटी) के संसाधनों का सही दिशा में उपयोग का है। छात्रों का ध्यान सदैव अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहे। छात्र इन दिनों को छुट्टियां न समझकर तैयारियां करें। इसे अवसर के रूप में लें। हम कई वस्तुओं के लिए चीन पर निर्भर हैं। इस प्रतिकूल माहौल में आत्मनिर्भर बनने का मौका है। छात्रों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट के जरिए अवसर तलाशने होंगे।
--डॉ. एनसी वधवा, महानिदेशक, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज
स्कूल से निकलकर कॉलेज में पहुंचने पर पढ़ाने का तरीका बदल जाता है। कॉलेज में अध्यापक छात्रों की प्रतिभा निखारते हैं। स्कूल में पढ़ाया जाता है, जबकि कॉलेज में सिखाया जाता है। छात्र को खुद पढ़ना पड़ता है। इस वर्ष कॉलेज में दाखिला लेने वाले छात्रों को अपना लक्ष्य खुद तय करना होगा। लक्ष्य के चयन में छात्र को अपने दिल एवं मस्तिष्क की सुननी चाहिए।
- डॉ. रवि हांडा, निदेशक, आइएमटी कॉलेज
बोर्ड परीक्षाओं के लिए 12वीं कक्षा के पहले दिन से तैयारी शुरू कर दी थी। कक्षा के अलावा ऑनलाइन माध्यमों से विषय संबंधी दुविधाओं को दूर किया जाता था।
-प्राप्ति चौधरी, डीपीएस सेक्टर-81 स्कूल में पाठ्यक्रम को जल्द समाप्त कराने के बाद रिवीजन होता था और मासिक टेस्ट होते थे। इससे परीक्षा की अच्छी तैयारी हो गई थी।
-इशिता श्रीवास्तव, डीपीएस सेक्टर-81
सामान्य दिनों में तीन से चार घंटे पढ़ती थी। परीक्षा के दौरान सात-आठ घंटे पढ़ाई करती थी। परीक्षा की तैयारी के दौरान अध्यापक सदैव ऑनलाइन रहते थे। विषय संबंधी दुविधा होने पर पूछा करती थी।
-अनन्या श्रीवास्तव, अरावली इंटरनेशनल स्कूल
अच्छे अंक लाने के लिए सबसे पहले अध्यापकों से मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखें। उनसे पाठ्यक्रम संबंधी समस्याएं पूछने में हिचकिचाएं नहीं। कई छात्र संकोच के चलते शिक्षक से नहीं पूछते और अच्छे अंक लाने से वंचित रह जाते हैं।
- कामना सिगला, विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल
पाठ्यक्रम समाप्त होने के बाद बेहतर तैयारी के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाती थी। मासिक परीक्षाओं के जरिए बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी बेहतर हो सकी।
- प्रगति शर्मा, सेंट जोंस स्कूल
एक साथ छह से आठ घंटे पढ़ना मुश्किल होता है। दो घंटे पढ़ने के बाद थोड़ा आराम करती थी। उसके बाद दोबारा पढ़ाई में जुटती थी। इससे बोरियत भी नहीं होती थी।
- प्रियांशी, विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल
परीक्षा की तैयारी में अध्यापकों एवं अभिभावकों ने बहुत सहयोग किया। अध्यापक पाठ्यक्रम की तैयारी कराते थे, जबकि अभिभावक मानसिक रूप से मजबूत बनाते थे।
-रिशिता अग्रवाल, रावल इंटरनेशनल स्कूल
पहले दिन से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। प्री बोर्ड परीक्षाओं से काफी लाभ मिला। इन परीक्षाओं से बोर्ड परीक्षाओं में आने वाले प्रश्नपत्र के बारे में पता चल गया था।
- शारिक खान, रावल इंटरनेशनल स्कूल
अध्यापकों के मार्गदर्शन से ही बोर्ड परीक्षाओं में सफल हुआ हूं। विषय संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए शिक्षक फोन पर हमेशा उपलब्ध रहते थे।
-पारुल चौहान, अरावली इंटरनेशनल स्कूल